संदर्भ:
हाल ही में, वित्त मंत्रालय ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (UPS) के संचालन को अधिसूचित किया है, जो 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी।
अन्य संबंधित जानकारियाँ
- एकीकृत पेंशन योजना (UPS) उन केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू होगा, जो पहले से ही राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के अंतर्गत आते हैं तथा कर्मचारियों के पास NPS और UPS के बीच चयन करने का विकल्प होगा।
- जो कर्मचारी UPS के विकल्प चयन नहीं करते हैं, वे NPS के दायरे में रहेंगे। परंतु उनकी पेंशन आय उनके कार्य वर्षों के दौरान अर्जित परिसंपत्ति से जुड़ी होगी, तथा उन्हें किसी प्रकार का कोई आश्वासन नहीं मिलेगा।
- इससे पहले, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अगस्त, 2024 में UPS को मंजूरी दी थी।
- मंत्रिमंडल का यह निर्णय मार्च, 2023 में टी.वी. सोमनाथन की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों पर आधारित था। इसका उद्देश्य कर्मचारियों की आकांक्षाओं और राजकोषीय विवेक के बीच संतुलन स्थापित हेतु सरकारी कर्मचारियों के लिए NPS की समीक्षा करना था।
एकीकृत पेंशन योजना के बारे में
UPS का उद्देश्य पुरानी पेंशन योजना (OPS) की गारंटीकृत पेंशन सुविधाओं को राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) के अंशदायी पहलुओं के साथ संयोजित करके वित्तीय अनुशासन और कर्मचारी लाभ में संतुलन स्थापित करना है।
साथ ही, NPS जारी रहेगा तथा मौजूदा और आगामी कर्मचारियों दोनों के पास NPS या UPS को चुनने का विकल्प होगा। हालाँकि, कोई भी कर्मचारी केवल एक बार ही अपनी पसंद का चयन कर सकता है, जो अंतिम होगा।
- UPS के प्रावधान NPS के पूर्व सेवानिवृत्त कर्मचारियों (जो पहले ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं) पर भी लागू होंगे तथा उनकी पिछली अवधि के बकाया भुगतान ब्याज के साथ किया जाएगा।
UPS के विकल्प को चुनने वाले कर्मचारियों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। इसमें कर्मचारी का अंशदान 10% ही रहेगा, जबकि UPS लागू करने के लिए सरकार अतिरिक्त अंशदान देगी।
- इसमें सरकारी अंशदान 14% से बढ़कर 18.5% हो जाएगा।
राज्य सरकारों द्वारा अपनाए जाने के लिए भी यही समान ढाँचा तैयार किया गया है। यदि राज्य सरकारें भी इसे अपनाती हैं, तो इससे 90 लाख से ज़्यादा राज्य सरकार के कर्मचारियों को फ़ायदा हो सकता है, जो वर्तमान men NPS के तहत आते हैं।
UPS की मुख्य विशेषताएँ
सुनिश्चित पेंशन: कम से कम 25 वर्ष की सेवा वाले सरकारी कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति से पहले के अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन के 50% के बराबर पेंशन मिलेगी।
- 25 वर्ष से कम परन्तु 10 वर्ष से अधिक सेवा वाले कर्मचारियों को आनुपातिक आधार पर पेंशन मिलेगी।
सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन: न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा के बाद सेवानिवृत्ति की स्थिति में, UPS 10,000 रुपये प्रति माह की न्यूनतम पेंशन को सुनिश्चित करता है।
सुनिश्चित पारिवारिक पेंशन: सेवानिवृत्त व्यक्ति की मृत्यु होने पर, उसके परिवार के निकटतम व्यक्ति सेवानिवृत्त व्यक्ति द्वारा अंतिम बार प्राप्त पेंशन का 60% पाने का पात्र होगा।
मुद्रास्फीति सूचकांकन: इन तीनों प्रकार की पेंशनों पर महँगाई भत्ता उपलब्ध होगी। वर्तमान कर्मचारियों के मामले में, इसकी गणना औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) के आधार पर की जाएगी।
सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान: ग्रेच्युटी के अतिरिक्त, कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त भुगतान प्राप्त होगा, जो प्रत्येक छह माह की सेवा के लिए उनके मासिक परिलब्धियों (वेतन और महँगाई भत्ते सहित) के 1/10वें भाग के बराबर होगा।
- इस एकमुश्त राशि से सुनिश्चित पेंशन राशि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
UPS की कार्य प्रणाली
UPS के अंतर्गत दो फंड का प्रावधान: इस योजना के तहत दो फंड, अर्थात् व्यक्तिगत संग्रहक (कॉर्पस) और पूल संग्रहक (कॉर्पस) होंगे।
- व्यक्तिगत संग्रहक (कॉर्पस) में कर्मचारी का अंशदान और मूल वेतन तथा महँगाई भत्ते (DA) के 10% के बराबर केंद्र सरकार का अंशदान शामिल है।
- पूल कॉर्पस में UPS के सुनिश्चित भुगतान का समर्थन करने के लिए मूल वेतन और महँगाई भत्ते (DA) का 8.5% अतिरिक्त केंद्र सरकार का योगदान शामिल है।
निवेश प्रबंधन: कर्मचारी केवल व्यक्तिगत कॉर्पस में निवेश विकल्प का चुन कर सकेंगे। इसे पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा विनियमित किया जाएगा।
- हालाँकि, पूल कॉर्पस में निवेश का निर्णय पूर्णतः केंद्र सरकार के द्वारा लिया जाएगा।