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सामान्य अध्ययन-1: भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी गतिविधि और चक्रवात जैसी महत्वपूर्ण भू-भौतिकीय परिघटनाएं।

सामान्य अध्ययन -3: आपदा और आपदा प्रबंधन।
संदर्भ: भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने हाल ही में भूकंप डिजाइन संहिता, 2025 में संशोधन करते हुए एक अद्यतन भूकंप-जोखिम मानचित्र जारी किया है, जिसके तहत संपूर्ण हिमालयी चाप (Himalayan Arc) को अब नव-परिभाषित ज़ोन VI (सबसे अधिक जोखिम श्रेणी) में शामिल कर लिया गया है।
नए भूकंपीय क्षेत्रीकरण (Zonation) मानचित्र के बारे में

- उद्देश्य: संशोधन का उद्देश्य विशेष रूप से मध्य हिमालय में ‘लंबे समय से बंद पड़े उन भ्रंश खंडों’ का सटीक मूल्यांकन करना है जिनके कारण लगभग दो सौ वर्षों से सतह पर कोई बड़ी भूकंपीय हलचल नहीं देखी गई हैं, जबकि उनके भीतर लगातार तनाव का संचय (जमाव) हो रहा है।
- कवरेज का विस्तार: नए मानचित्र के अंतर्गत, देश का लगभग 61% क्षेत्र अब मध्यम से उच्च भूकंप जोखिम वाले क्षेत्रों के अंतर्गत आता है, जो पिछले अनुमानों से अधिक है।
- हटाए गए भू-भाग की असंगतियां: एकसमान पुनर्वर्गीकरण, पिछली असंगतियों में सुधार करता है, जहाँ समान विवर्तनिक खतरों का जोखिम होने करने के बावजूद सम्पूर्ण हिमालयी भू-भाग को अलग-अलग ज़ोन में बांटा गया था।
- अंतर्राष्ट्रीय रूप से स्वीकृत मानक: यह नया मानचित्र संभाव्य भूकंपीय खतरा मूल्यांकन तकनीकों पर आधारित है। इन तकनीकों में सक्रिय भ्रंशों, संभावित भूकंपों के परिमाण, भूमि में कंपन के पैटर्न और अंतर्निहित भूविज्ञान से संबंधित डेटा का उपयोग किया गया है।
- अद्यतन भूकंप-रोधी डिजाइन मानक: संशोधित मानदंड यह अनिवार्य करते हैं कि सभी नई निर्माण परियोजनाएँ विशेषकर अस्पताल, स्कूल, पुल और अन्य सार्वजनिक भवन जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएँ, इन अद्यतन मानकों का पालन करें।
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के बारे में
• भारतीय मानक संस्थान (ISI) की स्थापना 1947 में की गई थी और इसे सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत किया गया था। बाद में, ISI का नाम बदलकर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) कर दिया गया।
• ISI द्वारा 1955-56 में औपचारिक रूप से शुरू की गई योजना के तहत इसे भारतीय मानकों के अनुरूप वस्तुओं का उत्पादन करने वाले निर्माताओं को लाइसेंस प्रदान करने और उनके उत्पादों पर ISI मार्क (ISI Mark) लगाने का अधिकार मिला।

- BIS किसी भी उत्पाद को तीसरे पक्ष की गारंटी के रूप में ISI मार्क तभी आवंटित करता है जब वह उसकी गुणवत्ता, विश्वसनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित कर लेता है।
• भारतीय मानक ब्यूरो, भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 1986 के तहत अस्तित्व में आया। ब्यूरो द्वारा स्थापित मानक भारतीय मानक (Indian Standard) माने जाते हैं।
• एक न्य भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 लाया गया जिसे 2017 में लागू किया गया था। इस अधिनियम के तहत BIS को भारत के राष्ट्रीय मानक निकाय के रूप में स्थापित किया।
• BIS का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
