संदर्भ : 

हाल ही में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ने जलवायु अनुसंधान और अध्ययन के लिए पहले “हिमालयी उच्च ऊंचाई वायुमंडलीय और जलवायु अनुसंधान केंद्र” का उद्घाटन किया।

अन्य संबंधित जानकारी

केंद्र का उद्घाटन 8 अप्रैल 2025 को जम्मू और कश्मीर के उधमपुर जिले के नत्थाटॉप में किया गया।

इसे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, जम्मू-कश्मीर वन विभाग, जम्मू केन्द्रीय विश्वविद्यालय और स्विस राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से बनाया गया है।

यह क्षेत्र में सबसे अधिक ऊंचाई (समुद्र तल से 2,250 मीटर) पर स्थित है।

इसका उच्च ऊंचाई वाली स्थिति अधिक सटीक वायुमंडलीय और जलवायु संबंधी माप करनेमें सहायता करता है क्योंकि यह स्वच्छ हवा और न्यूनतम प्रदूषण वाला क्षेत्र है।

इसके अतिरिक्त, यह स्थान मुक्त क्षोभमंडलीय स्थितियों में वायुमंडलीय प्रक्रियाओं के अध्ययन में भी सहायता करता है, जो बादल निर्माण, मौसम पैटर्न और एरोसोल अंतःक्रियाओं को समझने के लिए महत्वपूर्ण है। 

हिमालय जलवायु अनुसंधान केंद्र में माप का पहला सेट ICE-CRUNCH के तहत आयोजित किया जाएगा, जिसमें भारतीय और स्विस वैज्ञानिकों को बर्फ-नाभिकीय कणों और बादल संघनन नाभिक का अध्ययन करने के लिए एक साथ लाया जाएगा।

ये अध्ययन बादलों की सूक्ष्मभौतिकी में एरोसोल की भूमिका तथा हिमालयी क्षेत्र में जलवायु प्रणालियों और वर्षा पर उनके व्यापक प्रभाव को समझने में महत्वपूर्ण हैं।

  • भारत-स्विस संयुक्त अनुसंधान परियोजना ” ICE-CRUNCH (उत्तर-पश्चिमी हिमालय में बर्फ के कण और बादल संघनन नाभिक गुण)” भारतीय वैज्ञानिकों और स्विट्जरलैंड के ETH ज्यूरिख  के शोधकर्ताओं के बीच एक सहयोगात्मक अध्ययन है।
  • इसका उद्देश्य क्षेत्र में बर्फ के कणों और बादल संघनन नाभिक के गुणों का पता लगाना है।

यह केंद्र विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के वैश्विक वायुमंडलीय निगरानी (GAW) कार्यक्रम से संबद्ध एक दीर्घकालिक अनुसंधान केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के साथ साझेदारी में इसका उद्देश्य सतत वायुमंडलीय निगरानी करना और अंततः डेटा को वैश्विक जलवायु मॉडल में एकीकृत करना है।

इससे यह  स्पष्ट होता है कि हिमालय अब केवल एशिया का ‘जल मीनार’ नहीं रह गया है, बल्कि यह तेजी से वैश्विक जलवायु अध्ययन का केंद्र बन रहा है, जिसमें भारत जम्मू-कश्मीर की अग्रिम पंक्ति से इस अभियान का नेतृत्व कर रहा है।

हिमालय जलवायु अनुसंधान केंद्र का महत्व

  • केंद्र ने जलवायु विज्ञान में भारत के वैश्विक नेतृत्व में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, साथ ही यह भी घोषित किया है कि जम्मू और कश्मीर हिमालय में जलवायु अध्ययन और अनुसंधान में भारत की वैश्विक पहल का नेतृत्व कर रहा है। 
  • यह पहल भारत की शुद्ध-शून्य लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता और विश्व में इसकी जलवायु रणनीतियों की बढ़ती विश्वसनीयता के अनुरूप है।
  • इससे भारत में क्षमता निर्माण, युवा वैज्ञानिकों के प्रशिक्षण और जलवायु मॉडलिंग क्षमताओं के विकास में योगदान मिलने का अनुमान है।
  • यह एक ज्ञान केन्द्र के रूप में भी कार्य करेगा, तथा वायुमंडलीय विज्ञान में छात्रों और पेशेवरों के लिए प्रशिक्षण स्कूल भी उपलब्ध कराएगा।

मौसम विज्ञान संबंधी बुनियादी ढांचे में सरकार की प्रमुख पहल

  • जम्मू और कश्मीर में तीन मौसम रडार की स्थापना
  • उधमपुर में भूकंपीय वेधशाला की स्थापना
  • मिशन मौसम के अंतर्गत जलवायु एवं वायुमंडलीय अनुसंधान के लिए बजटीय आवंटन में 185% की वृद्धि ।
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