संदर्भ:
हाल ही में, आपूर्ति श्रृंखला सुदृढीकरण समझौते (सप्लाई चेन रेजिलिएंस एग्रीमेंट के तहत, एक आपूर्ति श्रृंखला परिषद (SCC) का गठन किया गया है जिसका अध्यक्ष अमेरिका और उपाध्यक्ष भारत होगा।
अन्य संबंधित जानकारी
- भारत ने इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (IPEF) के तहत नवंबर 2023 में SCRA (Pillar-II) पर हस्ताक्षर किये।
- SCRA (Pillar-II) फरवरी 2024 में लागू हुआ था।
SCRA और भारत के बारे में
SCRAका अनुच्छेद 6.10 आपूर्ति श्रृंखला दक्षता, सुदृढीकरण , उत्पादकता और स्थिरता बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।
यह समझौता राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आपूर्ति श्रृंखला के सुदृढीकरण पर केंद्रित है।
SCRAका अनुच्छेद 10 राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य या आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों या प्रमुख वस्तुओं की पहचान करने पर बल देता है।
भारत इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान के लिए उद्योग, शिक्षा और विशेषज्ञों जैसे हितधारकों के साथ काम कर रहा है। आपूर्ति श्रृंखला परिषद (SCC) के बारे में
IPEF के 14 सदस्यों ने SCRAके तहत निम्न 3 निकायों की स्थापना की है:-
- आपूर्ति श्रृंखला परिषद (SCC)
- संकटकालीन प्रतिक्रिया तंत्र (CRN)
- श्रम अधिकार सलाहकार बोर्ड (LRAB)
SCC का गठन उन क्षेत्रों और वस्तुओं के लिए आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने हेतु लक्षित, कार्रवाई-उन्मुख कार्य को आगे बढ़ाने के लिए किया गया था जो राष्ट्रीय सुरक्षा, सार्वजनिक स्वास्थ्य और आर्थिक कल्याण के लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं।
सितंबर 2024 में, वाशिंगटन में पहली SCC की बैठक ने सेमीकंडक्टर्स, महत्वपूर्ण खनिजों और रसायनों जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कार्य योजना टीमों का गठन किया।
इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी(IPEF) IPEF की शुरुआत 23 मई, 2022 को जापान के टोक्यो में की गई थी। IPEF में 14 सदस्य (भारत सहित) हैं और यह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 40% और वैश्विक व्यापार का 28% प्रतिनिधित्व करता है।
- 14 भागीदार देश – ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम और अमेरिका।
इसका उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विकास, आर्थिक स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए इन देशों के बीच आर्थिक सहयोग बढ़ाना है।
यह ढांचा निम्न चार स्तंभों पर आधारित है:
- स्तंभ I – निष्पक्ष और लचीला व्यापार
- स्तंभ II – आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन
- स्तंभ III – स्वच्छ अर्थव्यवस्था
- स्तंभ IV – निष्पक्ष अर्थव्यवस्था
भारत IPEF के स्तंभ II से IV में शामिल हो गया है, जबकि यह स्तंभ I में पर्यवेक्षक का दर्जा बनाए रखा है।
- भारत नवंबर 2023 में स्तंभ II में शामिल हुआ, जो फरवरी 2024 से लागू है।
- भारत के प्रधानमंत्री की सितंबर 2024 में संयुक्त राज्य अमेरिका यात्रा के दौरान स्तंभ III, स्तंभ IV और IPEF व्यापक समझौते में शामिल हुआ।