जीसैट-20

संदर्भ: 

हाल ही में, भारत के GSAT-20 (N2)  संचार उपग्रह को स्पेस एक्स के फाल्कन-9 रॉकेट द्वारा सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया।

अन्य संबंधित जानकारी

यह पहला अवसर है जब इसरो की वाणिज्यिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड ने उपग्रह तैनाती के लिए स्पेस एक्स के साथ साझेदारी की है।

GSAT-20 (N2) यह न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (इसरो की एक वाणिज्यिक शाखा) का एक Ka-बैंड (Ka-band) [27 गीगाहर्ट्ज  से 40 गीगाहर्ट्ज तक की आवृत्तियां) उच्च-प्रवाह क्षमता वाला संचार उपग्रह है। 

  • Ka-band  का उपयोग मुख्यतः उपग्रहों के साथ संचार स्थापित करने हेतु किया जाता है।

इसका उद्देश्य भारतीय क्षेत्र में ब्रॉडबैंड सेवाओं और इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी (IFC) को बढ़ाना है।

  • इस उपग्रह में विविध स्पॉट बीम और वाइडबैंड Ka x Ka ट्रांसपोंडर भी लगे हैं। 
  • इसका उद्देश्य छोटे उपयोगकर्ता टर्मिनलों के साथ बड़े ग्राहक आधार को सहायता प्रदान करना है तथा इसकी विविध-बीम प्रणाली , जो आवृत्ति के पुनः उपयोग की अनुमति देता है, के माध्यम से तंत्र प्रवाह क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाना है।
  • GSAT-N2 का द्रव्यमान 4700 किलोग्राम है तथा इस  मिशन का  जीवनकाल  14 वर्षों का है। 
  • यह उपग्रह 32 उपयोगकर्ता बीम से सुसज्जित है, जिसमें पूर्वोत्तर क्षेत्र पर 8 संकीर्ण स्पॉट बीम और शेष भारत पर 24 चौड़े स्पॉट बीम शामिल हैं। इन 32 बीम को भारत में स्थित हब स्टेशनों द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी। 
  • Ka-band  एचटीएस संचार पेलोड 32 बीमों पर लगभग 48 जीबीपीएस की प्रवाह क्षमता प्रदान करता है, जो ब्रॉडबैंड पहुँच सुविधा (अंडमान और निकोबार तथा लक्षद्वीप द्वीपसमूह तक विस्तारित) सुनिश्चित करता है।
  • पेलोड में तीन परवलयिक 2.5-मीटर तैनात करने योग्य रिफ्लेक्टर शामिल हैं, जिनमें कई फीड हैं, जो प्रति बीम विन्यास के एकल फीड का उपयोग करके भारतीय क्षेत्र पर 32 स्पॉट बीम सृजित करते हैं। 
  • इस उपग्रह का उद्देश्य भारत के स्मार्ट सिटी मिशन के लिए आवश्यक संचार अवसंरचना में डेटा प्रवाह क्षमता को बढ़ाना है।

भारत का 56वाँ टाइगर रिजर्व

संदर्भ: 

हाल ही में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने गुरु घासीदास-तमोर पिंगला टाइगर रिजर्व (छत्तीसगढ़) को देश के 56वें  बाघ अभयारण्य  के रूप में अधिसूचित किया।

गुरु घासीदास-तमोर पिंगला बाघ अभयारण्य अवस्थिति: यह छत्तीसगढ़ के उत्तरी भाग में, मध्य प्रदेश और झारखंड की सीमा पर स्थित है।

  • यह पश्चिम में मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और पूर्व में झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व से जुड़ा हुआ है।
  • यह रिजर्व छोटा नागपुर पठार में स्थित  है और आंशिक रूप से बघेलखंड पठार तक विस्तृत  हुआ है। यह मध्य प्रदेश के संजय दुबरी बाघ अभयारण्य से भी सटा हुआ है। 

नदियाँ: यह अभयारण्य  हसदेव, गोपद और बारंगा जैसी महत्वपूर्ण नदियों का उद्गम स्थल है और यह नेउर, बीजाधुर, बनास, रेहंद जैसी  कई छोटी धाराओं और छोटी नदियों के लिए जलग्रहण क्षेत्र के रूप में कार्य करता है।

  • यह नागार्जुन सागर-श्रीशैलम बाघ अभयारण्य (आंध्र प्रदेश) और मानस बाघ अभयारण्य (असम) के बाद भारत का तीसरा सबसे बड़ा बाघ अभयारण्य है।
  • भूभाग: इस क्षेत्र में विविध भूभाग, घने जंगल और कई धाराएं और नदियाँ हैं, जो समृद्ध जैव  विविधता हेतु अनुकूल वातावरण सृजित करती हैं। यह बाघों के लिए एक महत्वपूर्ण आवास के रूप में कार्य करता है।
  • जीव-जंतु: भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के अनुसार, इस अभ्यारण्य में  753 पंजीकृत प्रजातियों का बास है, जिनमें 365 अकशेरुकी और 388 कशेरुकी शामिल हैं।
  • छत्तीसगढ़ के अन्य टाइगर रिजर्व: उदंती-सीतानदी, अचानकमार और इंद्रावती बाघ अभयारण्य ।

सतत व्यापार सूचकांक 2024

संदर्भ: 

सतत व्यापार सूचकांक 2024 के तीसरे संस्करण में भारत को 23 वां स्थान प्राप्त हुआ है। 

सतत व्यापार सूचकांक 

  • सतत व्यापार सूचकांक(STI) को वर्ष 2022 में अंतर्राष्ट्रीय प्रबंधन विकास संस्थान-विश्व प्रतिस्पर्धात्मकता केंद्र और हिनरिच फाउंडेशन द्वारा  किया गया था। 
  • सतत व्यापार सूचकांक (STI) 30 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रणाली में भाग लेने की क्षमता को मापता है।  
  • वर्ष 2024 में, न्यूजीलैंड पहले स्थान पर रहा, उसके बाद ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।

यह सतत व्यापार को मापने हेतु 72 आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय संकेतकों का उपयोग करता है:

  • आर्थिक स्तंभ: यह किसी भी अर्थव्यवस्था की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के माध्यम से आर्थिक विकास सुनिश्चित करने और बढ़ावा देने की क्षमता को मापता है। 
  • सामाजिक स्तंभ: यह उन सामाजिक कारकों को मापता है जो किसी अर्थव्यवस्था की दीर्घावधि में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार करने की क्षमता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • पर्यावरणीय स्तंभ: यह मापता है कि किसी अर्थव्यवस्था का व्यापार किस सीमा तक स्थायी संसाधनों की सहायता करता है।

सूचकांक में भारत की स्थिति

  • भारत को सतत व्यापार सूचकांक में वैश्विक स्तर पर 23वां स्थान मिला, जो पिछले वर्ष 2023 की तुलना में एक स्थान का सुधार है।
  • भारत का समग्र स्कोर 24 है, जिसमें आर्थिक कारकों के लिए 62.3, सामाजिक पहलुओं हेतु 13.3 तथा पर्यावरणीय कारकों के लिए 43.1 शामिल हैं।

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