संदर्भ:
हाल ही में, एक्सेस टू न्यूट्रिशन इनिशिएटिव (ATNi) ने ग्लोबल एक्सेस टू न्यूट्रिशन रिपोर्ट का पाँचवाँ संस्करण प्रकाशित किया।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
इस रिपोर्ट में, पौष्टिक खाद्य पदार्थों तक पहुंच में सुधार हेतु विश्व के सबसे बड़े खाद्य और पेय निर्माताओं में से 30 और वैश्विक खाद्य और पेय बाजार के 23% का आंकलन किया गया है।
इस रिपोर्ट के अनुसार अग्रणी खाद्य और पेय कंपनियाँ कम और मध्यम आय वाले देशों में ऐसे खाद्य उत्पाद बेचती हैं जो उच्च आय वाले देशों के उत्पादों की तुलना में कम स्वास्थ्यवर्धक होते हैं।
- उदाहरण: अप्रैल 2024 में यह पाया गया कि भारत के साथ-साथ अफ्रीकी और लैटिन अमेरिकी देशों में बेचे जाने वाले नेस्ले के शिशु खाद्य उत्पादों में यूरोपीय बाजारों में बेचे जाने वाले उन्हीं उत्पादों की तुलना में चीनी की मात्रा अधिक थी।
रिपोर्ट में हेल्थ स्टार रेटिंग सिस्टम का उपयोग करके 52,414 उत्पादों का विश्लेषण किया गया, जिनमें से केवल 31% ही स्वस्थ सीमा को पूरा करते हैं।
- इस प्रणाली के तहत उत्पादों को उनकी स्वस्थता पर 5 में से स्थान दिया जाता है, जिसमें 5 सबसे अच्छा होता है और 3.5 से ऊपर का अंक एक स्वस्थ विकल्प माना जाता है।
ग्लोबल एक्सेस टू न्यूट्रिशन रिपोर्ट से पता चला है कि ‘पोर्टफोलियो स्वास्थ्य’ निम्न और मध्यम आय वाले देशों में सबसे कम है, जो वैश्विक बाजारों में उपलब्ध उत्पादों की सीमा और गुणवत्ता में असमानताओं को दर्शाता है।
- रिपोर्ट के अनुसार, उत्पादों ने स्वास्थ्य स्टार रेटिंग प्रणाली पर उच्च आय वाले देशों में 2.3 की तुलना में निम्न और मध्यम आय वाले देशों में 1.8 अंक प्राप्त किया।
यह प्रणाली जोखिम (ऊर्जा, संतृप्त वसा, कुल शर्करा और सोडियम) को बढ़ाने वाले भोजन के घटकों का भी आंकलन करती है और इन्हें उन घटकों के सापेक्ष समायोजन करती है जिन्हें जोखिम कम करने के लिए माना जाता है (प्रोटीन, फाइबर और फल, सब्जी, अखरोट और फलियां), ताकि एक अंतिम स्कोर (जिसे स्टार रेटिंग में परिवर्तित किया जाता है) की गणना की जाए।
केवल 30% कंपनियों ने कम आय वाले उपभोक्ताओं के लिए अपने कुछ ‘स्वस्थ’ उत्पादों की कीमत तय करने की रणनीति का प्रदर्शन किया है।
भारत के लिए महत्व
- गैर-संचारी रोग संकट: भारत गैर-संचारी रोगों के बढ़ते बोझ का सामना कर रहा है, जिसमें 10.13 करोड़ से अधिक व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित हैं।
- मोटापे की चिंता: मोटापा 24% महिलाओं और 23% पुरुषों को प्रभावित करता है (राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5) ।
- दोहरा बोझ: अल्पपोषण, एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी गैर-संचारी रोगों के साथ बनी रहती है।
- आहार पर प्रभाव: अस्वास्थ्यकर आहार रोग के बोझ का 56.4% है (आईसीएमआर 2023 रिपोर्ट)।