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सामान्य अध्ययन-2: भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और करार।

संदर्भ: 

हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री 29–30 अगस्त, 2025 को टोक्यो में आयोजित 15वें भारत–जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल हुए।

शिखर सम्मेलन के मुख्य बिंदु

• अगले दशक के लिए संयुक्त विजन: यह अर्थव्यवस्था, आर्थिक सुरक्षा, गतिशीलता, पर्यावरण, प्रौद्योगिकी और नवाचार, स्वास्थ्य, जन-से-जन संपर्क, तथा राज्य-प्रशासक सहभागिता जैसे आठ प्रमुख स्तंभों में साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की रूपरेखा प्रस्तुत करता है।

• सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा: यह क्षेत्र में समकालीन भू-राजनीतिक वास्तविकताओं और सुरक्षा परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, भारत के रक्षा और सुरक्षा सहयोग को नई दिशा देता है।

• मानव संसाधन आदान-प्रदान और सहयोग के लिए कार्य योजना: इसमें अगले पाँच वर्षों के दौरान 5,00,000 से अधिक कर्मियों के आदान-प्रदान के माध्यम से प्रतिभाओं की गतिशीलता और जन-से-जन संपर्क को सुदृढ़ करने हेतु एक रोडमैप तैयार किया गया है, जिसमें भारत से जापान भेजे जाने वाले 50,000 कुशल श्रमिक और संभावित प्रतिभाएं भी शामिल हैं।

• भारत-जापान आर्थिक सुरक्षा पहल: यह मजबूत आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण और अर्धचालक, स्वच्छ ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिजों जैसी आवश्यक और विकासशील प्रौद्योगिकियों में सहयोग पर केंद्रित है।

  • जापान ने भारत में 10 ट्रिलियन येन (लगभग 68 बिलियन डॉलर) का निजी निवेश जुटाने का संकल्प लिया, जो आर्थिक सहयोग के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
  • दोनों देशों ने जापान औद्योगिक टाउनशिप (JITs) को आगे बढ़ाने और भारत-जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता साझेदारी (IJICP) के तहत रसद, कपड़ा, कृषि और एमएसएमई जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के द्विपक्षीय प्रयासों का समर्थन किया।

• जापान-भारत एआई सहयोग पहल: इसका उद्देश्य संयुक्त अनुसंधान के लिए समर्थन देना, उद्योग-अकादमिक विनिमय को बढ़ावा देना, भारत में डेटा सेंटर विकास का संवर्धन और लार्ज लैंग्वेज मॉंड्यूल सहित द्विपक्षीय और बहुपक्षीय एआई सहयोग की दिशा में आगे बढ़ना है।

• इसके अतिरिक्त, संयुक्त ऋण तंत्र (Joint Crediting Mechanism) पर सहयोग ज्ञापन और स्वच्छ हाइड्रोजन एवं अमोनिया पर संयुक्त आशय घोषणा पर हस्ताक्षर किए गए।

• बहुपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग: दोनों देशों ने क्वाड और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार के लिए समर्थन देने पर सहमति जताई, जिसमें स्थायी सदस्यता के लिए एक-दूसरे की दावेदारी का समर्थन करना भी शामिल है।

भारत और जापान के बीच सहयोग के क्षेत्र

• द्विपक्षीय व्यापार: 

  • वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान कुल 22.85 अरब अमेरिकी डॉलर का भारत-जापान द्विपक्षीय व्यापार हुआ। जिसमें  भारत का जापान से आयात 17.69 अरब अमेरिकी डॉलर और भारत से जापान को निर्यात 5.15 अरब अमेरिकी डॉलर का रहा।
  • जापान के कुल व्यापार में भारत 1.4% हिस्सेदारी के साथ 18वें स्थान पर है, जबकि भारत के कुल व्यापार में जापान 2.1% हिस्सेदारी के साथ 17वें स्थान पर है।

• रक्षा सहयोग और क्षेत्रीय समूह: 

  • नियमित संयुक्त अभ्यासों में मालाबार, मिलन, जिमेक्स (JIMEX), धर्म गार्जियन और तटरक्षक सहयोग शामिल हैं।
  • क्वाड (Quad) में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका शामिल हैं, जो वैश्विक कल्याण और एक खुले, स्वतंत्र और समावेशी हिंद-प्रशांत की दिशा में काम कर रहे हैं।

• जन से जन संपर्क: 

  • फुकुओका में भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलना, जिससे जापान के क्यूशू क्षेत्र और भारत के बीच संबंध और प्रगाढ़ होंगे।

• अंतरिक्ष सहयोग:

  • गौरतलब है कि 2025 को भारत-जापान विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार आदान-प्रदान वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है, जो दोनों देशों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर हुए पहले समझौता ज्ञापन की 40वीं वर्षगांठ का प्रतीक है।
  • इसरो (ISRO) और जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA द्वारा संयुक्त रूप से विकसित लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन (LUPEX) मिशन का उद्देश्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का अन्वेषण करना तथा वहाँ मौजूद पानी की बर्फ सहित अन्य छिपे हुए संसाधनों का अध्ययन करना है।

स्रोत:
DD News
The Hindu
PIB

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