दंत अमलगम
संदर्भ:
हाल ही में, जिनेवा में आयोजित मिनामाता पारे संबंधी सम्मेलन के पक्षकारों के छठे सम्मेलन (सीओपी-6) में वर्ष 2034 तक वैश्विक स्तर पर पारा-आधारित दंत अमलगम (डेंटल फिलिंग्स) को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का निर्णय लिया गया।
अन्य संबंधित जानकारी

- यह निर्णय पारे पर मिनामाता कन्वेंशन के 153 पक्षों द्वारा अपनाया गया था।
- यह निर्णय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) मर्करी (पारा) को प्रमुख जन स्वास्थ्य चिंताओं वाले शीर्ष 10 रसायनों में से एक मानता है और इसे “मानव स्वास्थ्य के लिए विषैला” घोषित करता है।
- यह चरणबद्ध समाप्ति पारे के उपयोग को समाप्त करने के अंतर्राष्ट्रीय प्रयासों में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है, विशेष रूप से दंत चिकित्सा में।
- यह कदम स्वास्थ्य सेवा और औद्योगिक अनुप्रयोगों से पारे को पूरी तरह से समाप्त करने के सम्मेलन के दीर्घकालिक उद्देश्य के अनुरूप है।
- दंत अमलगम को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के इस मुद्दे पर अंततः COP-6 में अंतिम सर्वसम्मति तक पहुँचने से पहले तीन COP सत्रों में व्यापक चर्चा हुई थी।
दंत अमलगम के बारे में
- दंत अमलगम दाँतों में कैविटी भरने के लिए उपयोग होने वाला एक मिश्रण है, जिसमें तरल मर्करी और चाँदी (सिल्वर) शामिल होते हैं।
- यह एक टिकाऊ और किफायती पुनर्स्थापन सामग्री है, जिसका लगभग 50% भाग वजन के अनुसार मर्करी होता है।
- मर्करी-रहित विकल्पों में कंपोज़िट रेज़िन, ग्लास-आयोनोंमर सीमेंट, रेज़िन-परिवर्तित आयोनोंमर, सिरेमिक और गोल्ड रेस्टोरेशन शामिल हैं।
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के पक्षकारों की 37वीं बैठक (MOP-37)
संदर्भ:
हाल ही में, मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल MOP37) के पक्षकारों के सम्मेलन की 37वीं बैठक 1 नवंबर से 7 नवंबर 2025 तक केन्या के नैरोबी में आयोजित की गई।
अन्य संबंधित जानकारी
- यह बैठक ओज़ोन परत के संरक्षण के लिए वियना कन्वेंशन की 40वीं वर्षगांठ का प्रतीक थी, जो कि ओज़ोन परत की रक्षा के लिए वैश्विक सहयोग का एक प्रतीक है।
- ओज़ोन परत के संरक्षण के लिए वियना कन्वेंशन एक 1985 का ढाँचा-संधि है, जो अनुसंधान, सूचना आदान-प्रदान और विधायी उपायों को अपनाने के माध्यम से ओज़ोन परत की रक्षा हेतु अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देती है।
- पक्षकारों ने 20 निर्णय अपनाए, जिनमें HFC-23 उत्सर्जन अंतर पर आगे के विश्लेषण भी शामिल थे।
बैठक की प्रमुख विशेषताएँ
- HFC उत्सर्जन में विसंगतियाँ: बैठक का मुख्य फोकस HFC-23 (जो एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है) के रिपोर्ट किए गए उत्सर्जन और वायुमंडलीय निगरानी में पाए गए उत्सर्जन के बीच मौजूद “बड़ी विसंगति” पर था। इस कारण नियंत्रित पदार्थों की क्षेत्रीय वायुमंडलीय निगरानी को सुदृढ़ करने का निर्णय लिया गया।
- मल्टीलेटरल फंड (MLF) पुनर्भरण: वर्ष 2027–2029 के लिए MLF पुनर्भरण पर अध्ययन हेतु संदर्भ-शर्तों (ToR) को अपनाया गया।
- उपयोग किए गए रेफ्रिजरेंट का प्रबंधन: पक्षकारों ने प्रौद्योगिकी एवं आर्थिक मूल्यांकन पैनल (TEAP) को एक ज़िम्मेदारी सौंपी है कि वह प्रयुक्त और अवांछित नियंत्रित पदार्थों—खासकर जीवनकाल के अंत के करीब पहुँच चुके पदार्थों—की मात्रा और उनके प्रबंधन विकल्पों का अध्ययन करे।
- उड्डयन क्षेत्र में हैलॉन्स: विमानन उद्योग में हैलॉन-1301 के निरंतर उपयोग पर निर्णय लिया गया, जिसमें पुनर्चक्रित हैलॉन्स के आयात-निर्यात को सुगम बनाने का प्रोत्साहन दिया गया, ताकि अग्नि-नियमन आवश्यकताएँ पूरी हो सकें। साथ ही नए विकल्पों पर जानकारी आमंत्रित की गई।
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के बारे में
- मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल एक अंतरराष्ट्रीय संधि है जिसने पृथ्वी की सुरक्षात्मक ओज़ोन परत के संरक्षण के लिए ओज़ोन-क्षयकारी पदार्थों (ODS) के उत्पादन और उपभोग को सफलतापूर्वक चरणबद्ध रूप से समाप्त किया।
- मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल 1987 में अपनाया गया था। इसे सबसे सफल पर्यावरणीय समझौतों में से एक माना जाता है क्योंकि इसे सार्वभौमिक अनुमोदन प्राप्त है और इसने ODS में उल्लेखनीय कमी सुनिश्चित की है, जिससे हानिकारक पराबैंगनी (UV) विकिरण से सुरक्षा में मदद मिलती है
भारत में नियोडिमियम उत्पादन
संदर्भ:
हाल ही में, परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन इंडियन रेयर अर्थ्स लिमिटेड (IREL) ने वित्त वर्ष 27 तक नियोडिमियम उत्पादन को 500 टन तक बढ़ाने की योजना की घोषणा की।
अन्य संबंधित जानकारी

- यह वृद्धि पिछले वर्ष के 40 टन उत्पादन की तुलना में नौ गुना अधिक है, और यह उस समय हुई है जब वैश्विक स्तर पर दुर्लभ-पृथ्वी खनिजों की आपूर्ति का संकट अपने चरम पर था।
- यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब चीन ने कई दुर्लभ मृदा तत्वों और चुम्बकों पर निर्यात प्रतिबंध लगा दिया है, जिससे देशों को घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है।
- आईआरईएल (IREL) ओडिशा में निष्कर्षण सुविधाएं और केरल में शोधन इकाइयां संचालित करता है, जिसके माध्यम से यह 17 दुर्लभ मृदा तत्वों में से आठ का उत्पादन करता है। इन तत्वों में नियोडिमियम, प्रेजोडिमियम और डिस्प्रोसियम जैसे महत्वपूर्ण तत्व शामिल हैं।
- स्वदेशी इंजीनियरिंग प्रगति के कारण कंपनी का नियोडिमियम और प्रेजोडिमियम का उत्पादन एक वर्ष के भीतर दोगुना होने की उम्मीद है।
- भारत के पास वर्तमान में अनुमानित 9 मिलियन मीट्रिक टन के साथ दुर्लभ-पृथ्वी तत्वों (REE) का तीसरा सबसे बड़ा भंडार है। हालांकि, देश का मौजूदा उत्पादन वैश्विक आपूर्ति के 1% से भी कम है।
- यह विस्तार राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (NCMM) के लक्ष्यों के साथ मेल खाता है। इस मिशन का उद्देश्य वित्त वर्ष 2025 से वित्त वर्ष 2031 के दौरान ₹16,300 करोड़ खर्च करके और ₹18,000 करोड़ के अपेक्षित निवेश को आकर्षित करके महत्वपूर्ण खनिज मूल्य श्रृंखलाओं को मज़बूत करना है।
नियोडिमियम (Neodymium) के बारे में
- नियोडिमियम एक रूपहला-सफेद (Silvery-White) दुर्लभ पृथ्वी धातु है, जो उच्च-शक्ति वाले स्थायी चुम्बकों के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाना जाता है।
- इसका प्रमुख उपयोग विद्युत वाहनों के मोटरों, पवन टरबाइनों, रक्षा प्रणालियों, इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रकाशीय उपकरणों में होता है।
- यह तत्व मोनाज़ाइट और बैस्टनसाइट खनिजों में पाया जाता है, जिनके प्रमुख भंडार चीन, भारत, ऑस्ट्रेलिया और ब्राज़ील में स्थित हैं।
- नियोडिमियम चुम्बक उपलब्ध स्थायी चुम्बकों में सबसे शक्तिशाली माने जाते हैं, जिसके कारण वे कॉम्पैक्ट और ऊर्जा-कुशल तकनीकों के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
18वीं अर्बन मोबिलिटी इंडिया (UMI) कांफ्रेंस और प्रदर्शनी 2025
संदर्भ:
हाल ही में, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने हरियाणा के गुरुग्राम में 18वीं अर्बन मोबिलिटी इंडिया कांफ्रेंस और प्रदर्शनी 2025 का आयोजन किया।
अन्य संबंधित जानकारी

- यह सम्मेलन “शहरी विकास और गतिशीलता संबंध” विषय के अंतर्गत आयोजित किया गया था, जिसमें टिकाऊ शहरी नियोजन और परिवहन विकास के एकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया।
- यह सम्मेलन शहरी परिवहन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों और चुनौतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है।
- समापन सत्र के दौरान प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना का लोगो और वेबसाइट लॉन्च की गई, जो टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- तीन दिवसीय सम्मेलन का समापन शहरी परिवहन की 8 विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार वितरण के साथ हुआ।
- यह भी घोषणा की गई कि 19वीं अर्बन मोबिलिटी इंडिया कांफ्रेंस और प्रदर्शनी 2026 अक्टूबर 2026 में ओडिशा के भुवनेश्वर में आयोजित की जाएगी।
अर्बन मोबिलिटी इंडिया (UMI) कांफ्रेंस के बारे में
- UMI सम्मेलन आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा शहरी परिवहन चुनौतियों और सतत गतिशीलता समाधानों पर विचार-विमर्श हेतु आयोजित एक वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय मंच है।
- यह राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ-साथ केंद्रीय, राज्य और शहर-स्तरीय अधिकारियों के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जहाँ वे शहरी गतिशीलता में अनुभव साझा करते हैं और सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देते हैं।
- इसका 17वां संस्करण गुजरात में आयोजित किया गया, जिसमें भारत और विदेश से लगभग 1,500 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- UMI कांफ्रेंस की आधिकारिक वेबसाइट भारत में शहरी परिवहन पहल से संबंधित पंजीकरण, अद्यतन और प्रकाशनों की जानकारी प्रदान करती है।
चितरंजन दास की 155वीं जयंती
संदर्भ:
हाल ही में, लोकसभा अध्यक्ष ने नई दिल्ली में स्वतंत्रता सेनानी देशबंधु चित्तरंजन दास को उनकी 155वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
देशबंधु चित्तरंजन दास

- चित्तरंजन दास का जन्म 5 नवंबर 1870 को मध्य कलकत्ता में हुआ था।
- उन्होंने इंग्लैंड की यात्रा की और कानून की पढ़ाई के लिए मिडिल टेम्पल में दाखिला लिया।
- उन्हें 1893 में इंग्लिश बार में बुलाया गया और 1894 में कलकत्ता उच्च न्यायालय में प्रैक्टिस करने के लिए वे भारत लौट आए।
- अलीपुर बम केस (1908) में अरबिंदो घोष का सफलतापूर्वक बचाव करने के बाद उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि मिली।
- उन्होंने सागर-संगीत, अंतर्यामी और किशोर-किशोरी जैसी कृतियों की रचना कर बंगाली साहित्य में योगदान दिया।
- उनकी राजनीतिक यात्रा 1906 में कांग्रेस प्रतिनिधि के रूप में शुरू हुई और 1917 के बाद उनकी भूमिका का विस्तार हुआ, जब उन्होंने बंगाल प्रांतीय सम्मेलन की अध्यक्षता की।
- उन्होंने मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधारों (1918) का विरोध किया और रॉलेट एक्ट (1919) की सख्त आलोचना की।
- उन्होंने महात्मा गांधी के सत्याग्रह के आह्वान का समर्थन किया और बाद में असहयोग आंदोलन में शामिल हो गए।
- उन्होंने आंदोलन के एक भाग के रूप में 1921 में ढाका में राष्ट्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना की।
- परिषद में प्रवेश को लेकर मतभेद के बाद, उन्होंने 31 दिसंबर 1922 को मोतीलाल नेहरू के साथ मिलकर स्वराज पार्टी की स्थापना की
- वे 1923 में कलकत्ता नगरपालिका अधिनियम के तहत कलकत्ता के पहले महापौर बने। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और सार्वजनिक परिवहन के क्षेत्र में कई नागरिक सुधार लागू किए।
- उन्होंने सुभाष चंद्र बोस को कलकत्ता निगम का मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया।
- उन्होंने फॉरवर्ड पब्लिशिंग कंपनी को बढ़ावा दिया, जिसने प्रभावशाली दैनिक समाचार पत्र फॉरवर्ड की शुरुआत की थी।
- उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता को मजबूत करने के लिए काम किया और सांप्रदायिक सद्भाव की वकालत करते हुए बंगाल समझौता तैयार किया।
- उन्होंने 1925 में फरीदपुर में बंगाल प्रांतीय सम्मेलन की अध्यक्षता की और वैश्विक शांति और राष्ट्रमंडल में भारत की भूमिका पर भाषण दिया।
- चित्तरंजन दास का निधन 16 जून 1925 को दार्जिलिंग में हुआ|
देशबंधु चितरंजन दास की विचारधारा
- उनका मानना था कि भारत की स्वतंत्रता आत्म-बलिदान, नैतिक साहस और सत्याग्रह से प्रेरित आध्यात्मिक शक्ति के माध्यम से प्राप्त की जानी चाहिए।
- उन्होंने तब तक विधायिकाओं के भीतर से संवैधानिक विरोध का समर्थन किया, जब तक उन्होंने असहयोग आंदोलन में भाग नहीं लिया।
- उनका मानना था कि राष्ट्रीय एकता के लिए हिंदू-मुस्लिम सहयोग आवश्यक है और उन्होंने समुदायों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध विकसित करने की दिशा में काम किया।
- उन्होंने रचनात्मक राजनीति, सशक्त नागरिक संस्थाओं और विकेन्द्रीकृत प्रशासन के माध्यम से स्वराज की वकालत की।
11वाँ मित्र शक्ति अभ्यास – 2025
संदर्भ:
भारत, भारत-श्रीलंका संयुक्त सैन्य अभ्यास मित्र शक्ति 2025 के ग्यारहवें संस्करण की मेजबानी कर रहा है।
अन्य संबंधित जानकारी
- मित्र शक्ति अभ्यास 2025, 10 नवंबर 2025 को कर्नाटक के बेलगावी में विदेशी प्रशिक्षण नोड में शुरू हुआ और 23 नवंबर 2025 तक जारी रहेगा।
- इस वार्षिक अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र अधिदेश के अध्याय VII के तहत उप-पारंपरिक संचालन का संयुक्त पूर्वाभ्यास करना है।
- इस अभ्यास में परिचालन अभ्यास के लिए ड्रोन, मानवरहित हवाई प्रणालियों और हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया जा रहा है।
- इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना उद्देश्यों के अनुरूप अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाना और परिचालन जोखिमों को कम करना है।
- दोनों पक्ष युद्ध कौशल पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे और रक्षा सहयोग को और मज़बूत करने के लिए सर्वोत्तम तरीकों को साझा करेंगे।
- यह अभ्यास भारत और श्रीलंका के बीच मज़बूत द्विपक्षीय संबंधों और आपसी विश्वास को दर्शाता है।
- मित्र शक्ति अभ्यास का पहला संस्करण 2012 में भारत के पुणे में आयोजित किया गया था।
श्रीलंका और भारत के बीच अन्य प्रमुख अभ्यास
- श्रीलंका-भारत नौसेना अभ्यास (SLINEX), 2005 से अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाने वाला एक वार्षिक द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास है।
- SLINEX का 2024 का संस्करण 17 से 20 दिसंबर, 2024 तक भारत के विशाखापत्तनम तट पर आयोजित किया गया था।
