संबंधित पाठ्यक्रम:

सामान्य अध्ययन-3: कृषि उपज का परिवहन एवं विपणन तथा बाधाओं से संबंधित मुद्दे।

संदर्भ: 

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार 1.7 लाख करोड़ रुपये का कारोबार पार कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए खादी और ग्रामोद्योग के अनंतिम आंकड़े

समग्र वृद्धि (2013-14 से 2024-25)

  • बिक्री लगभग 5 गुना (447%) बढ़कर ₹31,154.19 करोड़ से ₹1,70,551.37 करोड़ हो गई।
  • उत्पादन लगभग 4 गुना (347%) बढ़कर ₹26,109.07 करोड़ से ₹1,16,599.75 करोड़ हो गया।
  • रोजगार सृजन 49.23% बढ़कर 1.30 करोड़ से 1.94 करोड़ हो गया।

खादी क्षेत्र का प्रदर्शन

खादी वस्त्र उत्पादन:

  • 2013-14 में ₹811.08 करोड़ से बढ़कर 2024-25 में ₹3,783.36 करोड़ हो गया।
  • 366% की वृद्धि (लगभग 4.5 गुना अधिक), जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

खादी वस्त्र बिक्री

  • 2013-14 में ₹1,081.04 करोड़ से बढ़कर 2024-25 में ₹7,145.61 करोड़ हो गया।
  • 561% की वृद्धि , लगभग 6.5 गुना वृद्धि।

खादी एवं ग्रामोद्योग भवन, नई दिल्ली का व्यवसाय।

  • बिक्री 2013-14 में ₹51.02 करोड़ से बढ़कर 2024-25 में ₹110.01 करोड़ हो गई।
  • 115% की वृद्धि, कारोबार लगभग दोगुना।

KVIC के प्रदर्शन पर प्रमुख सरकारी पहलों की भूमिका

प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP)

  • वर्ष 2008 में लॉन्च होने के बाद से 10 लाख से अधिक इकाइयां स्थापित की गईं।
  • ₹73,348.39 करोड़ के ऋण के विरुद्ध ₹27,166.07 करोड़ की मार्जिन मनी सब्सिडी जारी की गई ।
  • योजना के तहत 90 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ।

KVIC की ग्रामोद्योग विकास योजना

  • इस योजना के अंतर्गत आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए 2,87,752 मशीनें, टूलकिट और उपकरण वितरित किए गए हैं।

क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका:

  • दर्ज आंकड़ों के अनुसार पिछले दशक में KVIC प्रशिक्षण केंद्रों के माध्यम से प्रशिक्षित 7.44 लाख व्यक्तियों में से 57.45% महिलाएं थीं।
  • इसके अतिरिक्त, पांच लाख खादी कारीगरों में से 80% महिलाएं हैं।
  • उनके योगदान को मान्यता देते हुए, पिछले 11 वर्षों में खादी कारीगरों के वेतन में 275% की वृद्धि हुई है।

मुख्य परिक्षा अभ्यास प्रश्न: सतत ग्रामीण विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने में KVIC की भूमिका का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। साथ ही, वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में इसके सामने आने वाली चुनौतियों पर भी चर्चा कीजिए।

Shares: