पोर्टेबल सौर पैनल
संदर्भ:
वाराणसी भारत का ऐसा पहला शहर बन गया है जहाँ रेलवे पटरियों के बीच पोर्टेबल सौर पैनल लगाए गए हैं।
अन्य संबंधित जानकारी
- वाराणसी स्थित बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (BLW) ने रेलवे पटरियों के बीच स्थापित देश की पहली 70 मीटर लंबी हटाने योग्य (Removable) सौर पैनल प्रणाली चालू कर दी है।
- इस सौर पैनल प्रणाली में रेलवे पटरियों के बीच 15 किलोवाट शक्ति की क्षमता वाले 28 पैनल लगे हैं।
- पायलट परियोजना में स्वदेशी रूप से डिजाइन की गई विधि का उपयोग किया गया है, जिससे रेलगाड़ियों की आवाजाही में बाधा डाले बिना रेलवे पटरियों के बीच सौर पैनल स्थापित किए जा सकते है।
- यह प्रणाली 240 किलोवाट प्रति किलोमीटर के शक्ति घनत्व और 960 यूनिट प्रति किलोमीटर प्रति दिन का ऊर्जा घनत्व प्राप्त करने में सक्षम है।
- सौर पैनल अधिकतम 1500 वोल्ट की सिस्टम वोल्टेज को संभाल सकते हैं और इन्हें सुरक्षा वर्ग II रेटिंग के साथ वर्ग A अनुप्रयोग के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
वाराणसी में स्थापित पोर्टेबल सौर पैनलों का महत्व
- हरित एवं टिकाऊ रेल परिवहन – यह पहल भारतीय रेलवे के शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम है क्योंकि इससे अतिरिक्त भूमि का उपयोग किए बिना स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन किया जा सकता है।
- परिचालन लचीलापन – पारंपरिक स्थिर सौर सेटअपों के विपरीत, ये पैनल हटाए जा सकते हैं, जिससे निर्बाध ट्रेन संचालन सुनिश्चित करते हुए रेलवे पटरियों का रखरखाव और मरम्मत करना भी आसान हो जाता है।
- परिवर्तनीय नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता – 1.2 लाख किमी. ट्रैक नेटवर्क के साथ, इस मॉडल को लागू करने से बड़े पैमाने पर नवीकरणीय ऊर्जा का उत्पादन हो सकता है जिससे भारत की पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता कम हो सकती है और ऊर्जा में आत्मनिर्भरता बढ़ सकती है।
बाल चिकित्सा स्वास्थ्य पर 30वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी
संदर्भ:
हाल ही में, राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (RAV) ने नई दिल्ली में “आयुर्वेद के माध्यम से बाल चिकित्सा में रोग प्रबंधन और स्वास्थ्य” पर 30वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी को सफलतापूर्वक सम्पन्न किया।

अन्य संबंधित जानकारी
दो दिवसीय सेमिनार (18-19 अगस्त 2025) में 500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इसमें बच्चों में रोग प्रबंधन और स्वास्थ्य संवर्धन दोनों विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। इस प्रकार बाल स्वास्थ्य में आयुर्वेद के महत्त्व को रेखांकित किया गया।
दो दिवसीय कार्यक्रम में शामिल थे:
- आयुर्वेद में बाल स्वास्थ्य पर 20 वैज्ञानिक शोध पत्र प्रस्तुतियाँ।
- युवा विद्वानों द्वारा किए गए नवीन अध्ययनों को प्रदर्शित करने वाले पोस्टर सत्र।
- बच्चों में निवारक और प्रोत्साहनकारी स्वास्थ्य सेवा पर पैनल चर्चाएँ।
- स्मारिका का विमोचन और संगोष्ठी किट एवं भागीदारी प्रमाणपत्रों का वितरण।
राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (RAV)
- 1988 में स्थापित राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ, आयुष मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन है।
- राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ का मुख्य उद्देश्य प्राचीन गुरुकुल शिक्षण पद्धति के माध्यम से आयुर्वेद के शास्त्रीय, व्यावहारिक और ग्रंथ आधारित ज्ञान को संरक्षित और प्रसारित करनाहै।
18वाँ अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान ओलंपियाड (IESO)
संदर्भ:
हाल ही में हुए 18वें अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान ओलंपियाड (IESO 2025) में टीम इंडिया ने 7 पदक और 1 विशेष पुरस्कार जीता।
अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान ओलंपियाड, 2025
- अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान ओलंपियाड, 2025 का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय भूविज्ञान शिक्षा संगठन समिति के मार्गदर्शन में चीन के जिनिंग में किया गया था।
- इसमें दुनिया भर के 32 देशों के हाई स्कूल के छात्रों ने भाग लिया।
सह-मेजबान:
- जिनिंग कन्फ्यूशियस स्कूल
- शेडोंग विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
- यानयुआन स्कॉलरली (बीजिंग) शिक्षा एवं प्रौद्योगिकी समूह कंपनी लिमिटेड
- चीनी पृथ्वी विज्ञान ओलंपियाड समिति
अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान ओलंपियाड के बारे में
- अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान ओलंपियाड (IESO) माध्यमिक विद्यालय के छात्रों के लिए एक वैश्विक शैक्षिक प्रतियोगिता है, जिसका आयोजन अंतर्राष्ट्रीय भूविज्ञान शिक्षा संगठन (IGEO) द्वारा किया जाता है।
- इसका उद्देश्य विश्व भर में भूविज्ञान शिक्षा के स्तर को बढ़ाना और पृथ्वी विज्ञान के बारे में जन जागरूकता का प्रसार करना है।
- यह बारह अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान ओलंपियाड में से एक है।
- पहला अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान ओलंपियाड 2007 में दक्षिण कोरिया के डेगू में आयोजित किया गया था और तब से यह हर वर्ष आयोजित किया जाता है।
- भारत ने अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी विज्ञान ओलंपियाड , 2013 की मेजबानी की थी जोकि मैसूर में संपन्न हुआ था।