संबंधित पाठ्यक्रम:
सामान्य अध्ययन 2: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां और हस्तक्षेप तथा उनके डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न मुद्दे।
संदर्भ:
ग्रामीण भारत में नल जल कवरेज 81% से अधिक हो गया है; सरकारी आंकड़ों के अनुसार 83 ब्लॉकों में भूजल स्तर में वृद्धि हुई है।
अन्य संबंधित जानकारी
- सरकार की प्रमुख जल जीवन मिशन (JJM) योजना के तहत अब तक 15.68 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल से जल कनेक्शन प्रदान किया गया है, जो कुल 19.36 करोड़ ग्रामीण परिवारों का 81% है।
- फंक्शनलिटी असेसमेंट 2022 के अनुसार,
- 86% घरों में कार्यशील नल कनेक्शन हैं,
- 85% को पर्याप्त मात्रा में जल प्राप्त हो रहा है,
- 80% को नियमित जल आपूर्ति मिल रही है, और
- 87% को गुणवत्ता मानकों पर खरा उतरता जल प्राप्त हो रहा है।
- AMRUT (अटल मिशन फॉर रीजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन) के अंतर्गत 139 लाख के लक्ष्य के मुकाबले 189 लाख नए या सुधारित जल कनेक्शन दिए गए हैं, जबकि AMRUT 2.0 परियोजनाओं के तहत 407 लाख कनेक्शनों को शामिल किया गया है।
- अटल भूजल योजना (ABY) के माध्यम से गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 229 प्रशासनिक ब्लॉकों की 8,203 जल-संकटग्रस्त ग्राम पंचायतों में भूजल की कमी की समस्या को दूर किया जा रहा है।
जल जीवन मिशन (JJM) के बारे में
- भारत सरकार ने अगस्त 2019 में जल जीवन मिशन (JJM) की शुरुआत एक केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में की थी, जिसका उद्देश्य वर्ष 2024 तक हर ग्रामीण परिवार को कार्यात्मक नल जल कनेक्शन (FHTC) प्रदान करना है।
- यह मिशन जल के प्रति सामुदायिक दृष्टिकोण पर आधारित है और इसमें सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) को एक प्रमुख घटक के रूप में शामिल किया गया है।
उद्देश्य:

- हर ग्रामीण परिवार को कार्यात्मक नल जल कनेक्शन (FHTC) प्रदान करना।
- गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्रों, सूखा प्रभावित और रेगिस्तानी क्षेत्रों, सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) वाले गाँवों को प्राथमिकता देना।
- स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों, ग्राम पंचायत भवनों, स्वास्थ्य केंद्रों, वेलनेस सेंटर्स और सामुदायिक भवनों में कार्यात्मक नल कनेक्शन प्रदान करना।
- नल कनेक्शनों की कार्यक्षमता की निगरानी करना।
जल जीवन मिशन के प्रमुख घटक
- विकेन्द्रीकृत योजना:गाँवों को सशक्त बनाया गया है ताकि वे ग्राम कार्य योजना के माध्यम से अपनी जल आपूर्ति प्रणाली का स्वयं डिज़ाइन और क्रियान्वयन कर सकें।
- सामुदायिक स्वामित्व: ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (VWSC) जैसी स्थानीय संस्थाओं को योजना बनाने, कार्यान्वयन करने और रखरखाव की जिम्मेदारी दी गई है।
- जल गुणवत्ता निगरानी: 24.80 लाख से अधिक महिलाओं को फील्ड टेस्ट किट्स (FTKs) का उपयोग करके जल परीक्षण करने का प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे जल सुरक्षा एक सामुदायिक नेतृत्व वाला प्रयास बन गया है।
- सततता:जल स्रोतों की स्थिरता और ग्रे वाटर प्रबंधन को मिशन में एकीकृत किया गया है ताकि दीर्घकालिक जल सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
- क्षमता निर्माण:व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम और सूचना, शिक्षा एवं संचार (IEC) अभियानों के माध्यम से जनजागरूकता और व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा दिया गया है।
वित्तपोषण प्रतिरूप:
- केन्द्र और राज्यों के बीच निधि साझाकरण का पैटर्न हिमालयी और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 90:10, अन्य राज्यों के लिए 50:50 तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए 100% है।
अटल भूजल योजना (ABY)
- अटल भूजल योजना एक भूजल प्रबंधन योजना है, जिसका मुख्य उद्देश्य भूजल स्तर में गिरावट को रोकना और समुदाय की भागीदारी के माध्यम से भूजल प्रबंधन को बेहतर बनाना है।
- यह योजना भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती के अवसर पर 25 दिसंबर 2019 को शुरू की गई थी।
- यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना (Central Sector Scheme) है, जिसकी कुल लागत 6,000 करोड़ रुपये है। इसका उद्देश्य समुदाय की भागीदारी के साथ भूजल का सतत प्रबंधन करना है।
- योजना में जनभागीदारी को बढ़ावा दिया जाता है, जिसमें ग्राम पंचायत स्तर पर वाटर बजटिंग, जल सुरक्षा योजनाओं का निर्माण एवं कार्यान्वयन शामिल है।
- इस योजना को जल शक्ति मंत्रालय (पूर्व में जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय) द्वारा लागू किया जा रहा है।
- यह योजना भारत सरकार और विश्व बैंक द्वारा 50:50 अनुपात में वित्त पोषित है।
- इस योजना को पानी की अधिक खपत वाले और जल-संकटग्रस्त क्षेत्रों में लागू किया गया है, जिनमें ये राज्य शामिल हैं: गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश।