संदर्भ:

UDISE+ रिपोर्ट में 2022 और 2023-24 में पिछले वर्षों की तुलना में घटते स्कूल नामांकन पर प्रकाश डाला गया है।

अन्य संबंधित जानकारी:

2018-19 से 2021-22 तक, स्कूल नामांकन मामूली वार्षिक वृद्धि के साथ लगातार 26 करोड़ से ऊपर रहा।

2022-23 में नामांकन घटकर 25.17 करोड़ रह गया और 2023-24 में और घटकर 24.8 करोड़ रह गया, जो पिछले वर्षों की तुलना में 1.55 करोड़ छात्रों (लगभग 6%) की गिरावट को दर्शाता है ।

2018-19 की तुलना में 2023-24 में नामांकन में सबसे अधिक गिरावट बिहार (35.65 लाख की गिरावट) में दर्ज की गई , इसके बाद उत्तर प्रदेश (28.26 लाख की गिरावट) और महाराष्ट्र (18.55 लाख की गिरावट) का स्थान रहा।

आंध्र प्रदेश, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर तथा तेलंगाना में नामांकन में वृद्धि देखी गई है।

कुल स्कूल नामांकन 4 वर्गों में विभाजित है:

  • आधारभूत 5.34 करोड़
  • प्रारंभिक 6.75 करोड़
  • मध्य 6.31 करोड़
  • माध्यमिक 6.39 करोड़

2023-24 में लड़कों और लड़कियों के नामांकन में गिरावट आई।  लड़कों के  नामांकन में अधिक गिरावट आई (12.87 करोड़ लड़कों के नामांकन के साथ, लगभग 6.04% की कमी)।

लड़कियों के नामांकन में 4.5% की गिरावट आई (2023-24 में लगभग 11.93 करोड़ लड़कियों ने नामांकन किया)।

नामांकन में गिरावट का कारण 2022-23 में संशोधित डेटा संग्रह विधियां लागू की गईं, जिनके लिए अब छात्र-विशिष्ट डेटा (जैसे- नाम, आधार संख्या) की आवश्यकता होती है।

संशोधित डेटा संग्रहण विधियाँ:

  • इस परिवर्तन का उद्देश्य दोहरे नामांकन वाले छात्रों (सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में नामांकित छात्र) को हटाकर नामांकन के बढ़े हुए आंकड़ों को कम करना था।
  • वर्तमान में डेटा आधार से जुड़ा हुआ है, जिससे नामांकन के अधिक सटीक आंकड़े प्राप्त हो पाएंगे, हालांकि अभी भी आधार मिलान में तकनीकी समस्याएं बनी हुई हैं।
  • नई प्रणाली समग्र शिक्षा, पीएम पोषण और राष्ट्रीय छात्रवृत्ति जैसी विभिन्न योजनाओं के लिए लाभार्थियों की पहचान करने में सहायता करती है।
  • इससे भविष्य में सरकार को महत्वपूर्ण बचत होने की उम्मीद है।

स्कूली शिक्षा के लिए विभिन्न कार्यक्रम और योजनाएँ:

पीएम स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया (PM SHRI) : वित्त वर्ष 23 से वित्त वर्ष 27 की अवधि में 14,500 से अधिक पीएम श्री स्कूल स्थापित करने के लिए 2022 में (केंद्र प्रायोजित योजना) शुरू की गई। 

समग्र शिक्षा योजना : यह स्कूली शिक्षा के लिए एक एकीकृत योजना है, जिसमें प्री-स्कूल से लेकर कक्षा 12 को शामिल किया गया है।

  • यह योजना स्कूली शिक्षा को एक सतत प्रक्रिया मानती है और यह शिक्षा के लिए सतत विकास लक्ष्य (SDG-4) के अनुरूप है।
  • यह योजना  बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 को लागू करने में सहायता करती है तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की अनुशंसाओं के साथ भी संबद्ध करती है।
  • इसे अगले पांच वर्षों के लिए अथार्त 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया गया है।

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जैसे वंचित समूहों की लड़कियों के लिए कक्षा VI से XII तक के आवासीय विद्यालय हैं।

संस्थागत चरण के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF): आधारभूत चरण के लिए NCF को नई 5+3+3+4 पाठ्यचर्या संरचना के रूप में शुरू किया गया है, जो 3 से 8 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए प्रारंभिक बालवस्था देखभाल और शिक्षा को एकीकृत करता है। 

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