कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव की 7वीं NSA-स्तरीय बैठक

संदर्भ: हाल ही में भारत ने नई दिल्ली में कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव (Colombo Security Conclave) की 7वीं NSA-स्तरीय बैठक की मेज़बानी की।

अन्य संबंधित जानकारी

  • इस बैठक की मेज़बानी भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने की और बैठक में मालदीव, मॉरीशस, श्रीलंका और बांग्लादेश के NSA-स्तरीय प्रतिनिधि शामिल हुए, जबकि सेशेल्स पर्यवेक्षक के रूप में और मलेशिया प्रथम बार अतिथि के रूप में इसमें शामिल हुआ।
  • सदस्य देशों ने प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के माध्यम से सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की और सेशेल्स के कॉन्क्लेव में पूर्ण सदस्य के रूप में शामिल होने के निर्णय का स्वागत किया।

कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव

  • कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन (CSC) हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) के लिए एक क्षेत्रीय सुरक्षा समूह है जो छह सदस्य देशों (भारत, मालदीव, मॉरीशस, श्रीलंका, बांग्लादेश और सेशेल्स) को एक साथ एक मंच पर लाता है ताकि वे सामान्य सुरक्षा और सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर चर्चा और सहयोग कर सकें।
  • भारत द्वारा नियुक्त पहले महासचिव ने छठी बैठक में लिए गए निर्णयों की विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत की और सहयोग के पाँच स्तंभों में हुई प्रगति को रेखांकित किया, जिनमें शामिल हैं:
  • आतंकवाद और कट्टरपंथ का सामना करना
  • समुद्री सुरक्षा और संरक्षा
  • मानव तस्करी और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध से संघर्ष
  • साइबर सुरक्षा और महत्वपूर्ण अवसंरचना व तकनीक की सुरक्षा
  • मानवीय सहायता और आपदा राहत, जिसमें प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण भी शामिल है
  • CSC की स्थापना 2011 में मूलतः भारत, श्रीलंका और मालदीव द्वारा त्रिपक्षीय समुद्री सुरक्षा समूह के रूप में की गई थी।
  • कुछ समय के ठहराव के बाद, इसे 2020 में पुनः गठित किया गया और कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव के रूप में नया नाम दिया गया।
  • कोलंबो, श्रीलंका में एक स्थायी सचिवालय स्थापित किया गया, और सहयोग को औपचारिक रूप देने के लिए अगस्त 2024 में स्थापना संबंधी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए।

भारतीय नौसेना में शामिल हुआ INS माहे

संदर्भ: हाल ही में भारतीय नौसेना ने मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में INS माहे को शामिल किया, जो माहे-वर्ग के एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वॉटर क्राफ्ट (ASW-SWC) का पहला जहाज है।

अन्य संबंधित जानकारी

  • भारतीय नौसेना ने INS माहे को पश्चिमी नौसैनिक कमान द्वारा आयोजित एक समारोह के दौरान नौसेना में शामिल किया। इस समारोह की अध्यक्षता सेना प्रमुख ने की।
  • इस जहाज को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने डिज़ाइन और निर्मित किया, जो आठ जहाजों के वर्ग का प्रमुख जहाज है और भारतीय नौसैनिक शिपबिल्डिंग में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत के प्रयासों को दर्शाता है।
  • इस जहाज का नाम ऐतिहासिक तटीय नगर माहे के नाम पर रखा गया है और इसमें उरुमी तलवार, शुभंकर चीता और आदर्श वाक्य ‘साइलेंट हंटर’ जैसे प्रतीक शामिल किए गए हैं, जो चपलता, शक्ति और स्टील्थ को दर्शाते हैं।

INS माहे की मुख्य विशेषताएँ

  • INS माहे विशेष रूप से उथले और तटीय जल में पनडुब्बी रोधी ऑपरेशन के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह तटीय क्षेत्रों में सुरक्षा की पहली पंक्ति का काम करता है।
  • यह जहाज उन्नत सेंसर, संचार प्रणाली और हथियारों से लैस है, जो इसे पानी के भीतर खतरों का उच्च सटीकता के साथ पता लगाने, ट्रैक करने और निष्क्रिय करने में सक्षम बनाते हैं।
  • इस जहाज में 80 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है और इसमें भारतीय रक्षा उद्योगों एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों द्वारा विकसित तकनीकें और प्रणालियाँ समाहित हैं।
  • माहे-वर्ग के जहाज में स्टील्थ, गति और सहनशीलता का संयोजन है, जो प्रतिबंधित जल क्षेत्रों में निरंतर ऑपरेशन की सुविधा प्रदान करता है और संयुक्त मिशनों में बड़े नौसैनिक प्लेटफॉर्म का समर्थन करता है।

जेवलिन मिसाइल और एक्सकैलिबर टैक्टिकल प्रोजेक्टाइल 

संदर्भ: अमेरिका ने भारत को 92.8 मिलियन डॉलर मूल्य के जेवलिन और एक्सकैलिबर हथियारों की बिक्री की मंजूरी दी।

अन्य संबंधित जानकारी

  • अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (DSCA) ने घोषणा की कि इस बिक्री में भारत की रक्षा तैयारी को समर्थन देने के लिए 7 मिलियन डॉलर मूल्य का जेवलिन मिसाइल सिस्टम और 47.1 मिलियन डॉलर मूल्य के एक्सकैलिबर टैक्टिकल प्रोजेक्टाइल शामिल हैं।
  • इस समझौते के तहत अमेरिका 25 कमांड लॉन्च यूनिट के साथ 100 शोल्डर-लॉन्च FGM-148 जेवलिन एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) जिनकी दूरी 4 किमी. है, प्रदान करेगा।
  • अमेरिका 216 तक M982A1 एक्सकैलिबर प्रोजेक्टाइल और संबंधित उपकरण जैसे फायर कंट्रोल सिस्टम, प्रोपेलेंट चार्ज, तकनीकी सहायता और मरम्मत सेवाएँ भी प्रदान करेगा। भारत पहले से ही अपने M-777 हॉवित्जर गनों में एक्सकैलिबर तोपों गोला-बारूद का उपयोग करता है।

इस कदम का महत्व

  • इस मंजूरी से उस समय भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग को मजबूती मिलेगी, जब दोनों देश हिंद-प्रशांत क्षेत्र में गहरे रणनीतिक समन्वय की दिशा में प्रयासरत हैं।
  • इस बिक्री से भारत की संचालन क्षमता में सुधार होगा, विशेषकर टैंक रोधी युद्ध और लंबी दूरी की सटीक हमले की क्षमता में सुधार होगा।
  • यह कदम भारत की रक्षा खरीद को रूस पर निर्भरता कम करने और उसका विविधिकरण करने के अनुरूप है।

IBSA लीडर्स समिट

संदर्भ: हाल ही में, प्रधानमंत्री ने जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में आयोजित भारत–ब्राज़ील–दक्षिण अफ्रीका (IBSA) लीडर्स समिट में भाग लिया।

अन्य संबंधित जानकारी

  • यह बैठक जोहान्सबर्ग में G20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर दक्षिण अफ़्रीका के राष्ट्रपति की मेज़बानी में आयोजित की गई, जिसमें ब्राज़ील के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री ने भाग लिया।
  • भारत के प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट कार्रवाई की अपील की, दोहरे मानदंडों का विरोध किया और तीनों देशों के बीच NSA-स्तरीय संवाद को संस्थागत करने का प्रस्ताव रखा।
  • उन्होंने जलवायु-लचीली कृषि के लिए IBSA फंड बनाने और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना साझा करने के लिए डिजिटल इनोवेशन अलायंस बनाने का सुझाव भी दिया, जिसे अगले वर्ष भारत में AI इम्पैक्ट समिट में लॉन्च किया जाएगा।

IBSA के बारे में

  • IBSA संवाद मंच भारत, ब्राज़ील और दक्षिण अफ़्रीका का त्रिपक्षीय समूह है, जिसका सृजन तीन प्रमुख उभरते लोकतांत्रिक देशों के बीच दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देना है।
  • इस मंच को 6 जून 2003 को ब्रासीलिया घोषणा के माध्यम से औपचारिक रूप दिया गया, जिसमें सदस्यों के लोकतांत्रिक मूल्यों, विकासशील राष्ट्र के दर्जे और वैश्विक प्रभाव को रेखांकित किया गया।
  • IBSA का उद्देश्य एक नई अंतरराष्ट्रीय संरचना का निर्माण करना, वैश्विक मुद्दों पर एकीकृत आवाज प्रस्तुत करना और विविध क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करना है।
  • यह समूह सामाजिक असमानता जैसी साझा चुनौतियों को संबोधित करने और पारस्परिक विकास के लिए अपनी औद्योगिक क्षमताओं का लाभ उठाने पर केंद्रित है।

विश्व मत्स्य दिवस 2025

संदर्भ: भारत ने 21 नवंबर को विश्व मत्स्य दिवस मनाया, ताकि सतत मत्स्य पालन, आजीविका और जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।

अन्य संबंधित जानकारी

  • भारत में 2025 का विषय है भारत का समुद्री परिवर्तन: समुद्री खाद्य निर्यात में मूल्य संवर्धन को सुदृढ़ बनाना जो सतत मत्स्य पालन में भारत की बढ़ती नेतृत्व क्षमता और मूल्य संवर्धित समुद्री खाद्य निर्यात में उसकी बढ़ती हिस्सेदारी को रेखांकित करता है।
  • इस अवसर का आयोजन राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (NFDB) द्वारा किया जा रहा है, जो मत्स्य पालन क्षेत्र में मूल्य संवर्धन और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देने के भारत के संस्थागत फोकस को दर्शाता है।
  • वैश्विक मत्स्य उत्पादन में चीन के बाद भारत दूसरे स्थान पर है और यह विश्व के मत्स्य मछली उत्पादन में लगभग 8% योगदान देता है।
  • विश्व मत्स्य दिवस प्रतिवर्ष 21 नवंबर को मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन 1997 में नई दिल्ली, भारत में वर्ल्ड फोरम ऑफ फिश हार्वेस्टर्स एंड फिश वर्कर्स की स्थापना की गई थी।

दिवस का महत्त्व

  • विश्व मत्स्य दिवस समुद्री और आंतरिक जल में मत्स्य पालन के सतत प्रबंधन की आवश्यकता को रेखांकित करता है, ताकि बढ़ती वैश्विक आबादी के लिए दीर्घकालिक खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
  • यह दिवस आजीविका में (विशेषकर लघु मछुआरों) मत्स्य पालन और जलीय कृषि के योगदान को उजागर करता है और उनके अधिकारों, आय और कार्य परिस्थितियों की सुरक्षा के लिए किए जा रहे वैश्विक प्रयासों का समर्थन करता है।
  • यह अत्यधिक मछली पकड़ने को कम करने, अवैध, रिपोर्ट न की गई और अनियंत्रित मछली पकड़ने की रोकथाम तथा जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में जिम्मेदार जलीय कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने पर वैश्विक सहयोग को प्रोत्साहित करता है।

विश्व टॉयलेट समिट (WTS) 2025

संदर्भ: हाल ही में विश्व टॉयलेट संगठन (WTO) और सुलभ इंटरनेशनल ने संयुक्त रूप से नई दिल्ली, भारत में विश्व टॉयलेट समिट (WTS) 2025 का आयोजन किया।

अन्य संबंधित जानकारी

  • विश्व टॉयलेट समिट (WTS) एक वार्षिक कार्यक्रम है, जिसे विश्व टॉयलेट संगठन (WTO) द्वारा वैश्विक स्वच्छता संकट को संबोधित करने के लिए आयोजित किया जाता है।
  • इस समिट का उद्देश्य शौचालय और स्वच्छता से जुड़ी सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ना, बेहतर स्वच्छता के लिए अभ्यासों को बढ़ावा देना, और स्वच्छता समाधानों में नवाचार का समावेश करना है।
  • यह समिट नीति निर्माताओं, विशेषज्ञों, विकास साझेदारों, एनजीओ और बदलाव लाने वाले लोगों को एक साथ एक मंच पर लाती है ताकि स्वच्छता संबंधी चुनौतियों पर चर्चा की जा सके और समाधान खोजे जा सकें।
  • इस समिट ने विश्व टॉयलेट समिट की 25वीं वर्षगांठ मनाई और यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित विश्व टॉयलेट दिवस (19 नवंबर) के अवसर के साथ संपन्न हुआ।
  • विश्व टॉयलेट संगठन की स्थापना 19 नवंबर 2001 को हुई थी और उसी दिन पहला विश्व टॉयलेट समिट आयोजित किया गया था जो ऐसा पहला वैश्विक समिट था।
  • विश्व टॉयलेट दिवस 2025 का विषय: ‘स्वच्छता: गरिमा और पृथ्वी के लिए सामूहिक जिम्मेदारी’।

समिट का महत्व

  • इसका उद्देश्य जागरूकता का प्रसार करना और 2030 तक सभी के लिए स्वच्छ पानी और स्वच्छता सुनिश्चित करने हेतु सतत विकास लक्ष्य 6 (SDG 6) को हासिल करने के लिए कार्रवाई को प्रेरित करना है।
  • इस समिट का लक्ष्य सतत स्वच्छता भविष्य के लिए एक रोडमैप तैयार करना था, जो ‘दिल्ली घोषणा’ में परिणत हुआ।
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