ब्यूरो ऑफ पोर्ट सिक्योरिटी (BoPS)   

संदर्भ: केंद्र सरकार ने देश में जहाजों और बंदरगाह सुविधाओं की सुरक्षा की निगरानी के लिए ब्यूरो ऑफ पोर्ट सिक्योरिटी (BoPS) नामक एक वैधानिक निकाय स्थापित करने का निर्णय लिया है।

ब्यूरो ऑफ पोर्ट सिक्योरिटी (BoPS) के बारे में 

  • ब्यूरो ऑफ पोर्ट सिक्योरिटी (BoPS) का गठन मर्चेंट शिपिंग अधिनियम, 2025 की धारा 13 के तहत एक वैधानिक निकाय के रूप में किया जाएगा।
  • इसकी अध्यक्षता महानिदेशक (IPS अधिकारी) करेंगे और यह पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय (MoPSW) के अंतर्गत कार्य करेगा।
    • एक वर्ष की संक्रमण अवधि के दौरान, नौवहन महानिदेशक (DGS/DGMA), महानिदेशक, BoPS के रूप में कार्य करेंगे।
  • यह ब्यूरो जहाज़ों और बंदरगाह सुविधाओं की सुरक्षा से संबंधित विनियामक तथा पर्यवेक्षण कार्यों के लिए उत्तरदायी होगा।
  • यह सुरक्षा से संबंधित सूचनाओं के समयबद्ध विश्लेषण, संग्रह और आदान-प्रदान को भी सुनिश्चित करेगा, जिसमें साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इसके अंतर्गत डिजिटल खतरों से बंदरगाहों की आईटी अवसंरचना की सुरक्षा के लिए एक समर्पित प्रभाग भी होगा।
  • इस ब्यूरो को नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है।
    • BCAS का गठन जनवरी 1978 में पांडे समिति की सिफारिशों के आधार पर किया गया था, तथा इसकी उत्पत्ति नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के अंतर्गत कार्यरत नागरिक उड्डयन सुरक्षा निदेशालय (DCAS) से हुई थी।
  • इससे पहले, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) को बंदरगाह सुरक्षा आकलन करने तथा बंदरगाहों के लिए सुरक्षा योजनाएँ तैयार करने के उद्देश्य से मान्यता प्राप्त सुरक्षा संगठन (RSO) के रूप में नामित किया गया था।
    • CISF, गृह मंत्रालय के अधीन भारत के विशेष केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में से एक है। 
    • इसकी स्थापना वर्ष 1969 में CISF अधिनियम, 1968 के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSU) और सरकारी प्रतिष्ठानों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए की गई थी।     

समुदाय-आधारित आपदा जोखिम न्यूनीकरण को सुदृढ़ करने हेतु राष्ट्रीय परियोजना

सन्दर्भ: हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति (HLC) ने ‘समुदाय आधारित आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) पहल को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय परियोजना’ हेतु निधि (फंड) को मंजूरी दी है।

परियोजना के बारे में

  • यह पहल पंचायती राज मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सहयोग से शुरू की गई है।
  • यह परियोजना 20 राज्यों में लागू की जाएगी और इसके तहत 81 आपदा-प्रवण जिलों को कवर किया जाएगा, जिनमें से प्रत्येक में 20 ग्राम पंचायतें शामिल होंगी। इसके अतिरिक्त, प्रमुख आपदा विशिष्ट जोखिमों पर केंद्रित 20 ग्राम पंचायतों को स्थानीय स्तर पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण (DRR) के लिए ‘अनुकरणीय मॉडल’ के रूप में विकसित किया जाएगा।
    • DRR का उद्देश्य नई आपदाओं को रोकना, मौजूदा आपदा जोखिम को कम करना और शेष जोखिम का प्रबंधन करना है, जो अंततः लचीलेपन को मजबूत करने और सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।
  • इस पहल का उद्देश्य आपदा प्रबंधन के ‘बॉटम-अप अप्रोच’ के माध्यम से शासन संरचना में DRR प्रथाओं को एकीकृत करना है।
  • परियोजना का फोकस संस्थानों को सुदृढ़ करने, पंचायती राज संस्थाओं (PRI) की विकास योजना में DRR को एकीकृत करने, तथा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (SDMA), जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (DDMA) और पंचायत प्रतिनिधियों के बीच क्षमता निर्माण एवं जागरूकता बढ़ाने पर है, जिसे लक्षित सूचना, शिक्षा एवं संचार (IEC) पहलों का समर्थन प्राप्त होगा।
  • यह कार्यक्रम दीर्घकालिक आपदा शमन को लागू करने के लिए छह विशिष्ट आपदा विषयों हेतु प्रति राज्य एक मॉडल ग्राम पंचायत की नवीन अवधारणा पेश करता है।
  • इन 20 ग्राम पंचायतों से प्राप्त अनुभवों को राज्य आपदा शमन कोष (SDMF) के माध्यम से अन्य ग्राम पंचायतों में आपदा-सहिष्णु मॉडल तैयार करने के लिए बड़े पैमाने पर लागू किया जा सकता है।       

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में पूर्व अग्निवीरों के लिए 50% आरक्षण

संदर्भ: हाल ही में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) के ग्रुप ‘सी’ पदों पर भूत-पूर्व-अग्निवीरों के लिए आरक्षण को वर्तमान 10% से बढ़ाकर 50% करने का निर्णय लिया है।

अन्य संबंधित जानकारी

  • मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) में कांस्टेबल पदों पर 50% आरक्षण की अधिसूचना के साथ नीति में बदलाव की घोषणा की, और आने वाले दिनों में अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में भी भूत-पूर्व-अग्निवीरों के लिए ग्रुप सी (Group C) पदों पर आरक्षण बढ़ाया जाएगा।
  • वर्तमान में, भूत-पूर्व-अग्निवीरों को शारीरिक मानक परीक्षण (PST) और शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET) से छूट दी गई है, लेकिन अन्य उम्मीदवारों की तरह उन्हें भी लिखित परीक्षा देनी होगी।
  • अग्निवीरों का पहला बैच 2026 में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद CAPF भर्ती के लिए पात्र हो जाएगा।

अग्निपथ योजना के बारे में

  • अग्निपथ योजना को 15 जून, 2022 को शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना और वायु सेना) में ‘अधिकारी रैंक से नीचे’ के कैडर में पुरुष और महिला दोनों अभ्यर्थियों को चार साल की अवधि के लिए ‘अग्निवीर’ के रूप में भर्ती करना है।
  • चार वर्ष के बाद, 25% तक अग्निवीरों को नियमित कैडर पदों (स्थायी सेवा) के लिए चुना जा सकता है, और शेष अग्निवीर अनुशासित, कुशल और प्रेरित व्यक्तियों के रूप में समाज में वापसी करेंगे और अन्य क्षेत्रों में रोजगार के लिए तैयार होंगे।
    • प्रत्येक अग्निवीर को चार वर्ष की सेवा के बाद लगभग ₹11.71 लाख का कर-मुक्त, एकमुश्त ‘सेवा निधि’ पैकेज मिलता है।
  • संगठनात्मक आवश्यकताओं और नीतियों के आधार पर, अग्निवीर सशस्त्र बलों में स्थायी नामांकन के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) के बारे में

  • केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPFs) सात सुरक्षा संगठनों के लिए सामूहिक नाम है, जिनमें असम राइफल्स (AR), सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) शामिल हैं।
  • ये सभी गृह मंत्रालय (MHA), नई दिल्ली के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कार्य करते हैं।
  • प्रत्येक CAPF का नेतृत्व एक महानिदेशक (Director General – DG) करता है, जो DGP- समकक्ष रैंक का एक अखिल भारतीय पुलिस सेवा का अधिकारी होता है।

पीएम सूर्य घर : मुफ़्त बिजली योजना

संदर्भ: हाल ही में, केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री ने राज्यसभा में एक लिखित बयान में कहा कि पीएम सूर्य घर: मुफ़्त बिजली योजना के कारण 7.7 लाख से अधिक परिवारों का बिजली बिल शून्य हो गया है।

अन्य संबंधित जानकारी

  • 9 दिसंबर 2025 तक, देश भर में लगभग 19.45 लाख रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे लगभग 24.35 लाख परिवारों को लाभ मिला है।
  • मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, इस योजना के तहत गुजरात अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है, जहाँ 4.93 लाख से अधिक रूफटॉप सोलर स्थापित किए गए हैं, जिनसे 7.10 लाख से अधिक परिवारों को लाभ मिला है।
  • विशेष रूप से, राज्य के 3.62 लाख से अधिक उपभोक्ताओं का बिजली बिल अब शून्य हो गया है।
  • आंध्र प्रदेश, असम और हरियाणा में भी इस योजना के तहत निरंतर प्रगति देखी गई है, जहाँ हजारों परिवार रूफटॉप सोलर सिस्टम से लाभान्वित हो रहे हैं।

पीएम सूर्य घर : मुफ़्त बिजली योजना के बारे में

  • पीएम सूर्य घर: मुफ़्त बिजली योजना फरवरी 2024 में ₹75,021 करोड़ के कुल परिव्यय (outlay) के साथ शुरू की गई थी, जिसका उद्देश्य वित्त वर्ष 2026-27 तक एक करोड़ आवासीय घरों में रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित करना है।
  • इस योजना का लक्ष्य सब्सिडी युक्त रूफटॉप सोलर स्थापना के माध्यम से परिवारों को प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ़्त बिजली प्रदान करना है।
  • लाभार्थियों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से सीधे केंद्रीय वित्तीय सहायता (CFA) प्रदान की जाती है, जिससे इंस्टॉलेशन की अग्रिम लागत कम हो जाती है।
  • यह योजना नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) के द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।

अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर

संदर्भ: हाल ही में, भारतीय सेना को AH-64E अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों का अंतिम बैच (जिसमें तीन हेलीकॉप्टर हैं)  प्राप्त हुआ। इसके साथ ही, राजस्थान के जोधपुर में स्थित 451 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन में सेना का छह-यूनिट का बेड़ा पूरा हो गया है।

अन्य संबंधित जानकारी

  • यह बैच जुलाई में प्राप्त तीन अपाचे हेलीकॉप्टरों के पहले बैच के बाद प्राप्त हुआ है। पहला बैच  मूल रूप से निर्धारित समय सीमा के बाद मिला थे।
  • इन हेलीकॉप्टर का बेड़े में शामिल होना भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि यह सेना की परिचालन क्षमताओं को निश्चित तौर पर बढ़ाएगा।
  • इन छह अपाचे हेलीकॉप्टरों को फरवरी 2020 में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हस्ताक्षरित $600 मिलियन के सरकार-से-सरकार (G2G) समझौते के तहत खरीदा गया था।

अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर

  • बोइंग द्वारा निर्मित AH-64E अपाचे, अपाचे हेलीकॉप्टर का सबसे उन्नत संस्करण है, जिसे आधुनिक बहु-क्षेत्रीय युद्ध वातावरण के लिए तैयार किया गया है।
  • यह प्लेटफार्म हेलफायर हवा-से-सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, हाइड्रा रॉकेट, स्टिंगर हवा-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलें और एक 30 मिलीमीटर की चेन गन ले जाने में सक्षम है।
  • यह हेलीकॉप्टर लॉन्गबो फायर कंट्रोल रडार से लैस है, जो 360-डिग्री कवरेज प्रदान करता है और इसमें सभी प्रकार के मौसम एवं रात में भी लक्ष्य का पता लगाने की बेहतर क्षमता है।
  • इस विमान में AH-64E संस्करण 6 अभिविन्यास के तहत उन्नत सेंसर, अपग्रेड किए गए सॉफ़्टवेयर और हथियार के बेहतर प्रदर्शन की क्षमता है।
  • यह हेलीकॉप्टर अंतरसंचालनीयता और संयुक्त अभियानों  के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो सशस्त्र बलों के अन्य प्लेटफार्मों के साथ निर्बाध समन्वय की सुविधा प्रदान करता है।
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