संदर्भ:
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष में लोबिया के बीजों के सफल अंकुरण के साथ अंतरिक्ष अनुसंधान में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।
अन्य संबंधित जानकारी
इसरो के अनुसार मिशन के प्रक्षेपण के चार दिनों के भीतर सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण परिस्थितियों में PSLV-C60 POEM-4 प्लेटफॉर्म पर लोबिया के बीजों को सफलतापूर्वक अंकुरित किया गया।
यह उपलब्धि विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC) द्वारा सूक्ष्मगुरुत्व स्थितियों में पौधों की वृद्धि का अध्ययन करने के लिए किए गए कॉम्पैक्ट रिसर्च मॉड्यूल फॉर ऑर्बिटल प्लांट स्टडीज (CROPS) प्रयोग का हिस्सा है।
- PSLV-C60 रॉकेट द्वारा दो स्पाडेक्स(SpaDeX) उपग्रहों को कक्षा में प्रक्षेपित किया गया तथा रॉकेट का चौथा चरण POEM-4 प्लेटफार्म ले जा रहा है, जिसमें CROPS प्रयोग सहित 24 प्रयोग शामिल हैं।
प्रयोग की मुख्य विशेषताएं
- प्रयोग का वर्तमान चरण पांच से सात दिनों तक चलेगा, जिसमें बीज के अंकुरण तथा पत्ती अवस्था आने तक पौधे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- CROPS प्रयोग के भावी चरण अंतरिक्ष में पौधों की दीर्घकालिक वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जिससे बाह्य अंतरिक्ष वातावरण में पौधों को उगाने में ISRO की क्षमताओं को बढ़ाने में वृद्धि होगी।
- इस प्रयोग में अंतरिक्ष यात्रा की परिस्थितियों की नकल करते हुए, सक्रिय तापीय विनियमन के साथ एक नियंत्रित, बंद बॉक्स वातावरण में आठ लोबिया के बीजों को रखना शामिल है।
इस प्रयोग के अंतर्गत ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड के स्तर, तापमान, आर्द्रता और मिट्टी की नमी जैसे आवश्यक कारकों पर निगरानी रखी जाएगी।
- पौधों के विकास पर निगरानी के लिए इमेजिंग और पर्यावरण सेंसर सहित निष्क्रिय माप का उपयोग किया गया।
महत्व
- CROPS कार्यक्रम इस विषय पर बहुमूल्य जानकारी प्रदान करता है कि अंतरिक्ष की विशिष्ट परिस्थितियों में पौधों का जीवन किस प्रकार कायम रखा जा सकता है।
- अंतरिक्ष में पौधों की वृद्धि अन्य ग्रहों पर मानव जीवन का समर्थन कर सकती है, जिससे भविष्य में यह सुनिश्चित किया जा सके कि अंतरिक्ष यात्री खाद्यान्न उगा सकें और लंबी अवधि के अंतरिक्ष मिशनों में स्थायी रूप से रह सकें।
- यह सफलता अन्य ग्रहों पर स्थायी मानव जीवन प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे अंतरिक्ष अनुसंधान में इसरो का योगदान और अधिक महत्वपूर्ण हो जाएगा।