संबंधित पाठ्यक्रम:
सामान्य अध्ययन 2 : कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्यप्रणाली
संदर्भ:
पहलगाम (जम्मू और कश्मीर) में आतंकवादी हमले के जवाब में, सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक बुलाई गई और पाकिस्तान के खिलाफ असाधारण जवाबी उपायों की एक श्रृंखला की घोषणा की गई।
CCS द्वारा लिए गए प्रमुख निर्णय
- सिंधु जल संधि का निलंबन: भारत, पाकिस्तान के साथ जल-बंटवारे को नियंत्रित करने वाली दशकों पुरानी संधि को निलंबित करेगा।
- राजनयिक संबंधों में कमी: भारत इस्लामाबाद में अपने राजनयिक मिशन की संख्या कम करेगा।
- SAARC वीज़ा रद्द करना: दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) योजना के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को दिए गए सभी वीज़ा रद्द कर दिए जाएंगे।
- अटारी-वाघा सीमा बंद: भारत और पाकिस्तान के बीच भूमि सीमा बंद कर दी जाएगी।
सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) के बारे में
- कैबिनेट समिति (CCS) भारत सरकार में एक प्रमुख निर्णय लेने वाली संस्था है, जो मुख्य रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा से संबंधित मामलों के लिए जिम्मेदार है ।
- वर्तमान CCS संरचना से समतुल्य समिति का गठन पहली बार स्वतंत्र भारत में 1947 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया था।
- इस समिति की पहली आपातकालीन बैठक कथित तौर पर 1947-48 के भारत-पाक युद्ध के दौरान बुलाई गई थी।
- बताया जाता है कि इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू करते थे तथा गृह मंत्री सरदार पटेल और रक्षा मंत्री बलदेव सिंह इसके सदस्य थे।
- 1999 के कारगिल युद्ध के बाद समिति ने सुरक्षा पर कैबिनेट समिति की वर्तमान औपचारिक संरचना को अपनाया और रक्षा तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय समिति बन गयी।
- संघटन:
- अध्यक्ष : भारत के प्रधान मंत्री
- सदस्य :
- वित्त मंत्री
- रक्षा मंत्री (पैनल में स्थायी आमंत्रित)
- गृह मंत्री
- विदेश मंत्री
- राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) इसके अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मामलों पर सचिव स्तर के समन्वयक के रूप में कार्य करता है।
- अतिरिक्त उपस्थित व्यक्ति (आवश्यकतानुसार): एजेंडे के आधार पर रक्षा प्रमुख और वरिष्ठ नौकरशाह भी उपस्थित हो सकते हैं।
- महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ:
- राष्ट्रीय सुरक्षा : सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर बहस और चर्चा, आंतरिक और बाह्य सुरक्षा और कानून और व्यवस्था के मुद्दों पर प्रमुख निर्णय।
- रक्षा : रक्षा संबंधी व्यय का अनुमोदन तथा रक्षा और सशस्त्र बलों से संबंधित नीतिगत निर्णय ।
- विदेश मामले : सुरक्षा से संबंधित विदेश नीति मामले।
- नियुक्तियाँ : राष्ट्रीय सुरक्षा संस्थाओं में महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ।
- परमाणु ऊर्जा : परमाणु ऊर्जा के उपयोग और नियंत्रण से संबंधित मामले।
विगत वर्ष के प्रश्न : आपके विचार में समितियों को संसदीय कार्य के लिए उपयोगी क्यों माना जाता है? इस संदर्भ में, प्राक्कलन समिति की भूमिका पर चर्चा कीजिए।(2018)