संदर्भ:
हाल ही में केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों केमंत्री की अध्यक्षता में राजस्थान के जैसलमेर में 55वीं GST परिषद की बैठक आयोजित की गई।
मुख्य सिफ़ारिशें
55वीं बैठक में कर संरचनाओं को सरल बनाने, GST अनुपालन को बढ़ाने और व्यापार सुविधा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण बदलाव पेश किए गए हैं।
वस्तुओं पर GST दरों में परिवर्तन
- फोर्टिफाइड चावल कर्नेल (FRK): GST दर घटाकर 5% कर दी गई है।
- जीन थेरेपी: GST से पूर्ण रूप से मुक्त कर दिया गया है।
- रक्षा प्रणालियाँ: LRSAM प्रणाली के विशिष्ट घटकों तक IGST छूट बढ़ा दी गई है।
- व्यापारिक निर्यात: कुछ आपूर्तियों के लिए क्षतिपूर्ति उपकर घटाकर 0.1% कर दिया गया है।
- अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA): निरीक्षण दल द्वारा निर्दिष्ट उपकरणों के आयात पर IGST से छूट दी गई है।
सेवाओं के लिए GST दरों में परिवर्तन
- कॉर्पोरेट्स द्वारा प्रायोजन: फॉरवर्ड चार्ज मैकेनिज्म के अंतर्गत लाया गया।
- मोटर वाहन दुर्घटना निधि: सामान्य बीमा कंपनियों द्वारा दिए गए अंशदान पर GST छूट दी गई।
- होटल और रेस्तरां सेवाएँ: GST दरें लागू करने के लिए नई परिभाषाएँ और शर्तें पेश की गईं, जो 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होंगी।
व्यापार की सुविधा
- CGST अधिनियम, 2017 की अनुसूची III में संशोधन के अनुसार, अब SEZ या FTWZ में रखी वस्तु के घरेलू टैरिफ क्षेत्र में निर्यात या निकासी से पहले किसी भी व्यक्ति को आपूर्ति हो तो उसे वस्तु की आपूर्ति माना जाएगा सेवाओं की नहीं।
अन्य निर्णय
- GST अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) का आंतरिक कामप्रणाली: प्रक्रियागत संचालन के लिए नियम अनुमोदित किये गये।
- परिषद ने अपनी 49वीं बैठक में एक वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) के गठन की सिफारिश की, जिसकी प्रधान पीठ नई दिल्ली में होगी और राज्य सरकारों के अनुरोध के आधार पर परिषद द्वारा अनुशंसित स्थानों पर राज्य पीठ स्थापित की जाएंगी।
- GST क्षतिपूर्ति पुनर्गठन: जीएसटी क्षतिपूर्ति के पुनर्गठन पर मंत्रिसमूह की समय-सीमा 30 जून, 2025 तक बढ़ा दी गई है।
- प्राकृतिक आपदा लेवी: प्राकृतिक आपदा की स्थिति में कर लगाने के संबंध में एक समान नीति तैयार करने के लिए मंत्रिसमूह का गठन किया गया।
GST परिषद के बारे में
- GST परिषद एक संवैधानिक निकाय है जिसकी स्थापना वस्तु एवं सेवा कर (GST) से संबंधित मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकारों को सिफारिशें देने के लिए की गई है।
- इसका गठन संविधान के अनुच्छेद 279A (1) के तहत राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।
- इसका गठन 2016 में 101वें संविधान संशोधन अधिनियम के पारित होने के बाद किया गया था।
संरचना:
- अध्यक्ष : केंद्रीय वित्त मंत्री
- सदस्य : राजस्व या वित्त के प्रभारी केन्द्रीय राज्य मंत्रीतथा प्रत्येक राज्य सरकार द्वारा नामित एक मंत्री।
- कोरम : बैठक आयोजित करने के लिए परिषद की कुल सदस्यता के न्यूनतम 50% का कोरम आवश्यक है।
मतदान व्यवस्था: यह एक सहयोगात्मक और संरचित मतदान प्रक्रिया के माध्यम से निर्णय लेता है जहां निर्णयों के लिए संघ और राज्य दोनों के समर्थन की आवश्यकता होती है।
मत भार :
- केंद्र सरकार के मत का अनुपात कुल पड़े वोटों का एक-तिहाई होता है।
- सभी राज्य सरकारों के मतों का संयुक्त भार कुल डाले गए मतों का दो-तिहाई होता है।
आवश्यक बहुमत : निर्णय के लिए आवश्यक है कि उन्हें निम्नलिखित का समर्थन प्राप्त हो:
- उपस्थित एवं मतदान करने वाले सदस्यों के न्यूनतम 75% मत।
- यह सुनिश्चित करता है कि निर्णय केंद्र और राज्य सरकारों के बीच व्यापक सहमति को दर्शाते हैं।