प्रसंग:
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) उत्तर प्रदेश में दूसरा बासमती निर्यात विकास संस्थान (BEDF) पिलीभीत में स्थापित कर रहा है, ताकि निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके और स्थानीय उत्पादन में सुधार हो।
अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य
- पिलीभीत के किसान अब प्रीमियम बासमती चावल को 100 से अधिक देशों में निर्यात करने की तैयारी में हैं, मेरठ में APEDA के सहयोग से ₹10 करोड़ की सफल परियोजना के बाद।
- APEDA ने टांडा बिजेसी गांव स्थित सरकारी कृषि फार्म की 7 एकड़ भूमि को BEDF के उपयोग के लिए मंजूरी दी है।
- प्रस्तावित BEDF में अनुसंधान, प्रदर्शन और प्रशिक्षण केंद्र के साथ-साथ उच्च गुणवत्ता वाले बीज उत्पादन इकाई भी होगी।
- इसमें एक विश्वस्तरीय NABL-मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला भी होगी, जो बासमती डीएनए, कीटनाशक अवशेषों और भारी धातुओं की जांच करेगी, जो अंतरराष्ट्रीय निर्यात मानकों का पालन सुनिश्चित करने में सहायक होगी।
- BEDF का उद्देश्य पिलीभीत में उच्च गुणवत्ता वाले बासमती की खेती को बढ़ावा देना है, जिसके तहत किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों में प्रशिक्षण और निर्यात केंद्रित विपणन सहयोग प्रदान किया जाएगा।
- किसानों को न्यूक्लियस बासमती बीज उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- धान प्रसंस्करण और बीज उत्पादन में लगे उद्यमियों और निर्यातकों को भी वैज्ञानिक तरीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा।
- यह कार्यक्रम नि:शुल्क होगा और अन्य राज्यों के किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा।
- हालांकि पिलीभीत, उत्तर प्रदेश का एक अग्रणी मोटे धान उत्पादक जिला है, फिर भी यहां बासमती की खेती सीमित है।
- इसका मुख्य कारण विपणन सहयोग की कमी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) व्यवस्था के अंतर्गत सरकारी खरीद योजना का अभाव है, जिससे किसान बासमती की खेती को अपनाने से हिचकते हैं।
- तराई क्षेत्र का 20 से 24°C तक का रात्रिकालीन तापमान और उच्च मानसूनी आर्द्रता पिलीभीत को बासमती चावल की वनस्पति वृद्धि के लिए आदर्श बनाते हैं।
- सीमांत बासमती उत्पादकों की सहायता के लिए, राज्य की निर्यात प्रोत्साहन नीति के तहत किसान उत्पादक संगठन (FPOs) गठित किए जाएंगे, जो स्थानीय किसानों को सीधे निर्यातकों से जोड़ेंगे।
- मध्य पूर्व बासमती चावल का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाज़ार है (वैश्विक खपत का 27%)।
भारतीय बासमती चावल के निर्यात में प्रमुख हिस्सेदारी: ईरान (22%), सऊदी अरब (18%), इराक (11%), यूएई (10%), यूके (5%), और कुवैत (4%)।
मुख्य तथ्य:

- यूपी भारत के गैर-बासमती चावल का 12% उत्पादन करता है।
- यूपी के पास भारत के GI टैग प्राप्त बासमती क्षेत्र का 24% हिस्सा है, जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 30 जिलों में फैला है।
- हरियाणा और पंजाब के बाद यूपी बासमती क्षेत्रफल में तीसरे स्थान पर है।
- यूपी को कलानमक चावल के लिए GI टैग प्राप्त है, जो पूर्वी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में उत्पादित होता है और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में इसकी उच्च मांग है।
