संबंधित पाठ्यक्रम
सामान्य अध्ययन-2: भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और करार|
संदर्भ:
फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी लिगामामादा राबुका इस समय अपनी पहली तीन दिवसीय भारत यात्रा पर हैं। यह यात्रा व्यापार और निवेश जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है।
अन्य संबंधित जानकारी

- फिजी के प्रधानमंत्री के साथ एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी भारत आ रहा है जिसमें वहाँ के स्वास्थ्य मंत्री तथा कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
- ऐसी अपेक्षा है कि वे नई दिल्ली स्थित भारतीय विश्व मामलों की परिषद (ICWA) में ‘शांति का महासागर’ (Ocean of Peace) विषय पर अपने विचार रखेंगे।
- यह यात्रा भारत और फिजी के बीच दीर्घकालिक और चिरकालिक संबंधों को रेखांकित करती है।
भारत-फिजी संबंध
विषय | मुख्य विवरण |
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि | • भारत -फिजी के संबंधों की शुरुआत 1879 में हुई जब अंग्रेजों द्वारा भारतीय मजदूरों को गन्ने के बागानों में काम करने के लिए अनुबंध प्रणाली के तहत वहाँ ले जाया गया था।• 1970 में फिजी की स्वतंत्रता तक, भारतीय मूल के लोगों के हितों की रक्षा के लिए 1948 से हि भारत का फिजी में एक आयुक्त था, जबकि फिजी ने 2004 में नई दिल्ली में अपना उच्चायोग स्थापित किया। |
राजनीतिकसंबंध | • भारत प्रशांत द्वीप सहयोग मंच की शुरुआत 2014 में फिजी में की गई थी, जिसके बाद 2015 में जयपुर में और 2023 में पापुआ न्यू गिनी में इसके शिखर सम्मेलन आयोजित किए गए।• भारत और फिजी ने भारत प्रशांत द्वीप सतत विकास सम्मेलन के माध्यम से भी सहयोग किया है, और फिजी अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का एक सक्रिय सदस्य है। |
रक्षा सहयोग | • दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर 2017 में हस्ताक्षर किए गए थे।• फिजी के रक्षा मंत्री AERO इंडिया 2025 में भाग लेने और अपने भारतीय समकक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक करने के लिए फरवरी 2025 में भारत आए। |
वाणिज्यिकऔर आर्थिक संबंध | • फिजी को भारत से होने वाला निर्यात 76.28 मिलियन अमेरिकी डॉलर (2023-24) से बढ़कर 84.67 मिलियन अमेरिकी डॉलर (2024-25) हो गया, जो फिजी के बाजार में भारतीय वस्तुओं की बढ़ती मांग को दर्शाता है।• फिजी से भारत का आयात 1.19 मिलियन अमेरिकी डॉलर (2023-24) से मामूली रूप से बढ़कर 1.54 मिलियन अमेरिकी डॉलर (2024-25) हो गया।• भारत ने फिजी के साथ पर्याप्त व्यापार अधिशेष बनाए रखा, जो 2023-24 में 75.09 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2024-25 में 83.13 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया। |
फार्माकोपियाल सहयोग | • 2025 में, भारत और फिजी ने फार्माकोपिया सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए, जिससे भारतीय दवाओं के बाजार प्राधिकरण के लिए भारतीय फार्माकोपिया को मान्यता मिलेगी और फिजी में एक जन औषधि केंद्र भी खोला जा सकेगा। |
भारत के लिए फिजी का महत्व

- भू-राजनीतिक और सामरिक: दक्षिण प्रशांत क्षेत्र में फिजी की अवस्थिति इसे भारत के हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पहुंच, समुद्री सहयोग, नीली अर्थव्यवस्था में भागीदारी और जलवायु कूटनीति के लिए प्रवेश द्वार बनाता है।
- आर्थिक और विकासात्मक: भारत का फिजी के साथ व्यापार अधिशेष है और ऊर्जा, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि और मानव संसाधन प्रशिक्षण में निवेश के माध्यम से इसके विकास में सहयोग करता है। भारत सरकार के चार उपक्रम फिजी में कार्यरत हैं।
- रक्षा एवं सुरक्षा: रक्षा सहयोग समझौते और नौसैनिक सद्भावना यात्राएं भारत को प्रशांत क्षेत्र में अपनी रणनीतिक उपस्थिति बढ़ाने में सक्षम बनाती हैं।
- सांस्कृतिक और लोगों से लोगों का जुड़ाव: फिजी का विशाल भारतीय मूल का समुदाय, साझा विरासत, तथा गिरमिट दिवस जैसी सांस्कृतिक पहल और हिंदी फिजी की आधिकारिक भाषाओं में से एक है।
