संदर्भ:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 जून, 2024 को जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर में 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह का नेतृत्व किया है।

मुख्य बातें

10 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विषय

  • इस वर्ष का विषय/थीम, “स्वयं और समाज के लिए योग” (Yoga for Self and Society), जो व्यक्तिगत कल्याण और सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देने में योग की अनिवार्य भूमिका को रेखांकित करता है।

वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण

  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य योग के माध्यम से वैश्विक स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए हजारों प्रतिभागियों को एक स्थान पर एकत्रित करना है।
  • इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करने के साथ-साथ सामान्य योग प्रोटोकॉल सत्र में भाग लिया, तथा शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास में योग के महत्व पर को रेखांकित किया।

जमीनी स्तर पर आंदोलन:

  • प्रधानमंत्री ने सभी ग्राम प्रधानों को पत्र लिखकर उनसे योग और मोटे अनाजों (श्री अन्न) के बारे में जागरूकता बढ़ाकर समग्र स्वास्थ्य को एक जन-नेतृत्व वाला आंदोलन बनाने का आग्रह किया है।
  • उनके पत्र से पंचायतों, आँगनवाड़ियों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में योग गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की संभावना है, जो पिछले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY) संस्करणों की परंपरा को आगे बढ़ा रहा है।

राष्ट्रव्यापी और वैश्विक समारोह

  • इस वर्ष का समारोह पूरे देश में मनाया जा रहा है, जिसमें “अंतरिक्ष के लिए योग” (Yoga for Space) जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रम शामिल है, जिसमें इसरो के केंद्र और इकाइयाँ सामान्य योग प्रोटोकॉल में भाग लेंगी।
  • वैश्विक स्तर पर, दूतावास और मिशन इस समारोह में शामिल होंगे और योग के व्यापक प्रभाव को प्रदर्शित करेंगे।

‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के बारे में

  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है।
  • भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए संकल्प (प्रस्ताव) के बाद वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र ने इस दिवस को मनाने की घोषणा की गई थी।
  • इस दिवस का उद्देश्य योग अभ्यास के अनेक लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।

‘योग’ के बारे में

  • योग एक प्राचीन शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक अभ्यास है। इसकी जड़ें 2700 ईसा पूर्व से संबद्ध हैं, यह कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है।
  • इसके प्रारंभिक अस्तित्व का संकेत सिंधु-सरस्वती घाटी सभ्यता की मुहरों पर उकेरित और जीवाश्मों में लोगों को योग साधना करते हुए दिखे रूपों से मिलता हैं। हालाँकि इनका कोई दस्तावेजीकरण उपलब्ध नहीं है।
  • योग विद्या के अनुसार, योग का इतिहास सभ्यता के आरंभ से ही है, तथा भगवान शिव को प्रथम योगी या आदियोगी माना जाता है।
  • “योग” शब्द संस्कृत शब्द “युज” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “जोड़ना या जुड़ना”। यह मन, शरीर और आत्मा के मिलन को संदर्भित करता है।
  • योग में मुद्राएँ (आसन), प्राणायाम और ध्यान का संयोजन होता है, जिससे समग्र स्वास्थ्य और खुशहाली को बढ़ावा मिलता है।
  • योग में कई अलग-अलग मुद्राएँ यानी आसान होते हैं, जिनमें से प्रत्येक का अपना अलग विशेष उद्देश्य होता है।
  • सबसे लोकप्रिय मुद्राओं (आसनों) में हठ योग, विन्यास योग, अयंगर योग, अष्टांग योग और कुंडलिनी योग शामिल हैं।

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