संदर्भ: 

भारत के प्रधानमंत्री ने विश्व वन्यजीव दिवस (3 मार्च) पर गुजरात के गिर राष्ट्रीय उद्यान में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड की 7वीं बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक के मुख्य बिन्दु 

  • बैठक में संरक्षित क्षेत्रों के विस्तार, प्रजाति-विशिष्ट कार्यक्रमों को मजबूत करने और मानव-वन्यजीव संघर्ष को संबोधित करने पर चर्चा की गई।
  • बैठक में प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलीफेंट और प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड सहित प्रमुख संरक्षण परियोजनाओं की प्रगति का आकलन किया गया।
  • प्रधानमंत्री ने देश के पहले नदी डॉल्फिन अनुमान पर एक रिपोर्ट भी जारी की।
  • जूनागढ़ में राष्ट्रीय वन्यजीव रेफरल केंद्र की आधारशिला रखी गई।
  • 2025 के लिए 16वें एशियाई शेर जनसंख्या अनुमान चक्र की भी घोषणा की गई।

विश्व वन्यजीव दिवस (WWD)

  • वन्य जीवों और पौधों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस मनाया जाता है।
  • विश्व वन्यजीव दिवस 2025 का विषय, “वाइल्डलाइफ कन्सेर्वटिव फाइनेंसः इन्वेस्टिंग इन पीपल एंड प्लेनेट”, वर्तमान वित्तीय प्रयासों को बेहतर बनाने और अधिक प्रभावी और टिकाऊ बनाने के महत्व पर केंद्रित है।
  • 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 68वें सत्र में, 3 मार्च को संयुक्त राष्ट्र विश्व वन्यजीव दिवस (WWD) घोषित किया गया था।
  • वन्य जीवों एवं वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) पर भी 3 मार्च 1973 को हस्ताक्षर किए गए थे।

राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL)

  • वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 अधिनियम में 2002 के संशोधन के अनुसार, राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड के गठन के लिए एक प्रावधान शामिल किया गया था और यह 2003 में अस्तित्व में आया था।
  • यह बोर्ड भारत में वन्यजीव संरक्षण पर सर्वोच्च सलाहकार निकाय के रूप में कार्य करता है।
  • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में बोर्ड की वर्ष में कम से कम एक बार बैठक होती है।
  • बोर्ड की अध्यक्षता भारत के प्रधानमंत्री करते हैं और इसमें अध्यक्ष सहित 47 सदस्य होते हैं।
  • पदेन सदस्यों के अलावा अन्य सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है।
  • राष्ट्रीय बोर्ड की बैठक में कार्य शुरू करने और निर्णय लेने के लिए आवश्यक कोरम सदस्यों की कुल संख्या का आधा होगा।
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