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सामान्य अध्ययन-3: आपदा और आपदा प्रबंधन।
संदर्भ: यूके की चैरिटी संस्था ‘क्रिश्चियन एड’ की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत और पाकिस्तान में 2025 के दक्षिण-पश्चिम मानसून ऋतु में सामान्य से आठ प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई, जिस कारण 2025 की प्रमुख जलवायु आपदाओं में से इससे सबसे अधिक मौतें हुईं।
अन्य संबंधित जानकारी

- काउंटिंग द कॉस्ट 2025: ए ईयर ऑफ क्लाइमेट ब्रेकडाउन नामक रिपोर्ट में पाया गया है कि वर्ष 2025 में विश्व को प्रभावित करने वाली शीर्ष 10 आपदाओं में से केवल हीटवेव, वनाग्नि, सूखा और तूफानों से ही विश्व को 120 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है।
- वित्तीय नुकसान के आधार पर, पाकिस्तान के साथ-साथ भारत में मानसून के प्रभाव को पांचवें स्थान पर रखा गया है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
• जलवायु परिवर्तन की बढ़ती लागत: रिपोर्ट में इस वर्ष की उन 10 सबसे महंगी चरम घटनाओं की पहचान की गई है जो जलवायु संकट के कारण हुईं थीं। इनमें से प्रत्येक आपदा ने 1 बिलियन डॉलर (लगभग ₹8,400 करोड़) से अधिक का नुकसान पहुँचाया।
• संकट को बढ़ाने में जीवाश्म ईंधन कंपनियों की मुख्य भूमिका: वर्ष की सबसे महंगी आपदाओं में जीवाश्म ईंधन के स्पष्ट प्रभाव देखे गए हैं—चाहे वह संयुक्त राज्य अमेरिका के तूफानों से तबाह हुए तटीय क्षेत्र हों या भारतीय उपमहाद्वीप के बाढ़ग्रस्त मैदानी इलाके—इन सबमें एक आम कारण तेल, गैस और कोयले द्वारा संचालित होती गर्म दुनिया (warming world) है।
• संकट का स्थानिक विस्तार: वर्ष 2025 में कोई भी महाद्वीप विनाशकारी जलवायु आपदाओं से अछूता नहीं रहा, क्योंकि विश्व के सभी छह घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से प्रत्येक की कम से कम एक आपदा की इस रिपोर्ट में चर्चा की गई है।
• जलवायु परिवर्तन की प्रत्यक्ष भूमिका: वैज्ञानिकों ने इस चरम स्थिति का कारण वैश्विक तापन को बताया है, जिसके कारण प्रत्येक एक डिग्री तापमान बढ़ने पर मानसून की तीव्रता में लगभग 5% की वृद्धि होती है; कारण निर्धारण अध्ययनों से पता चलता है कि पाकिस्तान में होने वाली वर्षा की तीव्रता पूर्व-औद्योगिक काल (pre-industrial world) की तुलना में 12% अधिक थी।
- गर्म होते महासागरों से वाष्पीकरण और वायुमंडलीय नमी में वृद्धि हुई, जिससे अत्यधिक भारी वर्षा हुई, जबकि पिघलते ग्लेशियरों और पर्माफ्रॉस्ट ने बाढ़ की विभीषिका को और बढ़ा दिया और भूस्खलन की घटनाएँ हुईं।
• एशिया को सबसे अधिक नुकसान हुआ: एशिया में छह सबसे महंगी आपदाओं आईं, जिसमें भारत और पाकिस्तान की बाढ़ भी शामिल है; इस बाढ़ के कारण $6 बिलियन (लगभग ₹50,000 करोड़) तक का नुकसान हुआ और अकेले पाकिस्तान में ही 70 लाख (7mn) से अधिक लोग प्रभावित हुए।
अन्य बड़ी जलवायु आपदाओं से तुलना
- संयुक्त राज्य अमेरिका: शीर्ष 10 सबसे महंगी आपदाओं में से दो इसी क्षेत्र (उत्तरी अमेरिका) में आईं, जिनमें कैलिफोर्निया की ‘पेलिसेड्स’ और ‘ईटन’ की वनाग्नि सबसे बड़ी आपदाएं थीं, जिनसे 60 बिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ।
- दक्षिण-पूर्वी एशिया: थाईलैंड, इंडोनेशिया, श्रीलंका, वियतनाम और मलेशिया को प्रभावित करने वाले चक्रवात दूसरे स्थान पर रहे, जिनसे 25 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
- चीन: अत्यधिक वर्षा और बाढ़ (जून-अगस्त) के कारण 11.7 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
- कैरिबियन: श्रेणी 5 के तूफान ‘मेलिसा’ ने जमैका, क्यूबा और बहामास में भारी तबाही मचाई, जिससे 8 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।

