संदर्भ :

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की छठी समिति ने मानवता के विरुद्ध अपराधों पर मसौदा संधि पर वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव अपनाया । 

अन्य संबंधित जानकारी

  • वर्ष 2019 में, अंतर्राष्ट्रीय विधि आयोग (ILC) ने प्रस्तावित मसौदा लेखों का एक सेट पूरा किया, जिसका शीर्षक मानवता के खिलाफ अपराधों की रोकथाम और सजा पर मसौदा लेख (“मसौदा लेख”) था, जिसे अंतर्राष्ट्रीय विधि आयोग (ILC) द्वारा तैयार किया गया था। 
  • तत्पश्चात् संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने इन्हें विचारार्थ छठी समिति के पास भेजा, जिसे बाद में प्रस्ताव द्वारा अपना लिया गया।
  • प्रस्ताव के प्रायोजकों में मैक्सिको और गाम्बिया शामिल हैं तथा 96 अन्य देशों ने इसका समर्थन किया है।
  • प्रस्ताव में एक ठोस और समयबद्ध प्रक्रिया का आह्वान किया गया है जिसमें 2026 और 2027 में प्रारंभिक सत्र और 2028 और 2029 में तीन सप्ताह की वार्ता शामिल है, जहां संधि को अंतिम रूप दिया जाएगा।
  • यह कदम रूस द्वारा उन संशोधनों को वापस लेने के बाद उठाया गया , जो इस प्रयास को कमजोर कर सकते थे।

मानवता के विरुद्ध अपराध (CAH) क्या हैं?

  • CAH में हत्या, विनाश, दासता, निर्वासन या जनसंख्या का बलपूर्वक स्थानांतरण, यातना, बलात्कार, यौन दासता, जबरन नसबंदी, उत्पीड़न, जबरन गायब कर देना, रंगभेद का अपराध और अन्य अमानवीय कृत्य शामिल हैं।

उपरोक्त किसी भी कार्रवाई को CAH के रूप में शामिल करने  के लिए, दो शर्तों को पूरा किया जाना चाहिए:  कृत्य  नागरिक आबादी के विरुद्ध किया गया हो (सैनिकों या अन्य गैर-नागरिक आबादी के विपरीत), और  कृत्य व्यापक या व्यवस्थित हमले का भाग  हो (न कि एकल उल्लंघन)। 

संधि की आवश्यकता

  • मानवता के विरुद्ध अपराधिक (CAH) मामलों में वृद्धि:  हाल ही में इथियोपिया, यूक्रेन, इजरायल के  कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र, सूडान और म्यांमार में देखा गया है।
  • ICC क्षेत्राधिकार की सीमाएं : अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) का लगभग 70 देशों पर क्षेत्राधिकार नहीं है, जिसका अर्थ है कि इन देशों में अपराधी मानवता के विरुद्ध अपराधों के लिए न्याय से बच सकते हैं।
  • विशिष्ट संधि का अभाव: यद्यपि CAH को रोम संविधि सहित विभिन्न संधियों के अंतर्गत परिभाषित किया गया है, फिर भी ऐसी कोई विशिष्ट संधि नहीं है जो CAH मामलों को स्पष्ट रूप से संबोधित करती हो। 
  • CAH को रोकने और दंडित करने का राज्य का कर्तव्य: CAH पर एक संधि इन अपराधों को रोकने और दंडित करने के लिए राज्यों के दायित्वों को स्पष्ट कर सकती है। 
  • घरेलू कानून: यह राज्यों को निर्देश दे  सकता हैकि  वे अपने घरेलू आपराधिक संहिताओं में CAH को गैरकानूनी घोषित करने के लिए राष्ट्रीय कानून अपनाएं तथा अपराधियों को प्रत्यर्पित करने या घरेलू स्तर पर मुकदमा चलाने के लिए अन्य राज्यों के साथ सहयोग करें।
  • निवारण: CAH के विरुद्ध कानून सभी संभावित अपराधियों को यह संकेत देते हैं कि यदि वे ये अपराध करते हैं तो उन्हें न्याय का सामना करना पड़ेगा।  इस प्रकार समय के साथ यह इन अपराधों को रोकने में सहायक हो सकता है। 
  • पीड़ितों के अधिकार: यह  संधि पीड़ितों के अधिकारों को भी संहिताबद्ध कर सकती है तथा न्याय प्राप्त करने के लिए राज्यों को उनके साथ मिलकर काम करने में सहयोग कर  सकती है।
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