संदर्भ
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संजय कुमार मिश्रा को जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के पहले अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है।
अन्य संबंधित जानकारी
- केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) संजय कुमार मिश्रा को जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी) के अध्यक्ष पद की शपथ दिलाई।
- वे झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश थे तथा उन्होंने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया।
- उनकी नियुक्ति वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित विवादों को सुलझाने हेतु समर्पित निकाय के रूप में जीएसटीएटी के संचालन की शुरुआत का प्रतीक है।
जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के अध्यक्ष की नियुक्ति
- जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के अध्यक्ष की नियुक्ति भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खोज-सह-चयन समिति की सिफारिश पर आधारित है।
- अध्यक्ष का कार्यकाल चार वर्ष या 70 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, होगा।
जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के अन्य सदस्य
- जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण में न्यायिक सदस्य और तकनीकी सदस्य शामिल होते हैं।
- न्यायिक सदस्य आमतौर पर विधिक में विशेषज्ञता वाले सेवानिवृत्त न्यायाधीश होते हैं।
- तकनीकी सदस्यों को लेखांकन, वाणिज्य या उद्योग जैसे क्षेत्रों में अनुभव होता है।
- आवेदकों की आयु कम से कम 50 वर्ष होनी चाहिए तथा उन्हें खोज-सह-चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर नियुक्त किया जाएगा।
- सेवानिवृत्ति की आयु 67 वर्ष रखी गई है।
- जीएसटीएटी के अध्यक्ष और सदस्य 70 और 67 वर्ष की आयु सीमा के अधीन दो वर्ष की अवधि के लिए पुनर्नियुक्ति के लिए पात्र होंगे।
वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण (जीएसटीएटी)
- केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत स्थापित, जीएसटीएटी द्वितीय अपीलीय प्राधिकरण के रूप में कार्य करता है।
- यह केंद्रीय जीएसटी अधिनियम और संबंधित राज्य/संघ राज्य क्षेत्र जीएसटी अधिनियमों के तहत प्रथम अपीलीय प्राधिकारी द्वारा दिये गए निर्णयों से संबंधित अपीलों पर सुनवाई करता है।
- जीएसटीएटी के अंतर्गत नई दिल्ली में स्थित एक प्रधान पीठ के साथ-साथ देश भर के विभिन्न स्थानों में 31 राज्य पीठ शामिल हैं।
वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण का महत्व
- इससे कारोबारी धारणा को बढ़ावा मिलेगा और व्यापार करने में आसानी होगी।
- यह त्वरित और किफायती रूप से मामले का समाधान सुनिश्चित करता है।
- इससे जीएसटी प्रणाली की दक्षता बढ़ने और राष्ट्र के कर परिवेश में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
- वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना कर विवाद समाधान को सुव्यवस्थित करने और स्थानीय उच्च न्यायालयों पर दबाव कम करने हेतु की गई है।