संदर्भ:
उत्तर प्रदेश सरकार अपनी इलेक्ट्रिक वाहन (EV) सब्सिडी नीति में संशोधन करने जा रही है, जिसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों पर मिलने वाला प्रोत्साहन (incentive) केवल राज्य में निर्मित EV तक ही सीमित रहेगा।
अन्य संबंधित जानकारी
- 14 अक्टूबर से केवल उत्तर प्रदेश में निर्मित और पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहन ही सब्सिडी के लिए पात्र होंगे।
- इस कदम का उद्देश्य स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देना और EV कंपनियों को आकर्षित करना है, जिससे वे खरीदार प्रभावित होंगे जो पहले राज्य के बाहर या आयातित EV पर सब्सिडी प्राप्त करते थे।
- 14 अक्टूबर, 2025 से 13 अक्टूबर, 2027 तक, उत्तर प्रदेश राज्य के भीतर निर्मित, बेचे और पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के लिए पंजीकरण शुल्क और सड़क कर पर 100% छूट दी जाएगी।
- यह कदम ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के तहत EV विनिर्माण केंद्र बनने के राज्य के लक्ष्य के अनुरूप है।
उत्तर प्रदेश की EV नीति 2022 के बारे में
- विकासक्रम: उत्तर प्रदेश अगस्त 2019 में इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण और गतिशीलता (EVMM) नीति शुरू करने वाले अग्रणी राज्यों में से एक रहा है।
- हालाँकि, उभरते वैश्विक रुझानों के अनुरूप उत्तर प्रदेश सरकार ने 14 अक्टूबर, 2022 को एक नई इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण और गतिशीलता नीति शुरू की।
- नीति के उद्देश्य:
- उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्रिक मोबिलिटी विकास और विनिर्माण का वैश्विक केंद्र बनाना।
- विशेष रूप से शहरों में पर्यावरण अनुकूल परिवहन प्रणाली को अपनाने में सक्षम बनाना।
- चार्जिंग और बैटरी स्वैपिंग बुनियादी ढांचे के विकास के लिए निवेश को सुविधाजनक बनाना।
- EV पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माताओं को यूनिट्स स्थापित करने और वैश्विक बाजार में आपूर्ति करने के लिए आकर्षित करना।
- नॉन-ICE ऑटोमोबाइल, बैटरी प्रौद्योगिकी, ईंधन सेल प्रौद्योगिकियों और EV इलेक्ट्रॉनिक्स में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देना।
रणनीति
- उपर्युक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, उत्तर प्रदेश राज्य सरकार राज्य में EV उद्योग को बढ़ावा देने के लिए 3 स्तंभों पर ध्यान केंद्रित कर रही है-
- चार्जिंग से संबंधित अवसंरचनाओ का निर्माण
- तेजी से EV अपनाना
- विनिर्माण
- प्रत्येक स्तंभ के अंतर्गत हस्तक्षेप के क्षेत्र 4 सफलता कारकों अर्थात सामर्थ्य, सुविधा, प्रौद्योगिकी और जागरूकता पर आधारित है।

प्रमुख बिन्दु:
- वित्तीय प्रोत्साहन: इसने खरीदारों को तीन वर्षों के लिए सड़क कर और पंजीकरण शुल्क से पूर्ण छूट प्रदान की, तथा जिन लोगों ने पहले ही ये शुल्क चुका दिए थे, उन्हें शुल्क वापसी जारी की गई।
- वर्तमान प्रोत्साहन ढाँचा: वाहन श्रेणी के आधार पर खरीदारों को 20 लाख रुपये तक का प्रोत्साहन मिलता है।
वाहन के प्रकार | सब्सिडी राशि |
दोपहिया | ₹5,000 |
चौपहिया | ₹1,00,000 |
इलेक्ट्रिक बस | ₹20,00,000 |
ई-माल वाहक | ₹1,00,000 |
- EV के तीव्र परिवर्तन/अपनाने को बढ़ावा देने की पहल:
- व्यापक इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्लान (CEMP): इसे लखनऊ के लिए विकसित किया गया है और नीति आयोग तथा एशियाई विकास बैंक के सहयोग से इसे सभी 17 नगर निगम वाले शहरों में विस्तार दिया जाएगा।
- राज्य सरकार का लक्ष्य 2030 तक सरकारी वाहनों (आधिकारिक उपयोग के लिए) को 100% EV में परिवर्तित करना है।
- कार्यान्वयन ढांचा: नोडल एजेंसी इन्वेस्ट यूपी है।
