संदर्भ :

हाल ही में, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने एक राष्ट्रीय अभियान “बाल विवाह मुक्त भारत” शुरू किया।

बाल विवाह मुक्त भारत अभियान

इसका उद्देश्य भारत को बाल विवाह मुक्त बनाना और 2047 तक ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए लड़कियों और महिलाओं के बीच शिक्षा, कौशल, उद्यम और उद्यमिता को बढ़ावा देना है।

यह बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (Beti Bachao Beti Padhao-BBBP)’ की सफलता से प्रेरित है ।

  • BBBP वर्ष 2015 में शुरू की गई एक प्रमुख योजना है, जो बालिकाओं के प्रति समाज में व्यवहार और दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक रही है।

इस अभियान के आयोजन में ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ पोर्टल का भी अनावरण किया गया , जो अभियान के मिशन को समर्थन देने के लिए एक समर्पित एक ऑनलाइन मंच है।

अभियान का उद्देश्य

  • बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की निगरानी: ऐसे विधायी परिवर्तनों का समर्थन करना जो बिना किसी अपवाद के विवाह की न्यूनतम आयु 18 वर्ष निर्धारित करें , जिससे बच्चों के लिए कानूनी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
  • नियुक्त सीएमपीओ की प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करें: बाल विवाह को रोकने और प्रभावित व्यक्तियों की सहायता करने के लिए बाल विवाह निषेध अधिकारियों (CMPO) के पर्यवेक्षण और मूल्यांकन को सुदृढ़ बनाना।
  • CMPO के विवरण तक जनता की पहुंच बढ़ाना: CMPO के बारे में व्यापक जानकारी जनता को उपलब्ध कराकर पारदर्शिता और पहुंच सुनिश्चित करना। 
  • बाल विवाह मामलों को दर्ज करने में आसानी : उपयोगकर्ता-अनुकूल तंत्र लागू करके बाल विवाह मामलों की रिपोर्टिंग की प्रक्रिया को सरल बनाना, जिससे पीड़ितों और गवाहों को सामने आकर न्याय मांगने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
  • बाल विवाह के विरुद्ध जागरूक करना: बाल विवाह के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में समुदायों को शिक्षित करने और बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाएं।

बाल विवाह पर भारत की स्थिति

  • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के अनुसार, 20-24 वर्ष आयु वर्ग की लगभग 23.3% महिलाओं और 25-29 वर्ष आयु वर्ग के 17.7% पुरुषों का विवाह क्रमशः 18 और 21 वर्ष की आयु से पहले हो चुका था।
  • NFHS-5 के अनुसार बाल विवाह की व्यापकता 47% (2006) से घटकर 23.3% (2019-21) हो गई है।

बाल विवाह से संबंधी कानून:

  • बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006, बाल विवाह को रोकने के लिए नहीं, बल्कि उन पर अंकुश लगाने के लिए 1 नवंबर 2007 को लागू हुआ था।
  • यह अधिनियम ऐसे बाल विवाहों पर प्रतिबंध लगाता है, जिनमें लड़की की आयु 18 वर्ष तथा लड़के की आयु 21 वर्ष पूरी न हुई हो।
  • यह अधिनियम 1929 के बाल विवाह निरोधक अधिनियम की कमियों को दूर करने के लिए बनाया गया था।
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