संदर्भ: 

हाल ही में भारत-कैरिकॉम संयुक्त आयोग की दूसरी बैठक वर्चुअल माध्यम से संपन्न हुई। 

बैठक के  मुख्य बिन्दु :

  • साझेदारी की समीक्षा: आयोग ने आर्थिक सहयोग, कृषि, स्वास्थ्य सेवा, फार्मास्यूटिकल्स, ऊर्जा अवसंरचना और प्रौद्योगिकी नवाचार जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों की व्यापक समीक्षा की। 
  • आर्थिक सहयोग: दोनों पक्षों ने आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने तथा साझेदारी बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की तथा विभिन्न अन्य क्षेत्रों में भी मजबूत साझेदारी के विकास पर बल दिया।  
  • विकास पहल: चर्चा का केन्द्र बिन्दु मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, शिक्षा और विकास कार्यक्रमों में सहयोग बढ़ाना था। 
  • जलवायु कार्रवाई: बैठक में जलवायु परिवर्तन अनुकूलन, आपदा प्रबंधन और मजबूत बुनियादी ढांचे के विकास जैसे पर्यावरणीय मुद्दों पर चर्चा की गई। 

कैरिकॉम (कैरिबियाई समुदाय और साझा बाजार) 

  • कैरिकॉम 4 जुलाई 1973 को बारबाडोस, गुयाना, जमैका और त्रिनिदाद व टोबैगो के प्रधानमंत्रियों द्वारा चगुआरामस संधि पर हस्ताक्षर के साथ अस्तित्व में आया।  
  • कैरेबियाई समुदाय (CARICOM) 21 देशों का समूह है: 15 सदस्य देश और 6  सहयोगी सदस्य। सभी CARICOM देशों को विकासशील देशों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। 
  • 15 सदस्य देश: एंटीगुआ और बारबुडा, बहामास, बारबाडोस, बेलीज, डोमिनिका, ग्रेनेडा, गुयाना, हैती, जमैका, मोंटसेराट, सेंट किट्स और नेविस, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, सूरीनाम और त्रिनिदाद व टोबैगो। 
  • 6 सहयोगी सदस्य: एंगुइला, बरमूडा, ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह, केमैन द्वीप समूह, कुराकाओ और तुर्क एवं कैकोस द्वीप समूह।  
  • सभी सदस्य संशोधित चगुआरामास संधि (2002) में उल्लिखित सिद्धांतों का समर्थन करते हैं।

समुदाय के प्रमुख अंग

  • शासनाध्यक्षों का सम्मेलन 
  • सामुदायिक मंत्रिपरिषद (परिषद) जिसे पाँच अंगों, तीन “निकायों” द्वारा सहायता प्रदान की जाती है 
  • कैरिकॉम सचिवालय।

भारत के लिए कैरिकॉम का महत्व 

कैरिकॉम भारत का एक प्रमुख साझेदार है। भारत और कैरिकॉम दोनों ही जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और क्षेत्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों से निपटने के समान लक्ष्य साझा करते हैं। 

भारत का अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) और आपदा रोधी अवसंरचना के लिए गठबंधन (CDRI) ऐसे मंच हैं जिनके माध्यम से भारत का लक्ष्य नवीकरणीय ऊर्जा समाधान और आपदा रोधी उपायों पर कैरिकॉम देशों के साथ सहयोग करना है।    

  • 2019 में, भारत ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए कैरिकॉम को 140 मिलियन डॉलर की ऋण सहायता (लाइन ऑफ क्रेडिट) दी। 

सुरक्षा: भारत कैरिकॉम देशों को रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने में सहायता प्रदान करता है ।

आर्थिक भागीदारी: भारत, कैरिकॉम देशों की आर्थिक  नवीनीकरण और नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार की आवश्यकताओं में योगदान कर सकता है।  

अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी

  • यूरोपीय सहयोग: कैरीफोरम के माध्यम से कैरिकॉम यूरोपीय संघ के साथ मजबूत आर्थिक संबंध बनाए रखता है जिससे व्यापार और निवेश के अवसरों में वृद्धि होती है। 
  • क्यूबा के साथ संबंध: कैरिकॉम ने कैरिकॉम-क्यूबा व्यापार और आर्थिक सहयोग समझौते के माध्यम से क्यूबा के साथ संबंधों को मजबूत किया है, जिससे क्षेत्रीय सहयोग बढ़ा है।
  • वैश्विक सहभागिता: हाल ही में हुई संयुक्त आयोग की बैठक से स्पष्ट है कि कैरिकॉम अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर  सक्रिय रूप से भाग लेता है तथा भारत सहित प्रमुख वैश्विक शक्तियों के साथ राजनयिक संबंध बनाए रखता है।           

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