संदर्भ: 

कन्नड़ लेखिका और कार्यकर्ता बानू मुश्ताक ने अनुवादक दीपा भस्थी के साथ मिलकर हार्ट लैंप के लिए 2025 का अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीता है। यह पुरस्कार पाने वाला यह पहला लघु कहानी संग्रह है।

अन्य संबंधित जानकारी:

हार्ट लैंप 1990 से 2023 तक के वर्षों में बानू मुश्ताक द्वारा लिखी गई 12 लघु कहानियों का एक संग्रह है।

दीपा भास्ती ने पुस्तक का अंग्रेजी में अनुवाद किया है, जिसमें धर्म, समाज और पितृसत्ता के दबावों का सामना कर रही मुस्लिम महिलाओं के संघर्ष और ताकत पर प्रकाश डाला गया है।

  • दीपा भास्ती अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाली भारत की पहली अनुवादक हैं। उन्होंने 2024 में इसी कार्य के लिए अंग्रेजी के पेन का ‘पेन अनुवाद’ पुरस्कार भी जीता।

यह दूसरी बार है जब किसी कन्नड़ लेखक को बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। पहले कन्नड़ लेखक यू.आर.अनंतमूर्ति थे, जिन्हें 2013 में उनके काम के लिए यह सम्मान दिया गया था।

बुकर पुरस्कार के बारे में

  • बुकर पुरस्कार एक अत्यंत प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार है जिसकी शुरुआत 1969 में हुई थी।
  • यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष अंग्रेजी में लिखे गए तथा ब्रिटेन या आयरलैंड में प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ मौलिक उपन्यास के लिए दिया जाता है।
  • वर्ष 2005 में अंग्रेजी में अनुवादित उपन्यासों के लेखकों और अनुवादकों को मान्यता देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार की शुरुआत की गई।
  • अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार में 50,000 पाउंड की पुरस्कार राशि दी जाती है, जो लेखक और अनुवादक के बीच बराबर बांटी जाती है।

बुकर पुरस्कार जीतने वाले भारतीय

वर्षलेखककाम
1971वी.एस. नायपॉलएक स्वतंत्र राज्य में
1981सलमान रुश्दीमिडनाइट्स चिल्ड्रन
1997अरुंधति रॉयद गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स
2006किरण देसाईइनहेरिटेंस ऑफ लॉस
2008अरविंद अडिगाद वाइट टाइगर
2022गीतांजलि श्रीरेत समाधि
2025बानू मुश्ताकहार्ट लैंप
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