संदर्भ:
हाल ही में केंद्र सरकार ने 10,000 FPOs योजना के गठन और संवर्धन के तहत 10,000 किसान उत्पादक संगठन (FPOs) स्थापित करने का लक्ष्य हासिल किया है।
अन्य संबंधित जानकारी
- बिहार के खगड़िया जिले में 10,000 वां FPO पंजीकृत किया गया है और यह मक्का, केला और धान पर केंद्रित है।
- केंद्र सरकार ने केंद्रीय बजट 2019-20 में 2023-24 तक 10,000 नए FPOs स्थापित करने का लक्ष्य रखा था।
किसान उत्पादक संगठन (FPOs)

- FPOs को कंपनी अधिनियम के भाग IXA या संबंधित राज्यों के सहकारी समिति अधिनियम के तहत पंजीकरण या निगमित किया जाता है। इनका उद्देश्य कृषि और संबंधित क्षेत्रों में उत्पादन और विपणन के क्षेत्र में पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं का लाभ उठाते हुए सामूहिक लाभ अर्जित करना है।
- FPOs छोटे किसानों को महत्वपूर्ण बाजार लाभ, सौदेबाजी की शक्ति और बेहतर बाजार पहुंच तक सीधी पहुंच प्रदान करते हैं।
- FPOs छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों को एकजुट करने में सहायक होते हैं, ताकि वे प्रौद्योगिकी, गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक और कीटनाशकों जैसी समस्याओं से निपटने के लिए सामूहिक रूप से संसाधनों का लाभ उठा सकें।
10,000 FPOs का गठन और संवर्धन योजना
यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है जिसे भारत के प्रधान मंत्री द्वारा 29 फरवरी, 2020 को 2027-28 तक ₹6,865 करोड़ के बजट परिव्यय के साथ शुरू किया गया है।
देश में लगभग 30 लाख किसान (जिनमें से 40 प्रतिशत महिलाएं हैं) FPOs से जुड़े हुए हैं।
यह योजना केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन कार्य करती है।
निम्नलिखित मंत्रालय/ संगठन विभिन्न पहलुओं के लिए योजनाओं का समर्थन करते हैं
- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय: यह मंत्रालय FPOs को बीज, कीटनाशक और उर्वरक लाइसेंस प्राप्त करने में सहायता करता है, तथा कृषि इनपुट कंपनियों के माध्यम से डीलरशिप प्रदान करने में सहायता करता है।
- खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय: यह पात्र परियोजना लागत का 35% ऋण-लिंक्ड पूंजीगत सब्सिडी और ब्रांडिंग और विपणन के लिए 50% वित्तीय अनुदान प्रदान करता है।
- सूक्ष्म एवं लघु उद्यम मंत्रालय : यह FPOs प्रबंधन लागत, इक्विटी अनुदान और क्रेडिट गारंटी सुविधा के रूप में निधियों तक पहुंच के अलावा क्षमता निर्माण प्रशिक्षण, मार्किंग और क्रेडिट लिंकेज की सहायता प्रदान करता है।
- मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय : डेयरी गतिविधियों में लगे डेयरी सहकारी समितियों और FPOs को सहायता प्रदान करता है।
- एपीडा (कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ): यह पारंपरिक उद्योगों के पुनरुद्धार के लिए कोष (SFURTI) योजना के तहत निर्यात के लिए APEDA पंजीकृत FPOs और MSME को सहायता प्रदान करता है।
- मसाला बोर्ड : निर्यात विकास के लिए प्रगतिशील, नवीन और सहयोगात्मक हस्तक्षेप (SPICED) योजना के माध्यम से मसाला क्षेत्र के अंतर्गत FPOs को बढ़ावा देता है।
योजना के मुख्य उद्देश्य
- नए FPOs को उसके निर्माण के वर्ष से पांच वर्ष तक FPOs के प्रबंधन के सभी पहलुओं में सहायता एवं समर्थन प्रदान करना।
- FPOs को कृषि उद्यमिता कौशल विकसित करने में सहायता प्रदान करना, ताकि वे सरकार द्वारा दिए गए समर्थन की अवधि के बाद आर्थिक रूप से सक्षम और स्वावलंबी बन सकें।
योजना का वर्तमान अवलोकन

योजना के शुभारंभ के बाद से , 4,761 FPOs को 254.4 करोड़ रुपये का इक्विटी अनुदान जारी किया गया है और 1,900 FPOs को 453 करोड़ रुपये का ऋण गारंटी कवर जारी किया गया है।
- फरवरी 2025 तक, उत्तर प्रदेश में पंजीकृत FPOs की संख्या सबसे अधिक (758) है, जबकि मध्य प्रदेश (348) दूसरे स्थान पर है।
- वर्ष 2024 तक इस योजना के तहत 810 FPOs को 100 प्रतिशत महिला सदस्य वाले FPOs के रूप में पंजीकृत किया गया है।