संदर्भ:

केंद्र सरकार परिशुद्ध (प्रिसिज़न) फ़ार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा एकीकृत बागवानी विकास मिशन (MIDH) योजना के तहत स्मार्ट प्रिसिज़न बागवानी कार्यक्रम शुरू करने की योजना बना रही है।

स्मार्ट प्रिसिज़न बागवानी कार्यक्रम

  • यह योजना 2024-25 से 2028-29 तक पांच वर्षों में 15,000 एकड़ भूमि को कवर करेगी और इससे लगभग 60,000 किसानों लाभान्वित होने की उम्मीद है।
  • इसमे पर्यावरणीय प्रभाव को न्यूनतम करते हुए संसाधनों के अधिकतम उपयोग के माध्यम से उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन और डेटा एनालिटिक्स जैसी स्मार्ट प्रौद्योगिकी का उपयोग करना शामिल है।
  • सरकार इस योजना के लिए 6,000 करोड़ रुपये निर्धारित करने की योजना बना रही है।

कार्यक्रम का महत्व

  • उत्पादकता मे वृद्धि करना तथा  किसानों के बीच संधारणीय पद्धतियों को बढ़ावा देकर कृषि परिदृश्य को बदलना है ।
  • इससे संसाधनों (जल, उर्वरक, कीटनाशक) का अधिकतम उपयोग होगा।
  • इससे उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में वृद्धि होगी।
  • यह जलवायु परिवर्तन और अन्य अनिश्चितताओं के विरुद्ध लचीलापन प्रदान करेगा।
  • इससे संधारणीय कृषि पद्धतियों को बढ़ावा मिलेगा।

स्मार्ट/ प्रिसिज़न फ़ार्मिंग क्या है?

  • प्रिसिज़न फ़ार्मिंग /कृषि एक समकालीन कृषि प्रबंधन रणनीति है जो फसलों और खेतों में विविधताओं की निगरानी, माप और अनुकूलन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करती है । 
  • किसी क्षेत्र की विशिष्ट परिस्थितियों के अनुरूप कृषि पद्धतियों को अनुकूलित करके कृषि उत्पादकता को बढ़ाना है , जिससे अंततः समग्र दक्षता और स्थिरता में सुधार होता है।

स्मार्ट कृषि को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम

  • वर्तमान में, कृषि अवसंरचना कोष (AIF) में स्मार्ट और सटीक कृषि के वित्तपोषण के प्रावधान हैं।

अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए उत्कृष्टता केंद्र :

  • उत्कृष्टता केंद्रों (COE) के माध्यम से तकनीक आधारित कृषि समाधान के लिए नीदरलैंड और इजरायल के साथ साझेदारी की संभावनाएं तलाश रहा है ।
  • इसकी योजना अगले पांच वर्षों में 100 CoE स्थापित करने की है; वर्तमान में, भारत-इज़राइल कृषि परियोजना के अंतर्गत 32 CoE मौजूद हैं।

परिशुद्ध कृषि विकास केंद्र (PFDC) :

  • स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप नई प्रौद्योगिकियों का परीक्षण और अनुकूलन करने के लिए विभिन्न राज्यों में 22 PFSC स्थापित किए गए।
  • कृषि में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना जैसी योजनाओं के तहत एआई और मशीन लर्निंग के उपयोग से जुड़ी परियोजनाओं के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को धनराशि भी जारी करती है ।

कृषि अवसंरचना कोष 

  • इसे स्मार्ट कृषि परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए कोविड-19 के दौरान लॉन्च किया गया था।
  • सके तहत, पात्र लाभार्थियों में व्यक्तिगत किसान, किसान उत्पादक संगठन (FPO), प्राथमिक कृषि ऋण समितियां (PACS) और स्वयं सहायता समूह (SHG) शामिल हैं। 

यह तकनीकी समाधान अपनाने के लिए 3% ब्याज सब्सिडी प्रदान करता है जैसे: 

  • खेत/कटाई स्वचालन 
  • ड्रोन की खरीद, खेत पर विशेष सेंसर लगाना 
  • ब्लॉकचेन और AI अनुप्रयोग
  • रिमोट सेंसिंग और IoT

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