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सामान्य अध्ययन-2: भारत से संबंधित और/अथवा भारत को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय क्षेत्रीय और वैश्विक समूह।

संदर्भ: हाल ही में, रूसी संघ के राष्ट्रपति ने 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए 4-5 दिसंबर तक भारत के राजकीय दौरा किया।

शिखर सम्मेलन के मुख्य बिंदु

  • मुख्य परिणाम और समझौते:
    • दोनों पक्षों ने 2030 तक 100 अरब अमेरिकी डॉलर का एक महत्वाकांक्षी द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य निर्धारित किया है।
    • यूरेशियन आर्थिक संघ (EAEU) और भारत के बीच एक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर काम शुरू हो गया है, जिसे आर्थिक जुड़ाव के विस्तार की दिशा में एक प्रमुख कदम के रूप में देखा जा रहा है।
    • यह वर्ष भारत और रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की 25वीं वर्षगांठ है।
  • सहयोग के क्षेत्र: व्यापार, उद्योग और प्रौद्योगिकी:
    • इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (EVs), फार्मास्यूटिकल्स, वस्त्र, अंतरिक्ष और उच्च-तकनीकी विनिर्माण में सहयोग की योजना है, जिसमें सह-उत्पादन और सह-निर्माण की परिकल्पना की गई है।
    • स्वास्थ्य सेवा जिसमें तीकें, कैंसर थेरेपी, रेडियोफार्मास्यूटिकल शामिल हैं, में संयुक्त विकास पर जोर दिया गया है:
    • वस्त्र में, एक “लचीली वस्त्र मूल्य शृंखला” के निर्माण हेतु रूस की कच्चे माल की शक्ति को भारत की डिज़ाइन, हस्तशिल्प और विनिर्माण क्षमता के साथ जोड़ना शामिल है।
    • दोनों नेताओं ने 2030 तक भारत-रूस आर्थिक सहयोग के रणनीतिक क्षेत्रों के विकास के लिए कार्यक्रम को अपनाने का स्वागत किया।
    • दोनों पक्षों ने भारत को उर्वरकों की दीर्घकालिक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों का स्वागत किया।
  • रक्षा, असैन्य-परमाणु, अंतरिक्ष और कनेक्टिविटी:
    • संयुक्त विनिर्माण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण मॉडल के तहत सहयोग के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। यह सहयोग विशेष रूप से भारत के “मेक-इन-इंडिया” ढाँचे के तहत रूसी मूल के रक्षा उपकरणों के रखरखाव के लिए कलपुर्जों और घटकों के उत्पादन पर केंद्रित है।
    • दोनों पक्ष परमाणु ऊर्जा (nuclear energy) में सहयोग का विस्तार करने पर सहमत हुए हैं, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं: ईंधन चक्र, कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (KNPP) के लिए जीवन-चक्र समर्थन, गैर-शक्ति परमाणु अनुप्रयोग।
    • दोनों पक्षों ने परमाणु सहयोग को अपनी रणनीतिक साझेदारी का एक प्रमुख हिस्सा बताया। यह विशेष रूप से भारत के 2047 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को 100 GW (गीगावाट) तक बढ़ाने के लक्ष्य के आलोक में महत्वपूर्ण है।
    • दोनों देशों ने प्रमुख गलियारों जैसे-अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC), उत्तरी समुद्री मार्ग (NSR), चेन्नई-व्लादिवोस्तोक गलियारा के माध्यम से कनेक्टिविटी को अपग्रेड और विस्तारित करने की प्रतिबद्धता जताई है।  
    • इनका उद्देश्य पारगमन समय (transit time) को कम करना, लॉजिस्टिक्स लागत में कटौती करना और नए बाज़ार खोलना।
    •  सीमा शुल्क, नियामक प्रणालियों को जोड़ने और कार्गो आवाजाही को अधिक निर्बाध बनाने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके “वर्चुअल व्यापार गलियारे” बनाने का प्रस्ताव।
    • दोनों पक्ष रूसी-डिज़ाइन वाले VVER रिएक्टरों पर तकनीकी और वाणिज्यिक वार्ता को तेज करने पर सहमत हुए। परमाणु ऊर्जा संयंत्रों (NPPs) का संयुक्त विकास। परमाणु उपकरण और ईंधन असेंबली के स्थानीयकरण और विनिर्माण पर सहयोग, पारस्परिक रूप से सहमत शर्तों के तहत।
  • रूसी सुदूर पूर्व और आर्कटिक में सहयोग:
    • 2024–2029 सहयोग कार्यक्रम निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग के लिए एक ढाँचा पेश करता है: कृषि, ऊर्जा ,खनन ,जनशक्ति, हीरे, फार्मास्यूटिकल्स, समुद्री परिवहन
    • दोनों नेताओं ने आर्कटिक मुद्दों पर नियमित परामर्श की आवश्यकता पर जोर दिया। उत्तरी समुद्री मार्ग (Northern Sea Route – NSR): उन्होंने उत्तरी समुद्री मार्ग पर सहयोग में हुई प्रगति को महत्वपूर्ण बताया।
  • जन संह्योग, श्रम गतिशीलता और निवेश:
    • दोनों देशों के बीच पर्यटक वीज़ा को आसान बनाने की घोषणा की गई जिसका उद्देश्य पर्यटन को बढ़ावा देना, व्यावसायिक यात्रा, रोजगार के नए अवसरों और निवेश माध्यमों का सृजन करना है।
    • भारत के युवा कार्यबल पर जोर: भारत के युवा कार्यबल पर विशेष जोर दिया गया, जिसका वर्णन “दुनिया की कुशल पूंजी” (the world’s skilled capital) के रूप में किया गया है।  भारत ने दोनों देशों के उद्योगों के लिए “रूस-तैयार कार्यबल” (Russia-ready workforce) बनाने के लिए श्रमिकों को प्रशिक्षित करने की पेशकश की।
    • रूसी पक्ष ने भारत से व्यापक श्रेणी के वस्तुओं और सेवाओं (wide range of goods and services) की ख़रीद को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की। यह पारंपरिक ऊर्जा निर्यात से परे व्यापार में विविधता लाने और अधिक भारतीय उत्पादों का आयात करने की उसकी तत्परता को दर्शाता है।
    • दोनों नेताओं ने रूस के येकातेरिनबर्ग और कज़ान में भारत के दो नए वाणिज्य दूतावासों के खुलने का स्वागत किया।
  • संयुक्त राष्ट्र और बहुपक्षीय  मंचों में सहयोग:
    • दोनों पक्ष संयुक्त राष्ट्र बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग संबंधी समिति (UN COPUOS) के भीतर सहयोग को और मजबूत करने का इरादा रखते हैं।
    • दोनों पक्षों ने अंतर्राष्ट्रीय बिग कैट एलायंस (IBCA) में शामिल होने के लिए रूस के फ्रेमवर्क समझौते को अपनाने का स्वागत किया। भारत अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन  (ISA) और आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढाँचे के लिए गठबंधन (CDRI) में रूस के शीघ्र प्रवेश की उम्मीद कर रहा है।

Sources:
Live Mint
The Hindu

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