संदर्भ:

सिपरी (SIPRI) की ईयर बुक रिपोर्ट, 2024 में बताया गया है कि पहली बार भारत के परमाणु हथियारों (वॉरहेड) की संख्या पाकिस्तान से अधिक हो गई है।

रिपोर्ट की मुख्य बातें

  • इसके अनुसार, नौ परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र, जिसमें अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजरायल शामिल है, लगातार अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण कर रहे है, और उनमें से कई ने वर्ष 2023 में नए परमाणु-सक्षम हथियार प्रणालियों को तैनात किया है।  
  • तैनात किए गए लगभग 2,100 हथियार (पिछले वर्ष की तुलना में 100 अधिक) बैलिस्टिक मिसाइलों पर उच्च परिचालन अलर्ट की स्थिति में रखे गए थे और उनमें से लगभग सभी रूस या अमेरिका के थे।
  • विश्व के कुल परमाणु हथियारों में रूस और अमेरिका की हिस्सेदारी कुल मिलाकर लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा है।
  • चीन का परमाणु हथियार जनवरी, 2023 के 410 से बढ़कर जनवरी, 2024 में 500 हो गया हैं, और इसके बढ़ने की उम्मीद है। फिर भी, चीन के परमाणु हथियारों का भंडार रूस या अमेरिका की तुलना में काफी कम है।

जनवरी, 2024 में भारत के “संगृहीत” परमाणु हथियारों की संख्या 172 थी, जबकि पाकिस्तान के पास यह संख्या 170 थी। वर्ष 2023 में, भारत और पाकिस्तान दोनों ने नए प्रकार के परमाणु हथियार प्रणालियों का विकास जारी रखा।

  • भारत ने अपने परमाणु भंडार में मामूली विस्तार किया है, जो जनवरी, 2023 में 164 हथियारों से बढ़कर जनवरी, 2024 तक 172 हथियारों तक पहुँच गया। इस प्रकार यह विश्व के परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्रों में 6ठें स्थान पर आ गया है।
  • इस बीच, पाकिस्तान ने अपने आयुधों की संख्या में कोई वृद्धि नहीं की है, जो जनवरी, 2023 और जनवरी, 2024 दोनों में 170 ही थी।

यद्यपि पाकिस्तान भारत के परमाणु प्रतिरोध का मुख्य केन्द्र बना हुआ है, फिर भी भारत लम्बी दूरी के हथियारों पर अधिक जोर दे रहा है, जिनमें सम्पूर्ण चीन तक पहुँचने में सक्षम हथियार भी शामिल हैं।

  • कुल मिलाकर, विश्व में परमाणु हथियारों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है। हालाँकि, यह केवल अमेरिका और रूस द्वारा पुराने परमाणु हथियारों को नष्ट करने का परिणाम है।

स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI)

  • यह वर्ष 1966 में स्थापित एक स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संस्थान है, जो कि संघर्ष, शस्त्रीकरण, शस्त्र नियंत्रण और निरस्त्रीकरण पर शोध के लिए समर्पित है। 
  • यह नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, मीडिया और इच्छुक जनता को खुले स्रोतों पर आधारित डेटा, विश्लेषण और सिफारिशें प्रदान करता है। 
  • मुख्यालय: स्वीडन के स्टॉकहोम में। 
देशप्रथम परमाणु परीक्षण का वर्षकुल हथियारों की संख्या (इन्वेंटरी)
संयुक्त राज्य अमेरिका19455044
रूस19495580
यूनाइटेड किंगडम1952225
फ्रांस1960290
चीन1964500
भारत1974172
पाकिस्तान1998170
उत्तर कोरिया200650
इजराइल………90

भारत की ‘पहले उपयोग नहीं करने’ (No First Use) की नीति

  • भारत ने वर्ष 1999 से परमाणु हथियार का प्रथम प्रयोग न करने (NFU) की नीति अपना रखी है।
  • जनवरी, 2003 से देश के घोषित सिद्धांत में पहले परमाणु हथियारों का उपयोग न करने की प्रतिज्ञा शामिल है, लेकिन एक महत्वपूर्ण चेतावनी के साथ, कि यदि भारतीय सेना पर जैविक या रासायनिक हथियारों से हमला किया जाता है तो सेना द्वारा परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • भारत ने वर्ष 2018 में पुनः इस बात को दोहराया की कि वह सामूहिक विनाश के गैर-परमाणु हथियारों (WMD) के हमलों का जवाब देने के लिए भी परमाणु हथियार का उपयोग कर सकता है।

हाल के घटनाक्रम 

  • नवंबर, 2019 में, उस समय भारत ने औपचारिक रूप से अपने परमाणु त्रय (Nuclear Triad) के संचालन की घोषणा की, जब देश के पहले SSBN, INS अरिहंत ने अपना पहला निवारक (डिटरेन्स) गश्त पूरा किया।
  • मार्च, 2024 में, भारत ने मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) तकनीक वाली अग्नि-V को लॉन्च करके “मिशन दिव्यास्त्र” को सफलतापूर्वक पूरा किया। इसने भारत को उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल कर दिया, जो एक ही मिसाइल का उपयोग करके कई परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं। 

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