संबंधित पाठ्यक्रम: 

सामान्य अध्ययन 2: सरकारी नीतियां और हस्तक्षेप तथा विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप, उनके अभिकल्पन और कार्यान्वयन से जुड़े विषय।

संदर्भ:

भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (PM E-Drive) योजना को अगले 2 वर्षों के लिए बढ़ा दिया गया है, जिससे इसकी समय सीमा 31 मार्च, 2028 हो गई है।

प्रधानमंत्री E-ड्राइव योजना 

  • भारी उद्योग मंत्रालय (MHI) द्वारा 2024 में शुरू की गई, पीएम ई-ड्राइव पहल सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों के समर्थन के माध्यम से जन गतिशीलता को बढ़ावा देती है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहन खरीद के लिए अग्रिम प्रोत्साहन प्रदान करके और चार्जिंग बुनियादी ढांचे के विकास को प्रोत्साहित करके इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलाव को गति देना है।
  • इस योजना का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने में तेजी लाना और देश भर में आवश्यक चार्जिंग बुनियादी ढांचे की स्थापना करना है, जिससे स्वच्छ और अधिक टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा मिले।
  • यह योजना परिवहन से संबंधित पर्यावरणीय प्रभावों को कम करने और वायु गुणवत्ता में सुधार लाने पर केन्द्रित है, साथ ही आत्मनिर्भर भारत पहल के अनुरूप एक कुशल और प्रतिस्पर्धी इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देती है।
  • यह एक चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम (PMP) के माध्यम से पूरा किया जाना है, जिसे घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और इलेक्ट्रिक वाहन आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

मुख्य घटक

  • सब्सिडी: इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन, इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन, e-एम्बुलेंस, e-ट्रक और अन्य उभरती हुई इलेक्ट्रिक वाहन श्रेणियों के लिए मांग प्रोत्साहन।
  • पूंजीगत परिसंपत्तियों के निर्माण के लिए अनुदान: e-बसें, चार्जिंग स्टेशनों के नेटवर्क की स्थापना और भारी उद्योग मंत्रालय की टेस्टिंग एजेंसियों का अपग्रेडेशन।
  • योजना का प्रशासन में  IEC  (सूचना, शिक्षा और संचार) गतिविधियां और परियोजना प्रबंधन एजेंसी (PMA) के लिए शुल्क शामिल हैं।

पात्रता

  • इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन (e-2Ws): 24.79 लाख उन्नत बैटरी वाले e-2Ws के लिए प्रोत्साहन, जिसमें वाणिज्यिक और निजी दोनों उपयोग के वाहन शामिल हैं।
  • इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन (e-3Ws): 3.2 लाख उन्नत बैटरी वाले e-3Ws (e-रिक्शा, e-कार्ट, L5) के लिए प्रोत्साहन, जो वाणिज्यिक उपयोग तक सीमित हैं।
  • e-एम्बुलेंस: e-एम्बुलेंस के लिए ₹500 करोड़ आवंटित किए गए हैं और इसके लिए मानक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय आदि द्वारा संयुक्त रूप से निर्धारित किए गए हैं।  पात्रता मानदंडों को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा अंतिम रूप दिया जाएगा।
  • e-ट्रक: इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए ₹500 करोड़ आवंटित किए गए हैं। केवल MoRTH द्वारा अनुमोदित स्क्रैपिंग प्रमाणपत्रों के साथ ही ये पात्र हैं; सब्सिडी, वाहनों की संख्या और मानदंडों की घोषणा जल्द की जाएगी।
  • e-बसें: नौ प्रमुख शहरों में सार्वजनिक परिवहन के लिए 14,028 e-बसों की खरीद के लिए ₹4,391 करोड़ आवंटित किए गए हैं, जिनमें पुरानी बसों को स्क्रैप करने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी। पहाड़ी क्षेत्रों, पूर्वोत्तर राज्यों, द्वीपों और तटीय क्षेत्रों में सुगम्यता में सुधार के लिए विशेष प्रावधान अपनाए जा सकते हैं।
  • चार्जिंग अवसंरचना: इस योजना का उद्देश्य सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों का एक मजबूत नेटवर्क स्थापित करना है, जिसमें उपयोगकर्ताओं का विश्वास बढ़ाने के लिए 22,100 फास्ट चार्जर शामिल हैं।
  • टेस्टिंग एजेंसियों का अपग्रेडेशन: इस योजना का उद्देश्य भारी उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत टेस्टिंग (परीक्षण) एजेंसियों का अपग्रेडेशन और आधुनिकीकरण करना है ताकि उन्हें नई और उभरती प्रौद्योगिकियों से लैस किया जा सके, जिससे हरित गतिशीलता को बढ़ावा मिलेगा।

स्रोत:

https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2154408 https://www.pib.gov.in/PressNoteDetails.aspx?NoteId=153264&ModuleId=3®=3&lang=1 https://www.dynamitenews.com/national/subsidy-will-be-available-on-electric-vehicles-till-2028-govt-extended-deadline-by-2-years#goog_rewarded

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