संदर्भ: 

हाल ही में, एक भारतीय अंतरिक्ष तकनीक स्टार्टअप पिक्सल ने कैलिफोर्निया से स्पेसएक्स रॉकेट से अपने फायरफ्लाई संकुलन के इमेजिंग उपग्रहों को लॉन्च किया ।

अन्य संबंधित जानकारी:

• गूगल और एक्सेंचर द्वारा समर्थित स्पेसटेक स्टार्टअप पिक्सल ने अपने फायरफ्लाई संकुलन के छह हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग उपग्रहों में से पहले तीन उपग्रहों को स्पेसएक्स के ट्रांसपोर्टर-12 राइडशेयर मिशन के तहत कैलिफोर्निया, USA के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से लॉन्च किया है|    

  • हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग कृषि, खनन, पर्यावरण निगरानी और रक्षा जैसे उद्योगों की सेवा के लिए सैकड़ों प्रकाश बैंडों में अत्यधिक विस्तृत डेटा एकत्र करती है।

• यह प्रक्षेपण पिक्सल के वाणिज्यिक समूह के पहले चरण का प्रतीक है, जिसमें 2025 की दूसरी तिमाही में तीन अतिरिक्त फायरफ्लाई उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की योजना है।

• पिक्सल ने पहले से विकसित छह अंतरिक्ष यानों के अलावा 18 और अंतरिक्ष यान जोड़ने की योजना बनाई है।

• स्पेसएक्स रॉकेट ने एक अन्य भारतीय अंतरिक्ष कंपनी दिगंतारा का उपग्रह भी प्रक्षेपित किया ।

फायरफ्लाई उपग्रह समूह के बारे में:

  • फायरफ्लाई उपग्रह समूह भारत की अंतरिक्ष यात्रा (पृथ्वी अवलोकन) में एक महत्वपूर्ण क्षण का प्रतीक है, क्योंकि यह देश का पहला वाणिज्यिक उपग्रह समूह है।
  • फायरफ्लाइज, विश्व के उच्चतम-रिजोल्यूशन वाले वाणिज्यिक हाइपरस्पेक्ट्रल उपग्रह हैं, जो हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग के मानक को बढ़ाते हैं तथा ग्रहों की निगरानी में अद्वितीय परिशुद्धता प्रदान करते हैं।
  • पारंपरिक पृथ्वी अवलोकन उपग्रहों के विपरीत, जो व्यापक वर्णक्रमीय बैंडों पर निर्भर करते हैं, फायरफ्लाई के संकीर्ण बैंड सेंसर कृषि से लेकर जलवायु कार्रवाई तक के अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण छिपे हुए पैटर्न और विसंगतियों को प्रदर्शित करते हैं।

भारत क्लीनटेक विनिर्माण प्लेटफॉर्म 

संदर्भ: 

हाल ही में, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने नई दिल्ली में भारत जलवायु फोरम 2025 के उद्घाटन अवसर पर भारत क्लीनटेक विनिर्माण प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया।

अन्य संबंधित जानकारी:

  • इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य सौर, पवन, हाइड्रोजन और बैटरी भंडारण क्षेत्रों में भारत की स्वच्छ प्रौद्योगिकी मूल्य श्रृंखलाओं को बढ़ाना है।
  • केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि स्वच्छ प्रौद्योगिकी क्षेत्र को सरकार से स्वतंत्र होना चाहिए और पीएलआई योजना से ही इस क्षेत्र को गति मिल सकती है।

भारत जलवायु फोरम 2025

  • इसका उद्देश्य भारत को स्वच्छ तकनीक विनिर्माण में वैश्विक शीर्ष के रूप में स्थापित करना, नेट-जीरो और विकसित भारत की दिशा में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।

यह फोरम छह आधारभूत विषयों पर ध्यान केंद्रित करेगा:

  • स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और भंडारण
  • नेट-जीरो के लिए विनिर्माण
  • ई-गतिशीलता और हरित परिवहन
  • जलवायु वित्त और निवेश जुटाना
  • औद्योगिक डीकार्बोनाइजेशन और स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण
  • जलवायु कार्रवाई और नेतृत्व के लिए साझेदारी का निर्माण

उत्कर्ष

संदर्भ: 

हाल ही में, लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने चेन्नई के पास एलएंडटी, कट्टुपल्ली शिपयार्ड में भारतीय नौसेना के लिए एक बहुउद्देश्यीय पोत ‘उत्कर्ष’ लॉन्च किया।

अन्य संबंधित जानकारी

• उत्कर्ष (जिसका अर्थ है – आचरण में श्रेष्ठ) भारतीय नौसेना के लिए मेसर्स एलएंडटी शिपयार्ड द्वारा निर्मित दो बहुउद्देश्यीय पोतों में से दूसरा है।

• मार्च 2022 में, रक्षा मंत्रालय और मेसर्स एल एंड टी शिपयार्ड के बीच दो बहुउद्देश्यीय जहाजों के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे।

  • ये दो जहाज हैं: समर्थ और उत्कर्ष।

• उत्कर्ष का प्रक्षेपण भारत की नौसैनिक ताकत को मजबूत करता है और रक्षा विनिर्माण में देश की बढ़ती क्षमताओं का प्रमाण है।

मुख्य विशेषताएं

  • यह पोत 106 मीटर लंबा, 18.6 मीटर चौड़ा है और इसे 15 नॉट की अधिकतम गति प्राप्त करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। 
  • यह जहाजों को खींचने, विभिन्न लक्ष्यों को लॉन्च करने और पुनर्प्राप्त करने, मानव रहित स्वायत्त वाहनों का संचालन करने और विकास के तहत विभिन्न स्वदेशी हथियारों और सेंसर के लिए परीक्षण मंच के रूप में कार्य करने में सक्षम होगा।

नाग MK2 मिसाइल

संदर्भ: 

हाल ही में, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने घोषणा की कि सफल फील्ड फायरिंग परीक्षणों के बाद ‘नाग एमके 2’ और पूरी प्रणाली सेना में शामिल होने के लिए तैयार है।

नाग MK2 मिसाइलों के बारे में

  • यह स्वदेशी रूप से विकसित तीसरी पीढ़ी की फायर-एंड-फॉरगेट एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) है।
  • इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित किया गया है।

मिसाइल की विशेषताएं

• यह मिसाइल इन्फ्रारेड तकनीक से लैस है जो लॉन्च से पहले लक्ष्य पर सटीक हमला सुनिश्चित करती है।

  • मसाइल का पहला सफल परीक्षण 1990 में किया गया था। 2017, 2018 और 2019 में परीक्षणों में तकनीकी प्रगति को शामिल किया गया। 

• यह उन्नत ‘दागो और भूल जाओ’ प्रौद्योगिकी पर काम करती है।

• हर मौसम में काम करने वाली यह मिसाइल 230 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से चलती है।

• यह मिसाइल 6 फीट 1 इंच लंबी है और इसका वजन लगभग 45 किलोग्राम है।

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