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सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय।
संदर्भ: 30 जून तक सिविल और आपराधिक कानूनों से संबंधित कानूनी सहायता के लिए न्याय बंधु ऐप पर 14,888 महिलाएँ पंजीकरण करा चुकी हैं।
अन्य संबंधित जानकारी
• वर्तमान में, 9261 अधिवक्ताओं ने स्वेच्छा से न्याय बंधु ऐप पर पंजीकरण कराया है।
• 30 जून, 2025 तक, ऐसी लगभग 14888 महिला लाभार्थियों ने न्याय बंधु ऐप पर पंजीकरण कराया है, जो महिला एवं बाल सुरक्षा, पारिवारिक एवं वैवाहिक विवाद, घरेलू हिंसा, संपत्ति विवाद, कार्यस्थल पर उत्पीड़न आदि सहित सिविल और आपराधिक कानूनों से संबंधित विधिक सहायता प्राप्त करना चाहती हैं।
न्याय बंधु के बारे में
• 2017 में शुरू किया गया न्याय बंधु (निःशुल्क विधिक सेवा) “न्याय तक समग्र पहुंच के लिए अभिनव समाधान तैयार करना” (DISHA) योजना के अंतर्गत शामिल कार्यक्रमों में से एक है। इस योजना को न्याय विभाग द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
• न्याय बंधु कार्यक्रम ऐसे इच्छुक निःशुल्क सहायता प्रदान करने वाले अधिवक्ताओं को पंजीकृत करता है और उन्हें न्याय बंधु एप्लीकेशन के माध्यम से उन लाभार्थियों से जोड़ता है, जो विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 12 के तहत निःशुल्क विधिक सहायता पाने के हकदार हैं।
• निःशुल्क क्लब (Pro Bono Clubs):
- लाभार्थियों को निःशुल्क कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए संस्थागत तंत्र को मजबूत बनाने हेतु 23 उच्च न्यायालयों में निःशुल्क सेवा प्रदान करने वाले अधिवक्ताओं का एक पैनल गठित किया गया है।
- विधि छात्रों में निःशुल्क कार्य की भावना और कानूनी सेवा के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने के लिए, देश के 109 विधि महाविद्यालयों में निःशुल्क क्लबों का गठन किया गया है।
- दूरदराज के क्षेत्रों में न्याय बंधु को सशक्त बनाने के लिए लॉ स्कूल प्रो बोनो क्लब, गांवों में कानूनी सहायता, जागरूकता और सामुदायिक समर्थन प्रदान करने में मदद करते हैं, जिससे उनकी निरंतर राष्ट्रव्यापी भागीदारी को बढ़ावा मिलता है।
• न्याय बंधु (निशुल्क विधिक सेवाएं) की पहुंच को व्यापक बनाने के लिए, देश की 22 अनुसूचित भाषाओं में नागरिकों के लिए न्याय बंधु पर एक समर्पित पोर्टल उपलब्ध है।
दिशा (DISHA) योजना
• न्याय विभाग ने पाँच वर्षों (2021-2026) की अवधि के लिए “न्याय तक समग्र पहुँच के लिए अभिनव समाधान तैयार करना” शीर्षक से न्याय तक पहुँच पर एक योजना शुरू की है।
• इसका उद्देश्य भारत के संविधान की प्रस्तावना और अनुच्छेद 39A, 14 और 21 के तहत भारत के लोगों के लिए “न्याय” सुनिश्चित करना है।
• यह अपने टेली-लॉ, प्रो बोनो लीगल सर्विसेज (न्याय बंधु), और कानूनी साक्षरता एवं कानूनी जागरूकता कार्यक्रमों की पहुँच को गुणात्मक और मात्रात्मक दोनों रूप से व्यापक बनाता है।
• इसका उद्देश्य प्रौद्योगिकी के उपयोग और जनता के लिए सरलीकृत सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) सामग्री विकसित करके जागरूकता सृजन करना और उसका प्रसार करना है।
विधिक सहायता प्राधिकरण अधिनियम,1987
• 1987 में, संसद द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम पारित किया गया, जो 9 नवंबर, 1995 से प्रभावी हुआ। इसका उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को समान अवसर के आधार पर निःशुल्क और सक्षम विधिक सेवाएं प्रदान करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी एकसमान नेटवर्क स्थापित करना था।
• विधिक सहायता कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की निगरानी और मूल्यांकन करने तथा अधिनियम के अंतर्गत विधिक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए नीतियां और सिद्धांत निर्धारित करने हेतु विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अंतर्गत राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) का गठन किया गया है।


Source:
https://www.probono-doj.in/services-scheme.html
https://doj.gov.in/designing-innovative-solutions-for-holistic-access-to-justice-disha