संदर्भ:

अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) रेड लिस्ट के नवीनतम संशोधन के अनुसार, आक्रामक प्रजातियां और अवैध व्यापार के कारण सरीसृप और कैक्टस (cactus) विलुप्त होने की कगार पर हैं।

अन्य संबंधित जानकारी 

  • अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) ने कई सरीसृप और कैक्टस प्रजातियों के लिए आक्रामक प्रजातियों और अवैध व्यापार से उत्पन्न खतरों के बारे में चेतावनी जारी की है। 
  • संकटग्रस्त प्रजातियों की IUCN रेड लिस्ट की नवीनतम जानकारी में द्वीपीय सरीसृपों की संकटग्रस्त स्थिति पर प्रकाश डाला गया है, जो कि बाहर से लाए गए सांपों से प्रतिस्पर्धा और शिकार का सामना कर रहे हैं।

आक्रामक प्रजातियों से खतरे में सरीसृप

  • इबीज़ा वॉल लिजार्ड अब लगभग संकटग्रस्त हो गई है, क्योंकि वर्ष 2010 से इसकी जनसंख्या में 50% की गिरावट दर्ज की गई है, जो कि आक्रामक हॉर्सशू व्हिप स्नेक के कारण हुई है। 
  • इसी प्रकार, ग्रैन कैनरिया विशाल छिपकली और ग्रैन कैनरिया स्किंक को कैलिफोर्निया किंगस्नेक के कारण विलुप्त होने का खतरा है, दोनों प्रजातियों की जनसंख्या में वर्ष 2014 के बाद से 50% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है, जिसके परिणामस्वरूप उनकी स्थिति को लीस्ट कंसर्न से संकटग्रस्त में अद्यतन किया गया है।

अवैध व्यापार कैक्टस के लिए खतरा 

  • IUCN के अनुसार सजावटी कैक्टस कोपियापोआ कैक्टस (चिली के अटाकामा रेगिस्तान में पाए जाने वाले) का 82% हिस्सा अब गंभीर रूप से संकटग्रस्त है, जबकि वर्ष 2013 में यह संख्या 55% थी।
  • विश्व भर में कैक्टस एवं रसीले पौधों (succulents) की उच्च मांग है तथा यूरोप और एशिया में उनकी लोकप्रियता अवैध व्यापार को बढ़ावा देती है। धीमी गति से बढ़ने वाले ये पौधे बुनियादी ढांचे के विकास और जलवायु परिवर्तन के कारण और भी अधिक खतरे में हैं।

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

  • जलवायु परिवर्तन से कोपियापोआ कैक्टस को खतरा है, क्योंकि समुद्री कोहरे के कारण जलयोजन प्रभावित हो रहा है, जिससे दीर्घजीवी प्रजातियों के प्रजनन में बाधा आ रही है।
  • IUCN के अनुसार उगाए गए कोपियापोआ कैक्टस का रंग धूसर होता है तथा फूल धूल भरे दिखाई देते हैं, जबकि उगाए गए पौधे हरे दिखाई देते हैं।

अनुशंसित प्रतिक्रिया 

  • IUCN ने अवैध रूप से पौधों की तस्करी को रोकने तथा एक स्थायी बाजार विकल्प के रूप में कोपियापोआ की ग्रीनहाउस खेती को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का आग्रह किया है।
  • इसमें तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया गया है तथा कोपियापोआ कैक्टस के विलुप्त होने में तीव्र वृद्धि को देखते हुए, रेड लिस्ट की नवीनतम जानकारी में उल्लिखित तत्काल संरक्षण उपायों को अपनाने पर जोर दिया गया है।

IUCN रेड लिस्ट  

  • वर्ष 1964 में स्थापित IUCN रेड लिस्ट विश्व की जैव विविधता के स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।
  • यह पशुओं, कवकों और पौधों के विलुप्त होने के जोखिम का आंकलन करने हेतु एक महत्वपूर्ण वैश्विक साधन है।
  • यह प्रजातियों की विशेषताओं, खतरों और संरक्षण प्रयासों के बारे में सुलभ जानकारी प्रदान करता है तथा विश्व भर में संरक्षण निर्णयों और नीतियों का मार्गदर्शन करता है।
  • रेड लिस्ट प्रजातियों को 9 श्रेणियों में विभाजित करती है: विलुप्त (Extinct),वन-विलुप्त (Extinct in the Wild),अत्यधिक संकटग्रस्त (Critically Endangered,संकटग्रस्त (Endangered),सुभेद्य (Vulnerable), निकट संकटग्रस्त(Near Threatened), कम चिंताजनक (Least Concern), आंकड़ों का अभाव (Data Deficient), अनाकलित (Not Evaluated)

अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN)

  • इसकी स्थापना वर्ष 1948 में की गई| IUCN प्राकृतिक विश्व की स्थिति और इसकी सुरक्षा के लिए आवश्यक उपायों पर वैश्विक प्राधिकरण है।
  • यह सरकार और नागरिक समाज संगठनों का एक सदस्यता संघ है जो सतत विकास और प्रकृति के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए सहयोग करता है।

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