संदर्भ:
हाल ही में, वित्त मंत्री ने बच्चों में जिज्ञासा और नवाचार की भावना उत्पन्न करने तथा वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए अगले 5 वर्षों में सरकारी स्कूलों में पचास हजार अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं स्थापित करने की घोषणा की।
अन्य संबंधित जानकारी
- इसे STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बजट 2025-26 के एक भाग के रूप में घोषित किया गया है।
- यह प्रौद्योगिकी-संचालित और नवाचार-आधारित अर्थव्यवस्था के लिए सरकार के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है , जो यह सुनिश्चित करता है कि कम उम्र से ही छात्रों को कोडिंग, रोबोटिक्स, AI और 3D प्रिंटिंग सहित अन्य उभरती प्रौद्योगिकियों से परिचित कराया जाए।
- प्रयोगशालाएं स्थापित करने वाले अटल इनोवेशन मिशन (AIM) को 2025-26 के लिए 400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों से लगभग चार गुना अधिक है।
अटल टिंकरिंग लैब्स (ATLs) के बारें में:
अटल इनोवेशन मिशन (AIM) के तहत स्कूलों (कक्षा 6 से 12 के बीच) में स्थापित नवाचार स्थान हैं । ये लैब छात्रों को निम्नलिखित तक पहुँच प्रदान करते हैं:
- इलेक्ट्रॉनिक्स, IoT, 3D प्रिंटिंग और रोबोटिक्स के लिए डू इट योर सेल्फ किट
- कोडिंग और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए उपकरण
- विशेषज्ञों के साथ मेंटरशिप कार्यक्रम
- नवाचार चुनौतियां और प्रतियोगिताएं
ATL का उद्देश्य रचनात्मकता और समस्या समाधान की संस्कृति को बढ़ावा देना है, तथा छात्रों को पारंपरिक कक्षा शिक्षण से परे व्यावहारिक कौशल विकसित करने में सहायता करना है।
ATL क्यों महत्वपूर्ण हैं?
- डिजिटल विभाजन को पाटना : ATL छात्रों को, विशेष रूप से ग्रामीण और सरकारी स्कूलों में, उन्नत STEM शिक्षण संसाधनों तक पहुंच प्रदान करता है, जो अन्यथा उनके पास नहीं हो सकता।
- समस्या-समाधान को प्रोत्साहित करना : व्यावहारिक दृष्टिकोण रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और नवाचार को बढ़ावा देता है, तथा छात्रों को भविष्य की नौकरी के लिए तैयार करता है।
- भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम को समर्थन देना : प्रारंभिक अवस्था में ही उद्यमशीलता संबंधी सोच को बढ़ावा देकर, ATL भारत की बढ़ती स्टार्टअप संस्कृति में योगदान देते हैं।
- ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ को समर्थन : ATL भारत के डिजिटल और विनिर्माण लक्ष्यों के लिए आवश्यक तकनीकी कौशल से लैस कुशल कार्यबल बनाने में सहायता करते हैं।
- वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना : अमेरिका और चीन जैसे देश STEM शिक्षा में निवेश कर रहे हैं, ऐसे में ATL यह सुनिश्चित करते हैं कि भारतीय छात्र विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बने रहें।
अटल इनोवेशन मिशन (AIM) के बारे में
वर्ष 2016 में शुरू किया गया AIM, नीति आयोग की प्रमुख पहल है, जिसका उद्देश्य स्कूल, विश्वविद्यालय, अनुसंधान संस्थानों, MSME और उद्योग स्तरों पर हस्तक्षेप के माध्यम से देश भर में नवाचार और उद्यमशीलता की संस्कृति और पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देना है।
इसका उद्देश्य स्कूलों में समस्या समाधान की नवीन मानसिकता का निर्माण सुनिश्चित करना है।
इसमें निम्नलिखित कार्यक्रम हैं: –
- अटल इनक्यूबेटर केंद्र
- अटल सामुदायिक नवाचार केंद्र
- अटल न्यू इंडिया चुनौतियां और अटल ग्रैंड चुनौतियां।
AIM की सभी पहलों की निगरानी और प्रबंधन वास्तविक समय प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS) और गतिशील डैशबोर्ड का उपयोग करके किया जाता है।
AIM 2.0 पहल को कार्य के बढ़े हुए दायरे और 2,750 करोड़ रुपये के आवंटित बजट के साथ 31 मार्च, 2028 तक की अवधि के लिए मंजूरी दी गई है।
समान योजनाएँ:
स्कूल इनोवेशन मैराथन (29 जुलाई 2024) : इसे भारत की सबसे बड़ी स्कूल नवाचार चुनौती के रूप में देखा जा रहा है, जिसका आयोजन शिक्षा मंत्रालय, अटल नवाचार मिशन (AIM), नीति आयोग और शिक्षा मंत्रालय के नवाचार प्रकोष्ठ (MIC) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाएगा।
- इस पहल के अंतर्गत देश के सभी स्कूलों के विद्यार्थी अपनी पसंद की सामुदायिक समस्याओं की पहचान करते हैं और कार्यशील प्रोटोटाइप के रूप में नवीन समाधान विकसित करते हैं।
राष्ट्रीय आविष्कार अभियान (RAA) (2015): यह स्कूल और उच्च शिक्षा प्रणालियों में एक अभिसारी रूपरेखा है जो बच्चों को अवलोकन, प्रयोग, अनुमान, मॉडल निर्माण, तर्कसंगत तर्क, परीक्षण योग्यता आदि के माध्यम से विज्ञान, गणित और प्रौद्योगिकी (SMT) में सीखने और उनकी रुचि विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करती है।