संदर्भ:

नेचर में प्रकाशित एक नवीनतम अध्ययन के अनुसार, स्वच्छ भारत मिशन ने देश भर में शिशु और पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में कमी लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, जिससे प्रतिवर्ष अनुमानित 60,000 से 70,000 शिशुओं की जान बचाई जा रही है।

अध्ययन के मुख्य अंश

  • अध्ययन में एक दशक (2011-2020) में 35 भारतीय राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों तथा 640 जिलों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, जिसमें प्राथमिक परिणामों के रूप में प्रति हजार जीवित जन्मों पर शिशु मृत्यु दर (IMR) और पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR) पर ध्यान केंद्रित किया गया।
  • शौचालय तक पहुंच और बाल मृत्यु दर के बीच विपरीत संबंध होने से भारत में शौचालय तक पहुंच में वृद्धि और बाल मृत्यु दर में कमी के बीच एक मजबूत ऐतिहासिक संबंध है।
  • विश्लेषण से प्राप्त परिणाम बताते हैं कि स्वच्छ भारत मिशन के बाद जिला स्तर पर शौचालयों तक पहुंच में प्रत्येक 10 प्रतिशत अंकों की वृद्धि से जिला स्तर पर शिशु मृत्यु दर में औसतन 0.9 अंकों की कमी तथा पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में 1.1 अंकों की कमी आती है।
  • जिला स्तर पर 30% (और उससे अधिक) शौचालय पहुँच से शिशु और बाल मृत्यु दर में पर्याप्त कमी आई है।
  • अध्ययन से पता चला है कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 30% से अधिक शौचालय पहुँच वाले जिलों में प्रति हजार जीवित जन्मों पर शिशु मृत्यु दर में 5.3 प्रतिशत तथा पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर में 6.8 प्रतिशत की कमी देखी गई। 
  • अध्ययन में यह भी बताया गया है कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालयों तक पहुंच बढ़ने से मल-मौखिक रोगाणुओं के संपर्क में कमी आई है, जिससे दस्त और कुपोषण की घटनाओं में कमी आई है।

शिशु मृत्यु दर और पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर

  • भारत में शिशु मृत्यु दर (IMR) किसी दिए गए वर्ष में प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर एक वर्ष से कम आयु के शिशुओं की मृत्यु की संख्या को संदर्भित करती है।
  • पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (U5MR) एक निश्चित समय अवधि, आम तौर पर एक वर्ष के भीतर प्रति 1,000 जीवित जन्मों पर पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु की संख्या का एक माप है।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 डेटा:

  • शिशु मृत्यु दर (प्रति 1000 जीवित जन्म): 35.2
  • पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर (प्रति 1000 जीवित जन्म): 41.9

स्वच्छ भारत मिशन 

  • 2 अक्टूबर, 2014 को शुरू की गई स्वच्छ भारत मिशन-शहरी का उद्देश्य खुले में शौच को समाप्त करना तथा शहरी भारत में नगरपालिका के ठोस अपशिष्ट का 100% वैज्ञानिक प्रबंधन करना है, जबकि वर्ष 2014 में शुरू की गई स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण योजना का लक्ष्य भारत को खुले में शौच से मुक्त (ODF) बनाना है।
  • इसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर व्यवहार परिवर्तन, घरेलू और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण, उनका उपयोग और ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन (SLWM) करना है, जिससे खुले में शौच मुक्त प्लस भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक जवाबदेह तंत्र स्थापित किया जा सके।
  • मिशन के शहरी घटक का कार्यान्वयन आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा तथा ग्रामीण घटक का कार्यान्वयन जल शक्ति मंत्रालय द्वारा किया जाएगा।
  • स्वच्छ भारत मिशन के चरण 1 के तहत, भारत के सभी गांवों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर 2 अक्टूबर, 2019 तक खुद को “खुले में शौच मुक्त” घोषित किया। 
  • स्वच्छ भारत मिशन-शहरी का दूसरा चरण 1 अक्टूबर, 2021 को 5 वर्षों की अवधि के लिए शुरू किया गया था ताकि वर्ष 2026 तक सभी शहरों के लिए “कचरा मुक्त” स्थिति हासिल की जा सके।
  • वर्ष 2019 के बाद शुरू किए जाने वाले स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण के दूसरे चरण का उद्देश्य खुले में शौच से मुक्त स्थिति को बनाए रखना और सम्पूर्ण स्वच्छता प्राप्त करने के लिए ग्रामीण भारत में व्यापक ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन शुरू करना है।
  • 1.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक के सार्वजनिक निवेश से वर्ष 2014 से अब तक 117 मिलियन से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया है।

Also Read:

केंद्रीय सतर्कता आयोग की वार्षिक रिपोर्ट

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