संदर्भ:

हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती प्रदान करने की दिशा में ‘इन्वेस्ट यूपी’ और भारतीय रेलवे के लखनऊ डिवीजन के उत्तर रेलवे के मध्य एक रणनीतिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य:

  • इस MoU पर इन्वेस्ट यूपी के CEO विजय किरण आनंद और उत्तर रेलवे के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने हस्ताक्षर किए।
  • यह समझौता निवेशकों को रेलवे की भूमि 35 वर्षों की अवधि के लिए प्रचलित औद्योगिक या सर्किल दर के मात्र 1.5% पर रियायती पट्टे पर प्रदान करने की व्यवस्था करता है।
  • इस भूमि का उपयोग लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग अवसंरचना के विकास में किया जाएगा, जिससे राज्य भर में मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को गति मिलेगी।
  • यह MoU ‘यूपी वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स नीति, 2022’ के अनुरूप है, जो न्यूनतम ₹20 करोड़ के निवेश वाली पात्र परियोजनाओं को स्टांप शुल्क छूट, भूमि उपयोग रूपांतरण में रियायत, पूंजी सब्सिडी और बिजली शुल्क छूट जैसी वित्तीय प्रोत्साहन योजनाएं प्रदान करती है।
  • साथ ही, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से निवेशकों को आकर्षित करने के लिए ‘पीएम गति शक्ति’ पोर्टल पर भूमि डेटा के एकीकरण जैसे कार्यान्वयन रणनीतियों पर भी विचार किया जा रहा है।
  • उत्तर प्रदेश, अपने 16,000 किलोमीटर से अधिक लंबे रेलवे नेटवर्क के साथ, लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक पार्कों के विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। प्रमुख परियोजनाओं में दादरी में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स हब और वाराणसी में देश का पहला ‘फ्रेट विलेज’ शामिल हैं।
  • इसके अतिरिक्त, राज्य कोल्ड स्टोरेज अवसंरचना में भी अग्रणी है, जो भारत की कुल कोल्ड स्टोरेज क्षमता का लगभग 40% वहन करता है। यह उपलब्धि कृषि उत्पादन, खाद्य प्रसंस्करण और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूती प्रदान करती है।
  • यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र में लॉजिस्टिक्स हब, जेवर एयरपोर्ट के पास कार्गो कॉम्प्लेक्स, और क्लस्टर आधारित विकास जैसे टॉय पार्क, अपैरल पार्क, फिल्म सिटी और मेडिकल डिवाइस पार्क प्रमुख हैं।
  • इसके अतिरिक्त, छह नोड्स वाला डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और झांसी व औरैया में ‘नेशनल इंडस्ट्रियल मैन्युफैक्चरिंग ज़ोन’ (NIMZ) का विकास किया जा रहा है।
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