संदर्भ: 

वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) सीमा पार भुगतान के लिए वित्तीय संस्थानों द्वारा अधिक उद्भेदन हेतु नए मानदंड अपनाने की दिशा में काम कर रहा है ।

मुख्य बातें:

  • वित्तीय कार्रवाई कार्य बल सीमा पार क्रेडिट कार्ड लेनदेन के लिए सख्त नियमों पर चर्चा कर रहा है और यदि उन्हें एफएटीएफ द्वारा अपनाया जाता है तो भारतीय नियामकों को उन नियमों को लागू करना होगा।
  • एफएटीएफ सीमापार भुगतान के लिए वित्तीय संस्थाओं, भुगतान एग्रीगेटर्स और फिनटेक कंपनियों द्वारा अधिक उद्भेदन के लिए नए मानदंडों की दिशा में काम कर रहा है।
  • एफएटीएफ (FATF) के द्वारा अप्रैल, 2025 में मुंबई में एक अंतर्राष्ट्रीय परामर्श मंच आयोजित किया जाएगा, जिसमें भारतीय उद्योग, निजी क्षेत्र और अन्य सदस्य देशों के नियामकों के प्रतिभागियों के साथ उपर्युक्त विषय पर चर्चा की जाएगी।
  • एफएटीएफ अपनी सिफारिश 16 को भी संशोधित करने पर विचार कर रहा है, जिसके तहत लाभार्थी वित्तीय संस्थान को योग्य वायर ट्रांसफर के लिए लाभार्थी की पहचान सत्यापित करनी होती है।
  • एफएटीएफ ने भारत को “नियमित अनुवर्ती” श्रेणी में रखा था, जिसके कारण इसे स्वैच्छिक आधार पर तीन वर्ष में एक बार अनुवर्ती रिपोर्ट प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है। यह एक ऐसी श्रेणी है, जिसमें यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस और इटली सहित G20 के केवल चार अन्य देशों शामिल है।

नये उद्भेदन मानदंड की जरूरत के पीछे का कारण 

  • नए मानदंड जाँच एजेंसियों को इन चैनलों के माध्यमों से धन भेजने वालों और प्राप्तकर्ताओं के बारे में “वास्तविक समय में जानकारी” उपलब्ध कराने में सहायता करते हैं।
  • इन मानदंडों के पीछे का उद्देश्य पारदर्शिता को बढ़ाना और धन भेजने वालों तथा प्राप्तकर्ताओं की पहचान को सुगम बनाना है, जो धन शोधन, आतंकवादी वित्तपोषण और प्रसार वित्तपोषण से निपटने में महत्वपूर्ण है।

एफएटीएफ द्वारा किए जाने वाले अधिक उद्भेदन के नियम का प्रभाव

  • इससे क्रेडिट कार्ड कम्पनियों, भुगतान एग्रीगेटर्स और फिनटेक फर्मों की लागत बढ़ने की संभावना है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) मुख्य रूप से सीमा पार लेनदेन के लिए उद्भेदन आवश्यकताओं को बढ़ाने की योजना बना रही है।
  • भुगतान उद्योग को चिंता है कि नई आवश्यकताओं के कारण सॉफ्टवेयर और अन्य अवसंरचनाओं में निवेश बढ़ सकता है, जिसके परिणामस्वरूप अनुपालन की लागत बढ़ जाएगी। 

भारत की राय

  • भारत की राय यह है कि अधिक उद्भेदन मानदंडों को इस तरह से तैयार किया जाना चाहिए कि अनुपालन और उद्योग की चिंताओं के बीच संतुलन बना रहे।
  • भारत सरकार का कहना है कि वह ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस में समस्या उत्पन्न करने वाली कठोर मानदंड नहीं अपनाएगी।

वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF)

  • FATF की स्थापना वर्ष 1989 में G7 की पहल पर धन-शोधन से निपटने के लिए वैश्विक कार्रवाई का नेतृत्व करने के लिए की गई थी। बाद में, वर्ष 2001 में आतंकवाद और वित्तपोषण के प्रसार को भी इसके अधिदेश में शामिल किया  गया।
  • FATF सामूहिक विनाश का कारण बनने वाले हथियारों के लिए वित्तपोषण को रोकने के लिए भी काम करता है।
  • भारत वर्ष 2006 में ‘पर्यवेक्षक’ के रूप में इसमें शामिल हुआ और वर्ष 2010 में FATF का पूर्ण सदस्य बन गया।

मुख्यालय: पेरिस, फ्रांस।

  • ब्लैक लिस्ट: इस सूची में शामिल देश को धन-शोधन (मनी-लॉन्ड्रिंग), आतंकवादी वित्तपोषण और प्रसार के वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए गंभीर रणनीतिक खामियों के रूप पहचाना जाता हैं। इस सूची को अक्सर बाहरी रूप से ब्लैक लिस्ट के रूप में संदर्भित किया जाता है
  • वर्तमान में, ब्लैक लिस्ट में 3 देश ईरान उत्तर कोरिया और म्यांमार है।
  • ग्रे लिस्ट: यह उन देशों की पहचान करता है, जो मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण और प्रसार वित्तपोषण का मुकाबला करने के लिए अपने शासन में रणनीतिक खामियों को दूर करने के लिए FATF के साथ सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। 

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