संदर्भ:

77 वें कान फिल्म महोत्सव (Cannes Film Festival) में भारत का प्रदर्शन अभूतपूर्व रहा, जिसमें 2 फिल्म निर्माताओं, 1 अभिनेत्री और 1 छायाकार ने विश्व के अग्रणी फिल्म महोत्सव में शीर्ष पुरस्कार जीते है।

इस महोत्सव की मुख्य विशेषताएँ     

  • विगत 30 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ कि किसी भारतीय फिल्म, ‘ऑल वी इमेजिन एज लाइट’ (All We Imagine as Light) को महोत्सव के सर्वोच्च पुरस्कार, पाल्मे डी’ओर (Palme d’Or) के लिए नामित किया गया था, इस फिल्म की निर्मात पायल कपाड़िया है।
  • हालाँकि, पाल्मे डी’ओर (Palme d’Or) को पुरस्कार सीन बेकर के “अनोरा” (Anora) ने जीता है।
  • कपाड़िया की फिल्म ने इस श्रेणी की दूसरे पुरस्कार ग्रैंड प्रिक्स प्राप्त किया, जिससे वह इस प्रतिष्ठित पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय बन गईं।
  • भारत और फ्रांस के बीच हस्ताक्षरित दृश्य-श्रव्य संधि के तहत, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा फिल्म को आधिकारिक इंडो-  फ्रेंच सह-निर्माण (Indo-French co-production) का दर्जा दिया गया।
  • भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (FTII) के छात्र चिदानंद एस. नाइक ने कन्नड़ लोककथा पर आधारित 15 मिनट की लघु फिल्म “सनफ्लावर वेयर द फर्स्ट ओन्स टू नो” के लिए ला सिनेफ (La Cinef) श्रेणी में प्रथम पुरस्कार जीता।
  • इस महोत्सव में प्रशंसित निर्देशक श्याम बेनेगल को सम्मानित किया गया, उनकी प्रसिद्ध फिल्म “मंथन”  को भारत में रिलीज होने के 48 साल बाद कान्स (कान) में प्रदर्शित किया गया।   
  • अनसूया सेनगुप्ता ‘द शेमलेस’ में अपने अभिनय के लिए अन सर्टेन रिगार्ड श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय बनकर इतिहास रच दिया।
  • FTII के पूर्व छात्र फिल्म निर्माता मैसम अली (Maisam Ali) की फिल्म “इन रिट्रीट” को एसीआईडी कान्स साइडबार कार्यक्रम में प्रदर्शित किया गया। 
  • वर्ष 1993 में अपनी स्थापना के बाद से ऐसा पहली बार हुआ था जब एसोसिएशन फॉर द डिफ्यूजन ऑफ इंडिपेंडेंट सिनेमा द्वारा संचालित सेक्शन में किसी भारतीय फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
  • पहली बार, भारत ने कान (कान्स) महोत्सव में भारत पर्व  की मेजबानी की, जो वैश्विक मंच पर एक विषय-वस्तु केन्द्र और बढ़ती रचनात्मक अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के उद्भव को सामने लाने वाला कार्यक्रम है।
  • प्रसिद्ध सिनेमैटोग्राफर संतोष सिवन को वर्ष 2024 के कान फिल्म महोत्सव में प्रतिष्ठित पियरे एंजेन्यूक्स ट्रिब्यूट पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले एशियाई बन गए हैं। यह पुरस्कार उनके “करियर और कार्य की असाधारण गुणवत्ता” के लिए दिया जाएगा।
  • वर्ष 2013 में, पियरे एंजेन्यूक्स सिनेमैटोग्राफी में एक्सेललेंस पुरस्कार शुरू किया गया था, जो कि सिनेमैटोग्राफी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने वालों को प्रदान किया जाता है।

भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (FTII)

  • इसकी स्थापना भारत सरकार द्वारा वर्ष 1960 में पुणे में की गई थी।
  • इसे पहले ‘फिल्म इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया’ के नाम से जाना जाता था। 
  •  यह भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला एक विभाग था।
  • वर्ष 1971 से, इसे ‘भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान’ (FTII) के रूप में जाना जाने लगा और इसने भारत के सार्वजनिक प्रसारक दूरदर्शन के लिए सेवाकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया।
  • भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान’ (FTII) सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त सोसायटी बन गई है, जिसका संचालन एक शासी परिषद (गवर्निंग काउंसिल) और उसके निदेशक द्वारा किया जाता है।

कान महोत्सव के बारे में

  • यह वर्ष 1946 से आयोजित होने वाला एक वार्षिक फिल्म महोत्सव है, और इसका आयोजन फ्रांस के कान(कान्स) में किया जाता है।
  • वर्तमान में, यह विश्व का सबसे प्रतिष्ठित फिल्म समारोह होने के साथ-साथ सबसे व्यापक रूप से प्रचारित सांस्कृतिक कार्यक्रम भी है।

Also Read:

विश्व के 50% मैंग्रोव नष्ट होने की कगार पर

Shares: