संदर्भ:
हाल ही में, शोधकर्ताओं ने कृषि पद्धतियों में नाइट्रोजन के कुशल उपयोग को बढ़ावा देते हुए फसल की पैदावार बढ़ाने के लिए एक नई पद्धति विकसित की है।
अन्य संबंधित जानकारी:
- राष्ट्रीय पादप जीनोम अनुसंधान संस्थान (NIPGR) द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार पौधों में नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) के स्तर को कम करने से धान जैसी फसलों में नाइट्रोजन अवशोषण और समग्र नाइट्रोजन उपयोग दक्षता (NUE) में वृद्धि हो सकती है।
- वैज्ञानिक मृदा में उन विशिष्ट जीवाणुओं की भी खोज कर रहे हैं जो प्राकृतिक नाइट्रोजन-शोधक के रूप में कार्य कर सकते हैं, जिससे फसलों में नाइट्रोजन के उपयोग की दक्षता में और वृद्धि हो सकती है।
- नई विधि की मुख्य विशेषताएं: पौधों में नाइट्रोजन अवशोषण को नाइट्रिक ऑक्साइड (NO) के स्तर को विनियमित करके बेहतर किया जा सकता है जो हाई-एफिनिटी ट्रांसपोर्टर (HATs) की गतिविधि को नियंत्रित करता है।
- ‘NO’ का यह विनियमित तरीका कम नाइट्रोजन इनपुट या सीमित नाइट्रोजन उपलब्धता वाले क्षेत्रों में भी फसल की पैदावार को स्थायी रूप से बढ़ावा देता है।
- इस विधि में जंगली प्रकार (WT) पौधों को ‘NO’ दाता (SNAP) और NO स्कोवेंजर (cPTIO) के साथ उपचारित किया गया और NUE की निगरानी की गई।
- फाइटोग्लोबिन, जो एक प्राकृतिक NO स्कैवेंजर है, को अधिक मात्रा में प्रयोग करके, NRT2.1 और NRT2.4 जैसे हाई-एफिनिटी ट्रांसपोर्टर को बढ़ाया गया, जिससे विशेष रूप से कम NO स्थितियों के तहत अधिक उपयोगी नाइट्रोजन अवशोषण हुआ।
- NUE का मूल्यांकन प्ररोह(शूट) नाइट्रोजन स्तर, अमीनो एसिड सामग्री और समग्र पौधों की वृद्धि का विश्लेषण करके किया गया।
- इस पद्धति के द्वारा पर्यावरणीय प्रभाव को न्यूनतम करते हुए फसल उत्पादकता में उल्लेखनीय सुधार लाया जा सकता है।
पारंपरिक विधि की कमियां:
- वर्तमान कृषि पद्धतियाँ कृत्रिम उर्वरकों पर बहुत अधिक निर्भर हैं।
- ये पद्धतियाँ कृषि-संबंधी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जैसे नाइट्रोजन उर्वरक अनुप्रयोगों को विभाजित करना या धीमी गति से मुक्त होने वाले फ़ार्मुलों का उपयोग करना।
- इससे न केवल किसानों की लागत बढ़ती है बल्कि वातावरण में अत्यधिक नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) उत्सर्जित होने से पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में वृद्धि होती है।
- इसके अलावा, इन उर्वरकों का उत्पादन भी सतत नहीं है ।
पौधों में नाइट्रोजन चक्र
- पृथ्वी के वायुमंडल में 78% नाइट्रोजन (N) पायी जाती है।
- वायुमंडलीय नाइट्रोजन को पौधों सीधे उपयोग नहीं कर सकते हैं और उन्हें नाइट्रोजन चक्र प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है।
- इस प्रक्रिया के दौरान, नाइट्रोजन को विभिन्न यौगिकों जैसे नाइट्रोजन ऑक्साइड, अमोनियम और नाइट्रेट्स में परिवर्तित किया जाता है ताकि पौधे उन्हें अवशोषित कर सकें।