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सामान्य अध्ययन-2: केन्द्र और राज्यों द्वारा जनसंख्या के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का निष्पादन; इन कमजोर वर्गों के संरक्षण और बेहतरी के लिए गठित तंत्र, कानून, संस्थाएं और निकाय।

संदर्भ: 

हाल ही में प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना यानी पीएम विश्वकर्मा योजना को दो साल पूरे हो गए हैं।

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना

• यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा 17 सितंबर, 2023 को शुरू किया गया था। इस योजना को प्रारंभिक तौर पर 2027-28 तक, यानी पाँच वर्षों की अवधि के लिए लागू किया गया है।

• उद्देश्य:

  • इस योजना का शुभारंभ कारीगरों और शिल्पकारों के जीवन स्तर को उन्नत करने के उद्देश्य से किया गया था, जिसमें उनके कौशल में वृद्धि करना और उनके उत्पादों एवं सेवाओं की पहुँच बढ़ाना शामिल है।
  • इसका लक्ष्य कारीगरों और शिल्पकारों को उनके संबंधित व्यवसायों के लिए पूर्ण और समग्र सहायता प्रदान करना है।

• कार्यान्वयन एजेंसियां: इस योजना का कार्यान्वयन निम्नलिखित मंत्रालयों/विभागों द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है:

  • सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MoMSME)
  • कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE)
  • वित्तीय सेवा विभाग (DFS), वित्त मंत्रालय (MoF)

प्रमुख विशेषताएँ

• जिला परियोजना प्रबंधन इकाइयाँ (DPMUs): योजना के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने, विश्वकर्माओं को प्रशिक्षण कार्यक्रमों और केंद्रों की जानकारी देने, हितधारकों के साथ समन्वय स्थापित करने और दिशानिर्देशों के अनुपालन हेतु केंद्रों की निगरानी के लिए लगभग सभी जिलों में DPMUs की नियुक्ति की गई है।

• क्रेडिट सहायता: इस योजना के तहत, विश्वकर्माओं को सहायता देने के लिए बिना किसी गारंटी (collateral-free) के ‘उद्यम विकास ऋण’ उपलब्ध कराए जाते हैं।

  • यह ऋण उन्हें अपने व्यवसाय के विस्तार में सहायता करता है और उन्हें अधिक ब्याज वसूलने वाले अनियंत्रित साहूकारों पर निर्भरता से मुक्ति दिलाता है।

• टूलकिट प्रोत्साहन: सरकार कारीगरों और शिल्पकारों को उनके काम के लिए गुणवत्तापूर्ण उपकरण खरीदने में सहायता हेतु ई-वाउचर के रूप में ₹15,000 का वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करती है।

पात्रता मानदंड

  • लाभार्थी को हाथों और पारंपरिक औजारों से काम करने वाला होना चाहिए।
  • उल्लेखित 18 पारंपरिक, पारिवारिक-आधारित व्यवसायों में से किसी एक में संलग्न होना चाहिए।
  • असंगठित क्षेत्र या स्वरोजगार के आधार पर कार्यरत होना चाहिए।
  • पंजीकरण की तिथि पर न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
  • पिछले 5 वर्षों में केंद्र/राज्य सरकार की किसी भी समान क्रेडिट-आधारित स्वरोजगार/व्यवसाय विकास योजना के तहत कोई भी ऋण न लिया गया हो।
  • इस योजना का लाभ परिवार के केवल एक सदस्य तक ही सीमित रहेगा।
  • लाभार्थी या परिवार का सदस्य सरकारी सेवा में कार्यरत नहीं होना चाहिए।

पीएम विश्वकर्मा योजना की उपलब्धियाँ

  • यह योजना 2 वर्षों में ही 30 लाख प्रस्तावित लाभार्थियों के अपने 5-वर्षीय लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर अग्रसर है।
  • 31 अगस्त 2025 तक, लगभग 30 लाख कारीगर और शिल्पकार पंजीकृत हो चुके हैं, जिनमें से 26 लाख से अधिक लाभार्थियों का कौशल सत्यापन (Skill Verification) पूरा हो चुका है। इन सत्यापित लाभार्थियों में से लगभग 86% ने अपना बुनियादी प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।
  • कुशल कारीगरों को आधुनिक तकनीकों से लैस करने के लिए टूलकिट प्रोत्साहन (Toolkit Incentives) के रूप में 23 लाख से अधिक ई-वाउचर जारी किए गए हैं।
  • दोनों किश्तों को मिलाकर 4.7 लाख से अधिक ऋण स्वीकृत किए गए हैं, जिनका कुल मूल्य ₹41,188 करोड़ है।

Sources:
PIB
DD News
Business-Standard

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