संदर्भ :
मानवाधिकार दिवस प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अपनाने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
मानवाधिकार दिवस 2024
- मानवाधिकार दिवस 2024 का विषय है “हमारे अधिकार, हमारा भविष्य, अभी”।
- मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा (UDHR) की 76 वीं वर्षगांठ है।
- इस दिवस की स्थापना 1950 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा पारित प्रस्ताव 423 (V) के माध्यम से की गई थी, जिसमें राज्यों और संगठनों को प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस के रूप में अपनाने का आह्वान किया गया था।
- यह विश्व भर में व्यक्तियों के मौलिक अधिकारों के महत्व पर बल देता है।
UDHR के बारें में :
- यह घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 10 दिसम्बर 1948 को पेरिस में महासभा के प्रस्ताव 217 A के तहत घोषित की गई थी।
- UDHR इस सिद्धांत को मान्यता देता है कि सभी मनुष्य स्वतंत्र और समान पैदा होते हैं , तथा उन्हें जीवन, स्वतंत्रता और सुरक्षा, कानून के समक्ष समानता, तथा विचार, विवेक, धर्म, राय और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है।
- यह घोषणा कोई बाध्यकारी दस्तावेज़ नहीं है।
- इस घोषणापत्र में 30 अनुच्छेद हैं जो स्वतंत्रता और समानता के लिए मानवता की साझा महत्वाकांक्षा को प्रतिबिंबित करते हैं।UDHRअंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय कानूनों और नीतियों के लिए एक वैश्विक रूपरेखा है तथा सतत विकास लक्ष्य 2030 एजेंडा का आधार है।
- UDHR 577 भाषाओं में उपलब्ध विश्व का सबसे अधिक अनुवादित दस्तावेज है।
- भारत का राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) भी UDHR के अनुरूप स्थापित किया गया।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग:
भारत के NHRC की स्थापना 1993 में मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम (PHRA), 1993 के तहत की गई थी , जिसे मानव अधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2006 द्वारा संशोधित किया गया था ।
मुख्यालय: – नई दिल्ली
NHRC का गठन:
- आयोग में एक अध्यक्ष,
- पांच पूर्णकालिक सदस्य, और
- सात मानद सदस्य।
आयोग के कार्य: –
- किसी लोक सेवक द्वारा मानव अधिकारों के उल्लंघन या ऐसे उल्लंघन की रोकथाम में लापरवाही की शिकायतों की जांच करना।
- आयोग मानवाधिकारों पर संधियों और अंतर्राष्ट्रीय दस्तावेजों का भी अध्ययन करता है तथा उनके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सरकार को सिफारिशें करता है।