संबंधित पाठ्यक्रम:

सामान्य अध्ययन 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण और नई प्रौद्योगिकी का विकास।    

संदर्भ:

भारतीय नौसेना को हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL), विशाखापत्तनम से अपना पहला स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित डाइविंग सपोर्ट वेसल (DSV) ‘INS निस्तार’ प्राप्त हुआ है।

अन्य संबंधित जानकारी 

  • इस युद्धपोत को भारतीय शिपिंग रजिस्टर (Indian Register of Shipping – IRS) के वर्गीकरण नियमों के अनुरूप डिज़ाइन और निर्मित किया गया है।   
  • यह पोत अत्यधिक विशिष्‍ट है और गहरे समुद्र में गोताखोरी एवं बचाव अभियान जैसी क्षमताओं से युक्त है, जो कि केवल कुछ गिने-चुने देशों की नौसेनाओं के पास ही उपलब्ध हैं।
  • सेवा में आने के पश्चात यह पोत पूर्वी नौसैनिक कमान (Eastern Naval Command) में सम्मिलित होकर गहरे समुद्री अभियानों एवं पनडुब्बी बचाव कार्यों में सहयोग करेगा। 

INS निस्तार की प्रमुख विशेषताएं और क्षमताएं

  • युद्ध पोत का ‘निस्तार’ नाम संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है मुक्ति, बचाव या उद्धार
  • इसे विशाखापत्तनम स्थित हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और निर्मित किया गया है, जिसमें लगभग 75% स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है—यह सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की परिकल्पना के अनुरूप है।
  • यह पोत समुद्र में 60 दिनों से अधिक समय तक निरंतर संचालन करने की क्षमता रखता है। इसमें हेलीकॉप्टर अभियानों के माध्यम से विभिन्न चरणों का संचालन, और 15 टन क्षमता वाली समुद्रतलीय क्रेन इसे एक अत्यंत लचीला और बहुउपयोगी प्लेटफॉर्म बनाती है। 
  • लगभग 120 मीटर लंबाई और 10,000 टन से अधिक भार-विस्थापन के साथ, यह DSV डायनेमिक पोजिशनिंग सिस्टम द्वारा अत्यधिक सटीकता से अपनी स्थिति बनाए रखने में सक्षम है।
  • पोत पर स्थापित विस्तृत गोताखोरी प्रणाली, जिसमें एयर और सैचुरेशन डाइविंग सिस्टम के साथ-साथ पानी के भीतर संचालित रिमोट नियंत्रित वाहन (ROVs) और साइड स्कैन सोनार जैसी उन्नत तकनीकें शामिल हैं, उसकी संचालन सीमाओं और कार्यक्षमता को अत्यधिक विस्तृत कर देती हैं।
  • इस पोत का एक प्रमुख दायित्व डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल (DSRV) के लिए मदर शिप” की भूमिका निभाना होगा, जो पनडुब्बी में आपात स्थिति उत्पन्न होने पर कर्मियों के सुरक्षित बचाव और निकासी को सुनिश्चित करता है।
  • इस पोत में ऑपरेशन थियेटर, गहन चिकित्सा इकाई (ICU), आठ बिस्तरों वाला अस्पताल, तथा हाइपरबेरिक चिकित्सा सुविधाएँ भी उपलब्ध हैं, जो इसके प्रमुख संचालन कार्यों के सफल निष्पादन में अहम भूमिका निभाती हैं। 

भारत के लिए रणनीतिक महत्व       

  • इस परियोजना में 120 से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) ने भाग लिया, जिनके सहयोग से 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री सुनिश्चित की गई। यह परियोजना जटिल स्वदेशी प्लेटफॉर्मों के डिज़ाइन और निर्माण के प्रति भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
  • पहले एक्स-निस्तार के नाम से जाना जाने वाला यह पोत 1971 से भारतीय नौसेना में सेवारत रहा है और उसने गोताखोरी एवं पनडुब्बी बचाव अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। नया पोत उसी गौरवशाली विरासत को आगे बढ़ाते हुए अपने ध्येय वाक्य सुरक्षित यथार्थता शौर्यम्’सटीकता और साहस के साथ उद्धार”— के साथ आगे बढ़ रहा है।           
  • INS निस्तार का कमीशन होना और इसका भारतीय नौसेना की पूर्वी नौसैनिक कमान में शामिल किया जाना न केवल पानी के भीतर संचालन क्षेत्र में भारत की परिचालन क्षमता को सुदृढ़ करेगा, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में इसकी रणनीतिक समुद्री स्थिति को भी और अधिक सुदृढ़ करेगा।                                                   

Sources: PIB

https://www.pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=2143722

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