संदर्भ
डीआरडीओ ने सुपरसोनिक मिसाइल-असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (स्मार्ट) प्रणाली के सफल परीक्षण की घोषणा की।
मुख्य बातें
- स्मार्ट का परीक्षण ओडिशा तट के निकट डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया।
- यह भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता को हल्के टॉरपीडो की पारंपरिक रेंज से कहीं अधिक बढ़ाता है।
स्मार्ट के बारे में
- स्मार्ट अगली पीढ़ी (Next Generation) की मिसाइल आधारित हल्की टारपीडो प्रणाली है।
- इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।
घटक
• यह एक कनस्तर-आधारित मिसाइल प्रणाली है तथा इसमें कई उन्नत उप-प्रणालियाँ शामिल हैं, अर्थात्,
- दो चरणीय ठोस प्रणोदन प्रणाली
- इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्चुएटर प्रणाली
- सटीक जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली
- यह प्रणाली पैराशूट-आधारित रिलीज़ सिस्टम के साथ पेलोड के रूप में एक उन्नत हल्के वजन वाले टारपीडो को ले जाती है।
कार्य
- हल्के वजन वाले टॉरपीडो को लंबी दूरी (सैकड़ों किलोमीटर) से लॉन्च किया जा सकता है, जो ऐसे टॉरपीडो की पारंपरिक सीमा से कहीं अधिक है।
- सामान्यतः, टारपीडो की तैनाती के लिए उपयोग किए जाने वाले हेलीकॉप्टरों या समुद्री गश्ती विमानों की परिचालन सीमा से परे दुश्मन की पनडुब्बियों को निशाना बनाने में सक्षम बनाता है।
महत्व
- यह भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं की पहुँच का विस्तार करता है।
- सुरक्षित दूरी से दुश्मन की पनडुब्बियों का पता लगाने और उनको निशाने बनाने में महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करता है।
- यह भारत की समग्र समुद्री सुरक्षा स्थिति भी को बढ़ाता है।
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