संबंधित पाठ्यक्रम:
सामान्य अध्ययन 1: महिलाओं और महिला संगठन की भूमिका
संदर्भ:
सुप्रीम कोर्ट ने विंग कमांडर निकिता पांडे द्वारा स्थायी कमीशन से इनकार किए जाने के बाद दायर याचिका पर केंद्र और भारतीय वायु सेना (IAF) से जवाब मांगा है।
अन्य संबंधित जानकारी
- विंग कमांडर ने 13.5 वर्ष की सेवा के बाद स्थायी कमीशन (PC) से वंचित किये जाने पर लिंग आधारित भेदभाव का आरोप लगाया।
- सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि विंग कमांडर पांडे को अगले आदेश तक सेवा से मुक्त नहीं किया जाएगा ।
पीठ की टिप्पणियां:
- पीठ ने भारतीय वायुसेना को एक पेशेवर बल बताया और कहा कि सेवा में अनिश्चितता ऐसे अधिकारियों के लिए सही नहीं है।
- सशस्त्र बलों को सभी पात्र SSC अधिकारियों को स्थायी कमीशन में शामिल करने की क्षमता विकसित करनी चाहिए, विशेष रूप से उन महिला अधिकारियों को जिन्होंने असाधारण प्रदर्शन किया है।
- नीतियों में सशस्त्र बलों की बदलती जनसांख्यिकी और लैंगिक गतिशीलता को प्रतिबिंबित किया जाना चाहिए।
- पीठ ने कहा कि शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC ) अधिकारियों को भर्ती के बाद “कठिन जीवन” का सामना करना पड़ता है, और इसकी आवश्यकता पर प्रकाश डाला:
- 10-15 वर्ष की सेवा के बाद प्रोत्साहन संरचना ।
- कैरियर में प्रगति में कम अनिश्चितता ।
- न्यायाल्यने टिप्पणी करी कि न्यूनतम मानदंड बनाए रखा जाना चाहिए, लेकिन निष्पक्ष अवसर की आवश्यकता पर बल दिया ।
विंग कमांडर के वकील द्वारा प्रस्तुतियां:
- वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने विंग कमांडर निकिता पांडे का प्रतिनिधित्व किया।
- उठाए गए मुख्य बिंदु:
- यह अधिकारी IACCS (एकीकृत वायु कमान और नियंत्रण प्रणाली) की एक शीर्ष रैंक वाला लड़ाकू नियंत्रक है।
- उन्होने ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन बालाकोट में भाग लिया ।
- राष्ट्रीय मेरिट सूची में दूसरे स्थान पर होने के बावजूद 2019 की नीति के कारण स्थायी कमीशन से इनकार कर दिया गया ।
- नीति कार्यान्वयन के एक महीने बाद उनकी सेवा समाप्त होनी थी।
स्थायी कमीशन पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय:
- 2019 में, सेना ने अपने नियमों में बदलाव करते हुए एसएससी महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन का विकल्प चुनने की अनुमति दी, जो 14 साल की सेवा के बाद सेवानिवृत्त हो जातीं।
- हालाँकि, यह पूर्वव्यापी नहीं था और केवल 2020 में सेना में अपना करियर शुरू करने वाली महिला अधिकारियों के बैचों पर लागू था।
- बबीता पुनिया एवं अन्य मामले (2020) के ऐतिहासिक फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्वव्यापी प्रभाव से महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान किया।
- इससे सेना में उनके आगे विकास और पदोन्नति के द्वार खुल गए, तथा हाल ही में महिलाओं के लिए नेतृत्व और उच्च प्रबंधन पाठ्यक्रम भी खोले गए हैं।
- सेना में लंबे करियर के कारण महिला अधिकारियों को कर्नल और उससे आगे के पद पर पदोन्नति के लिए विचार किया जाएगा।
भारतीय वायुसेना की प्रतिक्रिया:
- अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी केंद्र और भारतीय वायुसेना की ओर से पेश हुईं।
- उन्होंने कहा कि यद्यपि अधिकारी प्रतिभाशाली थी, फिर भी चयन बोर्ड ने उसे अयोग्य पाया ।
- उन्होंने दावा किया कि अधिकारी ने आंतरिक प्रतिनिधित्व को दरकिनार करते हुए सीधे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
- दूसरा चयन बोर्ड उसके मामले पर विचार करेगा।
- यह उचित ठहराया गया कि भारतीय वायुसेना एक खड़ी पिरामिड संरचना का अनुसरण करती है , जो:
- कुछ अधिकारियों को 14 वर्ष के बाद सेवानिवृत्त करना आवश्यक करती है ।
- युवा अधिकारियों को शामिल करने की अनुमति देती है ।