संदर्भ:
हाल के एक अध्ययन से पता चला है कि दो दशकों से भी कम समय में अत्यधिक भूजल दोहन के कारण पृथ्वी 31.5 इंच झुक गई है।
अन्य संबंधित जानकारी
- जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि भूजल के बड़े पैमाने पर निष्कर्षण ने पृथ्वी के घूर्णन ध्रुव को स्थानांतरित कर दिया है।
- पृथ्वी के घूर्णन ध्रुव की इस गति को ध्रुवीय गति के रूप में जाना जाता है।
अध्ययन के मुख्य बिन्दु
विभिन्न क्षेत्रों से दोहन किया गया भूजल महासागरों में बहता है और पृथ्वी के झुकाव और घूर्णन को प्रभावित करते हुए पृथ्वी पर द्रव्यमान के वितरण को बदल देता है।
- यह इसी प्रकार हुआ है जैसे किसी कताई (spinning) के ऊपरी शिरे पर कोई वजन रखने से इसकी गति बदल जाती है।
पश्चिमी उत्तरी अमेरिका और उत्तर-पश्चिमी भारत जैसे क्षेत्रों से महत्वपूर्ण जल प्रवाह इसका एक प्रमुख वाहक है।
भूजल के दोहन के कारण पृथ्वी 17 वर्षों में 31.5 इंच या प्रति वर्ष लगभग 1.8 इंच झुक गई।
जल के इस पुनर्वितरण ने समुद्र के स्तर में वृद्धि में लगभग 0.24 इंच का योगदान दिया है।
अध्ययन का महत्व
- पृथ्वी का घूर्णन ध्रुव निरंतर बदलता रहता है। अध्ययन से पता चलता है कि जलवायु संबंधी कारणों में, भूजल के पुनर्वितरण का इस प्रक्रिया पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है।
- वैज्ञानिकों को पता है कि जल की गति पृथ्वी के घूर्णन को प्रभावित कर सकती है, लेकिन यह अध्ययन इसके प्रभाव को निर्धारित करता है।
- समुद्र के स्तर में वृद्धि का एक अन्य स्रोत भूजल का दोहन करना है।
- पृथ्वी के घूर्णन ध्रुव में होने वाले परिवर्तनों का उपयोग महाद्वीपीय स्तर पर जल भंडारण विविधताओं को समझने के लिए किया जा सकता है।
- पृथ्वी के झुकाव की निगरानी करने से हमें यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि भूजल गतिविधि जलवायु को कैसे प्रभावित करती है और यह बढ़ते समुद्र के स्तर तथा अन्य जलवायु चुनौतियों का समाधान करने के लिए संरक्षण प्रयासों का मार्गदर्शन करता है।
भूजल दोहन
- भूजल जलभृतों में जमा होता है तथा पेयजल, कृषि और औद्योगिक प्रक्रियाओं के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में कार्य करता है।
- यह चिंताजनक रूप से से घट रहा है। वर्ष 1993 और वर्ष 2010 के बीच, मनुष्यों ने अनुमानित 2,150 गीगाटन भूजल का दोहन किया, जिनमें से अधिकांश महासागरों में पहुँच गया।
- अधिक निष्कर्षण के कारण जल स्तर कम हो जाता है, भूमि धंसने लगती है, खारे पानी का अवांछित प्रवेश हो जाता है।