राष्ट्रीय महिला आयोग 

संदर्भ: 

हाल ही में, श्रीमती विजया किशोर रहाटकर को राष्ट्रीय महिला आयोग  की 9वीं अध्यक्ष नियुक्त किया गया |

राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW)

  • इसे राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के तहत जनवरी 1992 में एक वैधानिक निकाय के रूप में स्थापित किया गया था।
  • प्रथम आयोग का गठन 31 जनवरी, 1992 को किया गया, जिसकी अध्यक्ष सुश्री जयंती पटनायक थीं।
  • यह आयोग महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।

आयोग में निम्नलिखित शामिल होते है:

  • महिलाओं के हितों के लिए प्रतिबद्ध एक अध्यक्ष, जिसे केन्द्र सरकार द्वारा नामित किया जाता है।
  • पांच सदस्य केन्द्रीय सरकार द्वारा नामित किए जाते है, जिसमें  कम से कम एक सदस्य क्रमशः अनुसूचित जाति  और अनुसूचित जनजाति  से संबंधित हो।
  • केन्द्रीय सरकार द्वारा नामित एक सदस्य-सचिव।

NCW का उद्देश्य :

  • भारतीय महिला घर और बाहर सुरक्षित हो, उन्हे  अपने सभी अधिकारों और हकों तक पहुंचने का पूरा अधिकार हो, तथा जीवन के सभी क्षेत्रों में समान   अवसर प्राप्त हो ।

विजय किशोर रहाटकर के बारे में

महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल (2016-2021) के दौरान उन्होंने निम्नलिखित पहल की अगुवाई की:

  • “ सक्षमा ” (एसिड अटैक पीढ़ितों के लिए सहायता)
  • “प्रज्वला” (स्वयं सहायता समूहों को केंद्र सरकार की योजनाओं से जोड़ना)
  • “सुहिता” (महिलाओं के लिए 24×7 हेल्पलाइन सेवा)।

‘अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री महासंघ’ विश्व अंतरिक्ष पुरस्कार

संदर्भ: 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष डॉ. एस. सोमनाथ को प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री महासंघ (IAF) विश्व अंतरिक्ष पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

अन्य संबंधित जानकारी

चंद्रयान-3 मिशन की उल्लेखनीय सफलता के लिए प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री महासंघ (आईएएफ) विश्व अंतरिक्ष पुरस्कार प्रदान किया गया।

  • चन्द्रयान-3 चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव के निकट पहुँचने वाला पहला मिशन था।

पुरस्कार के बारे में 

  • यह पुरस्कार अंतरिक्ष विज्ञान, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष चिकित्सा, अंतरिक्ष कानून या अंतरिक्ष प्रबंधन में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है, जिसका अंतरिक्ष विज्ञान की  प्रगति पर असाधारण प्रभाव पड़ता हो।

यह पुरस्कार दो श्रेणियों में दिया जाता है: – 

  • श्रेणी ए: अंतरिक्ष क्षेत्र में असाधारण योग्यता वाला कोई भी व्यक्ति
  • श्रेणी बी: ​​अंतरिक्ष क्षेत्र में असाधारण उपलब्धि वाली कोई भी टीम

2023 के विजेता:

  • श्रेणी ए: एलोन मस्क
  • श्रेणी बी: नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA), यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA), कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी (CSA) जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप टीम ।

IAF के बारे में : 

  • यह एक गैर लाभकारी,गैर-सरकारी संगठन  है |
  • यह विश्व की अग्रणी अंतरिक्ष संस्था है जिसकी  स्थापना 1951 मे फ्रांसीसी कानून के तहत की गई थी।
  • सभी अंतरिक्ष एजेंसियों,कंपनियों,सोसाइटी,संगठनों,को शामिल करते हुए इसमे 513 सदस्य है (77 देशों से) 

कर्मयोगी सप्ताह

संदर्भ:

हाल ही मे,  भारत के प्रधानमंत्री ने ‘ कर्मयोगी सप्ताह’- राष्ट्रीय शिक्षण सप्ताह अभियान का शुभारंभ किया 

अन्य संबंधित जानकारी

  • कर्मयोगी ‘ सप्ताह ‘ का शुभारंभ 19 अक्टूबर को नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में किया गया।
  • इसका उद्देश्य “एक सरकार” का संदेश देना, सभी को राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ जोड़ना और आजीवन शिक्षा को बढ़ावा देना है।
  • यह कार्य प्रणालियों को बेहतर बनाने में मददगार होगा  जिससे विकसित भारत 2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने मे सहायता मिलेगी |
  • मिशन कर्मयोगी को सितंबर 2020 में लॉन्च किया गया था, जिसमें वैश्विक परिप्रेक्ष्य के साथ भारतीय लोकाचार पर आधारित भविष्य के लिए तैयार सिविल सेवा की कल्पना की गई थी।

 इंडिया केम 2024

संदर्भ: 

हाल ही में केंद्र सरकार ने “इंडिया केम 2024” के 13 वें संस्करण का आयोजन किया ।

अन्य संबंधित जानकारी:

  • रसायन और उर्वरक मंत्रालय, रसायन और पेट्रोरसायन विभाग, भारत सरकार, भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के साथ मिलकर 18 से 20 सितंबर 2024 तक  बॉम्बे प्रदर्शनी केंद्र (नेस्को), मुंबई  में “इंडिया केम 2024” का आयोजन किया गया ।
  • यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रसायन और पेट्रोकेमिकल उद्योग के सबसे बड़े समग्र आयोजनों में से एक है  जिसमें  एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी भी शामिल है।

उद्योग का महत्व:

  • अर्थव्यवस्था में रासायनिक और पेट्रोकेमिकल क्षेत्र ,विनिर्माण सकल मूल्य संवर्धन में 9% से अधिक तथा कुल निर्यात में 7% से अधिक का योगदान देता।
  • अनुमान है कि भारत का रासायनिक एवं पेट्रोकेमिकल उद्योग 2028 तक 300 बिलियन डॉलर को पार कर जाएगा तथा 2040 तक 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।
  • विश्व में छठा सबसे बड़ा और एशिया में तीसरा सबसे बड़ा रसायन उत्पादक होने के नाते, भारत 175 से अधिक देशों को रसायन निर्यात करता है, जो इसके कुल निर्यात का 15% है।

सकुरा (SAKURA) कार्यक्रम 2024

संदर्भ: 

भारतीय छात्र सकुरा कार्यक्रम 2024 में भाग लेंगे।

अन्य संबंधित जानकारी

  • शिक्षा मंत्रालय का स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ( DoSEL ) 20-26 अक्टूबर 2024 तक 5 अन्य देशों के साथ सकुरा कार्यक्रम 2024 में भाग लेने के लिए 20 स्कूली छात्रों (10 लड़के और 10 लड़कियां) और 2 पर्यवेक्षकों को जापान भेज रहा है।
  • इस कार्यक्रम का उद्देश्य युवा शिक्षार्थियों में बौद्धिक क्षितिज और वैज्ञानिक अन्वेषण का विकास करना है।
  • जापान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एजेंसी (जेएसटी) 2014 से “जापान-एशिया युवा विज्ञान आदान-प्रदान कार्यक्रम” का क्रियान्वयन कर रही है, जिसे “सकुरा विज्ञान कार्यक्रम ” के नाम से भी जाना जाता है।
  • भारत को 2019 में सकुरा कार्यक्रम में शामिल किया गया। भारत ने पहली बार अप्रैल 2016 में इस कार्यक्रम में भाग लिया।

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वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2024

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