संदर्भ:
हाल ही में उपभोक्ता मामले विभाग ने लद्दाख में ई-दाखिल पोर्टल की शुरुआत करने के साथ राष्ट्रव्यापी कार्यान्वयन पूरा कर लिया है।
ई-दाखिल पोर्टल के बारे में
- सर्वप्रथम 7 सितंबर 2020 को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग द्वारा इसका शुभारंभ किया गया था।
- पोर्टल को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत विकसित किया गया है , जो जुलाई 2020 में लागू हुआ।
- ई-दाखिल पोर्टल उपभोक्ता अधिकारों को बढ़ावा देने और समय पर न्याय सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया एक अभिनव ऑनलाइन मंच है।
- यह एक सरल और सस्ता मंच प्रदान करता है, जहां वंचित उपभोक्ता अपनी शिकायतों के निवारण के लिए उपभोक्ता आयोग तक पहुँच सकते हैं।
- वर्ष 2023 के अंत तक, पोर्टल को लद्दाख को छोड़कर 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लॉन्च किया गया था। अब इसे लद्दाख में भी शुरू कर दिया गया है।
- पोर्टल के अलावा सरकार ई-जागृति शुरू करने पर भी विचार कर रही है , जो केस फाइलिंग, ट्रैकिंग और प्रबंधन को और अधिक सुचारू बनाएगी तथा उपभोक्ताओं और अन्य हितधारकों के लिए परेशानी मुक्त अनुभव सुनिश्चित करेगी।
- पोर्टल को कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के साथ भी एकीकृत किया गया है, जो डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत एक मिशन-निर्मित परियोजना है, जिसका उद्देश्य देश के दूरदराज और ग्रामीण भागों के निवासियों के लिए सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं को सुलभ बनाना है।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 एक व्यापक कानून है जिसका उद्देश्य भारत में उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा करना और निष्पक्ष व्यापार प्रथाओं को बढ़ावा देना है।
- इसने ई-कॉमर्स और डिजिटल लेनदेन सहित आधुनिक उपभोक्ता चुनौतियों का समाधान करने के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 का स्थान लिया।
- इसके अंतर्गत उपभोक्ता को ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है जो किसी वस्तु को खरीदता है या किसी सेवा का लाभ उठाता है। इसमें ऐसे व्यक्ति शामिल नहीं है जो पुनर्विक्रय के लिए कोई वस्तु या वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए कोई वस्तु या सेवा प्राप्त करता है। इसमें ऑफ़लाइन और ऑनलाइन सहित सभी तरीकों से किए गए लेन-देन शामिल हैं।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की मुख्य विशेषताएं
- केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA): उपभोक्ताओं के अधिकारों के उल्लंघन, अनुचित व्यापार प्रथाओं और झूठे या भ्रामक विज्ञापनों से संबंधित मामलों को विनियमित करने के लिए स्थापित किया गया।
- उत्पाद दायित्व : दोषपूर्ण वस्तुओं या अपर्याप्त सेवाओं के कारण होने वाली हानि के लिए दायित्व का प्रावधान करता है।
- मध्यस्थता: यह एक वैकल्पिक विवाद समाधान (ADR) तंत्र के रूप में काम करता है।